अंबेडकर विश्वविद्यालय में प्रदर्शन के बाद पांच छात्र और निलंबित, कुलपति और रजिस्ट्रार की रोकी थी कार
पिछले दिनों एक छात्रा से मानसिक प्रताड़ना मामले में पहचान उजागर करने के आरोप में तीन छात्रों को निलंबित कर दिया गया था। स्टूडेंट्स फेडरेशन आफ इंडिया (एसएफआइ) के नेतृत्व में यह छात्र निलंबन वापसी के लिए प्रदर्शन कर रहे थे। विश्वविद्यालय के अधिकारियों का कहना है कि प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कुलपति प्रो. अनु सिंह लाठर की कार को रोक लिया।

जागरण संवददाता, नई दिल्ली। डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय दिल्ली (एयूडी) ने उग्र प्रदर्शन के बाद पांच और छात्रों को निलंबित कर दिया है। छात्रों ने इसे दमनकारी कदम बताया है। विश्वविद्यालय ने कहा है कि कार्रवाई उन छात्रों पर की गई है, जिन्होंने गाड़ियों में तोड़फोड़ की और सरकारी कार्य में बाधा डाली।
पिछले दिनों एक छात्रा से मानसिक प्रताड़ना मामले में पहचान उजागर करने के आरोप में तीन छात्रों को निलंबित कर दिया गया था। स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के नेतृत्व में यह छात्र निलंबन वापसी के लिए प्रदर्शन कर रहे थे। विश्वविद्यालय के अधिकारियों का कहना है कि प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कुलपति प्रो. अनु सिंह लाठर की कार को रोक लिया।
जल्द ही कठोर कानूनी कार्रवाई होगी
रजिस्ट्रार की गाड़ी से लटक गए और उसे आगे नहीं बढ़ने दिया। उन्होंने कुलपति की कार को भी रोक दिया और रजिस्ट्रार की गाड़ी को नुकसान पहुंचाया। सुरक्षा कर्मियों और पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। इस संबंध में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई गई है और जल्द ही कठोर कानूनी कार्रवाई होगी। विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि निलंबित छात्र "सरकारी कार्यों में बाधा डालने, हमले की कोशिश करने और कैंपस के कर्मचारियों को खतरे में डालने" में शामिल थे।
'छात्राओं के साथ पुलिस ने दुर्व्यवहार, छेड़छाड़ और मारपीट की'
निलंबित छात्रों में छात्रसंघ की कोषाध्यक्ष शरण्या वर्मा, पीएचडी शोधार्थी शुभोजीत डे, एसएफआई की सचिव शेफाली, कीर्तना और अजय शामिल हैं। एसएफआइ ने आरोपों को खारिज करते हुए प्रशासन की कार्रवाई को "मनमानी और दमनकारी" बताया। एसएफआई ने अपने बयान में आरोप लगाया कि महिला छात्रों के साथ सुरक्षा कर्मियों और पुलिस ने दुर्व्यवहार, छेड़छाड़ और मारपीट की।
FBI ने निलंबन रद्द करने तक प्रदर्शन जारी रखने की बात कही
हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि ऐसे विरोध प्रदर्शन जो शैक्षणिक वातावरण को बाधित करें या किसी की सुरक्षा के लिए खतरा बनें, उन्हें किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "विश्वविद्यालय संवाद के लिए हमेशा तैयार है, लेकिन धमकी और हिंसा को स्वीकार नहीं किया जा सकता। एसएफआई ने निलंबन रद्द करने तक प्रदर्शन जारी रखने की बात कही है।

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