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    Delhi Flats: केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच फंसे गरीबों के फ्लैट, इस कारण आवंटन में हो रही है देरी

    By V K ShuklaEdited By: Prateek Kumar
    Updated: Wed, 02 Nov 2022 09:12 PM (IST)

    Delhi News केंद्र सरकार ने कहा है कि तैयार खड़े फ्लैटोें को अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कांप्लेक्स (एआरएचसी) योजना के तहत गरीबों काे किराये पर दे दिया जाए जबकि दिल्ली सरकार चाहती है कि फ्लैट गरीबों को आवंटित कर दिए जाएं।

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    केंद्र कह रहा कि झुग्गीवालों को किराये पर दे दो सरकारी फ्लैट, दिल्ली सरकार कह रही गरीबों को आवंटित करें।

    नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। सरकार के तहत गरीबों के लिए बनाए गए फ्लैट केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के बीच फंस गए हैं वर्षों से बने ये फ्लैट तैयार खड़े हैं मगर गरीबाें को नहीं मिल पा रहे हैं। इसका कारण दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार का एक राय नहीं होना है। केंद्र सरकार ने कहा है कि तैयार खड़े फ्लैटोें को अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कांप्लेक्स (एआरएचसी) योजना के तहत गरीबों काे किराये पर दे दिया जाए, जबकि दिल्ली सरकार चाहती है कि फ्लैट गरीबों को आवंटित कर दिए जाएं। इसी मांंग को लेकर कुछ समय पहले एक बार फिर दिल्ली सरकार ने केंद्र को पत्र लिखा है।

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    एआरएचसी योजना से बाहर करने का अनुरोध 

    दिल्ली सरकार ने केंद्र से 18,639 फ्लैटों को एआरएचसी याेजना से बाहर किए जाने का अनुरोध किया है। इसमें 9,535 दिल्ली सरकार को चाहिए हैं इनके लिए डूसिब आवंटन प्रक्रिया लगभग पूरी का चुका है। इनके लिए झुग्गी वालों से पैसा भी लिया जा चुका है। जबकि इसमें से 9,104 डीडीए ने मांगे हैं।

    केंद्र ने कोविड के बाद शुरू की एआरएचसी योजना 

    दिल्ली सरकार द्वारा जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन (जेएनएनयूआरएम) के तहत ये फ्लैट बनाए गए हैं। कोविड महामारी के चलते लगाए गए लाकडाउन के समापन के बाद प्रवासी शहरी गरीबों को किराये के आवास प्रदान करने के लिए केंद्र ने एआरएचसी योजना शुरू की। दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डूसिब) शहर में शहरी गरीबों को आवास प्रदान करने के लिए नोडल एजेंसी है।

    एक लाख 32 हजार रुपये की कीमत हुई है तय

    डूसिब पिछले कई साल से तैयार फ्लैटों को आवंटित करने की कोशिश कर रहा है।डूसिब ने दिल्ली सरकार की मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत झुग्गी वालों से प्रति फ्लैट एक लाख 32 हजार रुपये लेना निर्धारित किया हुआ है। फ्लैट की लागत का अन्य पूरा खर्च दिल्ली सरकार स्वयं उठा रही है। जिन लाेगों को फ्लैट मिलने हैं इनके लिए डूसब सर्वे भी करा चुका है।

    दो हजार फ्लैट अब तक हो चुके हैं आवंटित

    दिल्ली सरकार ने स्लम निवासियों के लिए आवंटन प्रक्रिया शुरू की थी, मगर 2020 में केंद्र की एआरएचसी योजना की घोषणा के बाद इसे रोक दिया गया था। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार आने के बाद से 2020 तक करीब दो हजार फ्लैट अब तक गरीबों को आवंटित किए गए हैं। इन आवंटियाें में अधिकतर झुग्गी वाले ऐसे हैं जाे सरकार की किसी याेजना के बीच आ रहे थे और सरकार के निर्देश पर इन्हें फ्लैट आवंटित किए गए हैं।

    इस तरह बंटे हुए हैं 18000 फ्लैट्स 

    दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 18,000 से अधिक फ्लैटों में से दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने डूसिब से शहरी गरीबों को आवास उपलब्ध कराने के लिए 9,104 फ्लैटों के लिए अनुरोध किया है।शेष 9,535 फ्लैटों के लिए डूसिब स्वयं के लिए चाहता है। इन फ्लैटों के लिए विभिन्न एजेंसियों और लाभार्थियों से शुल्क लिया है।पिछले कुछ वर्षों में यूपीए-युग की योजना जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन (जेएनएनयूआरएम) के तहत इन फ्लैटों का निर्माण किया गया है।

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