किन्नर बनकर दिल्ली में रह रहे थे दो बांग्लादेशी नागरिक, पुलिस ने एक महिला समेत पांच घुसपैठियों को दबोचा
दिल्ली पुलिस ने दक्षिणी पश्चिम जिले में दो बांग्लादेशी नागरिकों तान्या और माही को गिरफ्तार किया है जो हार्मोनल इंजेक्शन और सर्जरी से ट्रांसजेंडर बनकर अवैध रूप से रह रहे थे। उन्होंने फर्जी दस्तावेजों से आधार और पैन कार्ड बनवाए थे और प्रतिबंधित आईएमओ ऐप से बांग्लादेश में संपर्क करते थे। पुलिस ने एक अन्य बांग्लादेशी नागरिक एम्ब्रोस को भी गिरफ्तार किया है।

जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। दक्षिणी पश्चिम जिला पुलिस की एंटी स्नैचिंग सेल ने हार्मोनल इंजेक्शन और सर्जरी करवाकर ट्रांसजेंडर बने दो बांग्लादेशी नागरिकों तान्या और माही को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके पास से दो मोबाइल फोन बरामद किए हैं, जिसमें प्रतिबंधित आइएमओ ऐप के माध्यम से दोनों बांग्लादेश में अपने स्वजन से संपर्क करती थीं।
इसके अलावा इनसे आधार कार्ड और पैन कार्ड भी बरामद किए हैं, जोकि इन्होंने फर्जी दस्तावेज की मदद से बनवाए थे। वहीं स्पेशल स्टाफ ने आरके पुरम में अवैध रूप से रह रहे एक बांग्लादेशी नागरिक एम्ब्रोस को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने तीनों को विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) भेज दिया है।
रोहिणी से तीन बांग्लादेशी गिरफ्तार
रोहिणी जिला पुलिस ने दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे तीन बांग्लादेशी घुसपैठिये को पकड़ा गया। इनमें से एक महिला भी शामिल है। इन सभी को स्पेशल स्टाफ, रोहिणी की टीम ने सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उन्हें निर्वासन केंद्र भेज दिया।
पुलिस टीम ने उन पर नजर रखनी शुरू की
पुलिस उपायुक्त सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि एंटी स्नैचिंग सेल को अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी (ट्रांसजेंडर) नागरिकों के बारे में सूचना मिली थी। इस पर पुलिस टीम ने उन पर नजर रखनी शुरू की। करीब आठ दिन तक उनकी निगरानी के बाद पुलिस टीम ने महिपालपुर, दिल्ली के पास से पीएनबी वाली गली, महिपालपुर निवासी माही और माता चौक, महिपालपुर निवासी तान्या को गिरफ्तार किया गया।
प्रतिबंधित आइएमओ ऐप का हो रहा था इस्तेमाल
पुलिस ने इनके पास से दो मोबाइल फोन बरामद किए हैं, जिनमें प्रतिबंधित आइएमओ ऐप भी इस्तेमाल किया जा रहा था। ऐप के माध्यम से दोनों बांग्लादेश में अपने स्वजन व रिश्तेदारों से बातचीत करती थीं। पुलिस को इनके फोन में इनके बांग्लादेश से संबंधित दस्तावेज भी मिले हैं। पुलिस ने फर्जी दस्तावेज से बने इनके आधार कार्ड और पैन कार्ड भी बरामद किए हैं।
बांग्लादेशी ट्रांसजेंडर की मदद से भारत में हुए दाखिल
पूछताछ के दौरान दाेनों आरोपितों ने बताया कि पिंकी और इरारा उर्फ नताशा नामक बांग्लादेशी ट्रांसजेंडर ने उन्हें रूप से सीमा पार कर भारत में दाखिल होने में मदद की थी। इन दोनों ने ही कुछ भारतीय एजेंटों की मदद से उनके फर्जी उनके आधार कार्ड और पैन कार्ड भी बनवाए। पुलिस उपायुक्त ने बताया कि पुलिस पिंकी, इरारा और उन भारतीय एजेंटों की भी पहचान कर उनकी गिरफ्तारी का भी प्रयास कर रही है। उनकी गिरफ्तारी और फर्जी दस्तावेजों की पुष्टि के बाद बीएनएस और आधार अधिनियम की संबंधित धाराएं मामले में जोड़ी जाएंगी।
भेष बदलने के लिए लगवाए हार्मोनल इंजेक्शन
पूछताछ के दौरान माही और तान्या ने बताया कि भारत में पहचान बदलकर रहने के लिए इन्होंने अपना रूप और लिंग बदलवाया था। इसके लिए दोनों ने मामूली सर्जरी और हार्मोनल इंजेक्शन लगाए थे। इसके बाद दोनों ट्रांसजेंडर के रूप में रहने लगे। किसी को इन पर शक न हो इसके लिए दोनों ट्रैफिक सिग्नल पर भीख मांगने लगे। पुलिस ने कानूनी औपचारिकताओं के बाद उन्हें विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) के निर्वासन केंद्र में भेज दिया है।
आरके पुरम में रह रहा बांग्लादेशी नागरिक भी गिरफ्तार
दक्षिणी पश्चिम जिले के स्पेशल स्टाफ ने भी एक बांग्लादेशी नागरिक एम्ब्रोस को गिरफ्तार किया है। आरोपित एम्ब्रोस करीब तीन साल पहले अवैध रूप से भारत में सीमा पार कर घुसा था और यहां आरके पुरम में रह रहा था। पुलिस ने जब उसे गिरफ्तार किया तो उसके पास से बांग्लादेशी दस्तावेज की फोटोकापी बरामद हुई। पुलिस ने उससे पूछताछ और कानूनी औपचारिकताओं के बाद उसे विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) के निर्वासन केंद्र में भेज दिया है।
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