Delhi News: टिपलाइन रिपोर्ट की मदद से बाल अश्लीलता के 5 मामले दर्ज, जांच में जुटी पुलिस
Delhi News एनसीआरबी को एनसीएमईसी के माध्यम से टिपलाइन रिपोर्ट मिली थी। इसके बाद मामला जिले की साइबर पुलिस के संज्ञान में लाया गया। दक्षिणी जिले की साइ ...और पढ़ें

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दक्षिणी जिले की साइबर सेल में बाल अश्लीलता के मामले में राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो द्वारा (एनसीआरबी) द्वारा पांच लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है। एनसीआरबी को इसकी सूचना नेशनल सेंटर फार मिसिंग एंड एक्सप्लाइटेड चिल्ड्रेन (एनसीएमईसी) ने दी थी।
पुलिस ने पांचों मामलों को प्रथम दृष्टया आइटी एक्ट के तहत दर्ज किया है। आरोपितों की पहचान चितरंजन पार्क के नूपुर नंदी, अंबेडकर नगर के श्रवण कुमार, संगम विहार की मीना चौधरी, परवेज आलम और सोयम के रूप में हुई है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
एजेंसी को सोशल मीडिया से मिली थी शिकायतें
गौरतलब है कि दक्षिणी जिले की साइबर सेल में एनसीआरबी द्वारा बाल अश्लीलता के मामले में पांच शिकायतें दी गई। शिकायत के अनुसार, नेशनल सेंटर फार मिसिंग एंड एक्सप्लाइटेड चिल्ड्रेन (एनसीएमईसी) एजेंसी को फेसबुक व इंस्टाग्राम के माध्यम से बाल अश्लीलता से संबंधित पांच टिपलाइन शिकायतें मिली थी। शिकायत को एनसीएमईसी ने एनसीआरबी को भेजा और एनसीआरबी ने दिल्ली की आइएफएसओ, स्पेशल सेल के साथ ये जानकारी साझा की।
स्पेशल सेल ने मामले की छानबीन के बाद यह शिकायत दक्षिणी जिले की साइबर सेल को भेज दी। बता दें कि आरोपितों की फेसबुक व इंस्टाग्राम की यूजर आइडी की मदद से उनके बारे में काफी जानकारी हासिल की गई है जिनमें उनका नाम, पता, मोबाइल नंबर और जीमेल आइडी इत्यादि शामिल हैं। शिकायतों के साथ ही पुलिस को शिकायतों से संबंधित वीडियो भी उपलब्ध कराए गए हैं।
15 सेकंड से लेकर करीब साढ़े चार मिनट तक की इन वीडियो क्लिपों में नाबालिग लड़के और नाबालिग लड़कियां आपस में अश्लील हरकतें करते दिखाई दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि ये पांचों वीडियो 12 मई से लेकर 16 मई 2022 के बीच इंटरनेट मीडिया पर अपलोड किए गए हैं। जिले की साइबर सेल ने प्रथम दृष्टया आइटी एक्ट के तहत मामलों को दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
क्या है एनसीएमईसी और टिपलाइन शिकायत?
जब कोई नागरिक किसी मोबाइल नंबर या वेबसाइट के माध्यम से कानून प्रवर्तन एजेंसियों को किसी अपराध के बारे में एक टिप यानी गुप्त सूचना देता है तो इसे कार्रवाई के लिए एजेंसियों द्वारा एक टिपलाइन रिपोर्ट के रूप में बदल दिया जाता है। एजेंसियां कभी भी फोन करने वाले का नाम या कोई अन्य पहचान नहीं पूछती हैं और शिकायतकर्ता चाहे तो अपनी पहचान को पूरी तरह से गुप्त रख सकता है।
वहीं, एनसीएमईसी बाल शोषण के आनलाइन मामलों के लिए अमेरिका की केंद्रीकृत रिपोर्टिंग प्रणाली वाला संगठन है। एनसीएमईसी तीन साल पहले राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के साथ हुए एक समझौते के बाद भारत के साथ इन टिपलाइन रिपोर्टों को साझा करती है।
जब बाल अश्लीलता से संबंधित किसी सामग्री को इंटरनेट सेवा प्रदाताओं द्वारा एनसीएमईसी के ध्यान में लाया जाता है तो इस सूचना को एजेंसी द्वारा सत्यापित किया जाता है और संदिग्ध के संभावित स्थान का पता लगाया जाता है। इसके बाद एक टिपलाइन रिपोर्ट तैयार की जाती है और संबंधित कानून प्रवर्तन एजेंसियों को उपलब्ध कराई जाती है।
भारत में यह एजेंसी एनसीआरबी है। इसे प्राप्त करने के बाद एनसीआरबी राज्य पुलिस अधिकारियों को सूचना भेजती है। विशेषज्ञों की मानें तो एनसीएमईसी की टिपलाइन रिपोर्ट बाल अश्लीलता और बाल यौन शोषण के मामलों को रोकने में काफी मददगार साबित हो रही है।

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