Move to Jagran APP

केजरीवाल के वकील का तंज- आप इतने महान, वित्तमंत्री जेटली हुए भावुक

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने अरुण जेटली पर बतौर दिल्ली और जिला क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) के अध्यक्ष रहते घोटाले के आरोप लगाए थे।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 07 Mar 2017 07:17 AM (IST)Updated: Wed, 08 Mar 2017 01:33 PM (IST)
केजरीवाल के वकील का तंज- आप इतने महान, वित्तमंत्री जेटली हुए भावुक
केजरीवाल के वकील का तंज- आप इतने महान, वित्तमंत्री जेटली हुए भावुक

नई दिल्ली (जेएनएन)। अदालतों में ऐसे तो मानहानि के अनगिनत मामले चलते हैं और दोनों पक्षों के वकीलों के बीच जिरह व बहस भी होती रहती है, लेकिन सोमवार को हाई कोर्ट में मानहानि के एक ऐसे ही मामले में हुई जिरह इसलिए रोचक बन गई क्योंकि इसमें आमने-सामने देश के दो दिग्गज वकील अरुण जेटली और वयोवृद्ध राम जेठमलानी थे। अरुण जेटली व राम जेठमलानी के बीच रोचक जिरह हुई।

loksabha election banner

तीन घंटे की लंबी जिरह में जेठमलानी के कुछ चुटीले सवालों का जेटली ने जिस अंदाज में जवाब दिया उससे अदालत में अलग ही माहौल बन गया। संयुक्त रजिस्ट्रार अमित कुमार के समक्ष जेठमलानी ने जेटली से 52 सवाल पूछे। इस दौरान कई बार दोनों पक्षों के वकीलों में नोकझोंक हुई तो रजिस्ट्रार को उन्हें शांत कराना पड़ा। जेठमलानी के सवाल और जेटली के जवाब के कुछ रोचक अंश इस प्रकार हैं...।

यह भी पढ़ेंः केजरीवाल के मंत्री ने BJP को घेरा, बोले- असल में रामराज्य दिल्ली में आया 

जेठमलानी - आपने कैसे तय किया कि आपकी जो मानहानि हुई है, उसकी आर्थिक रूप से भरपाई की जा सकती है और ये मानहानि 10 करोड़ की है?

जेटली- मेरी मानहानि की क्षतिपूर्ति पैसे के आधार पर मुश्किल है। बहरहाल परिवार, दोस्तों या समाज के बीच जो मेरा महत्व या साख है, उस आधार पर 10 करोड़ का दावा किया है।

यह भी पढ़ेंः जेटली पर जेठमलानी का फिर तंज- जो चुनाव नहीं जीत पाया उसकी क्या इज्जत

जेठमलानी-कहीं यह मामला खुद को महान समझने का तो नहीं है। ऑक्सफोर्ड व वेबस्टर डिक्शनरी का जिक्र करते हुई उन्होंने सवाल किया कि साख व प्रतिष्ठा में क्या अंतर है। आपकी याचिका के पीछे तर्कसंगत कारण तो नजर नहीं आता सिवाय इसके कि आप खुद अपने बारे में ऐसा सोचते हैं।

जेटली- मेरे सम्मान को पहुंचे नुकसान के लिए जो मैंने दावा किया है, वह उस बड़ी क्षति का एक बहुत ही छोटा सा हिस्सा है। धन से सम्मान की भरपाई नहीं हो सकती है। सम्मान खोने से व्यक्ति को दिमागी तनाव पहुंचता है और मेरे साथ भी यही हुआ है।

जेठमलानी-आप यह मानते हैं कि आप इतने महान हैं कि इसे आर्थिक तौर पर नहीं मापा जा सकता।

जेटली (भावुक लहजे में)-मेरी छवि खराब करने के लिए मेरे खिलाफ लगाताअभियान चलाया गया। इसे रोकना जरूरी था, इसलिए केस किया। पूरे राजनीतिक जीवन में कभी भी राजनीतिक आलोचना को लेकर कुछ भी नहीं कहा। इस बार मेरी निष्ठा पर सवाल खड़े किए गए। मैं 1977 से वकालत कर रहा हूं। मीडिया रिपोर्ट से पता लगा कि दिल्ली सचिवालय में 2015 में पूर्व प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार के कार्यालय पर सीबीआइ छापेमारी पर सीएम ने कहा कि यह कार्रवाई मेरे कहने पर हुई, जबकि मुझे इसकी जानकारी नहीं थी। इसके बाद मुङो दिल्ली जिला एवं क्रिकेट संघ (डीडीसीए) से जुड़ी चीजों को लेकर निशाना बनाया गया। डीडीसीए की रिपोर्ट तैयार करने वाले नौकरशाह चेतन सांघी पर मनमुताबिक रिपोर्ट बनाने के लिए न तो दबाव डाला और न ही बैठक की।

यह है मामला

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दिल्ली जिला एवं क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में कथित घोटाले को लेकर झूठे आरोप लगाने का दावा करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, आप नेता कुमार विश्वास, आशुतोष, संजय सिंह, राघव चड्डा और दीपक वाजपेयी के खिलाफ हाई कोर्ट में 10 करोड़ की मानहानि का मुकदमा किया है। पटियाला हाउस कोर्ट में भी सभी पर आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज किया गया है। अगली जिरह मंगलवार को होगी। सोमवार को जेटली की तरफ से अधिवक्ता प्रतिभा सिंह, माणिक डोगरा आदि ने पैरवी की।

वहीं, पटियाला हाउस कोर्ट की मजिस्ट्रेट अदालत ने बीजेपी सांसद सुभाष चंद्रा द्वारा किए गए मानहानि के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ पेशी वारंट जारी किया है।

महानगर दंडाधिकारी स्निग्धा सरवरिया की अदालत ने कहा कि मामले में पर्याप्त सुबूत उपलब्ध हैं जिनके आधार पर अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आइपीसी की धारा- 500 (मानहानि करना) के तहत आरोप तय किए जा सकते हैं। मुख्यमंत्री को 29 जुलाई को अगली तारीख पर अदालत के समक्ष पेश होने के निर्देश दिए गए हैं।

सुभाष चंद्रा ने बीते वर्ष 17 नवंबर को अदालत के समक्ष मानहानि की यह शिकायत की थी, जिसमें कहा गया था कि नोटबंदी के दौरान 11 नवंबर को की गई प्रेस कांफ्रेस में अरविंद केजरीवाल ने उनपर झूठे आरोप लगाए। कहा गया कि नोटबंदी से उनका कोई संबंध नहीं है, लेकिन फिर भी मुख्यमंत्री ने उन्हें इससे जोड़कर बदनाम करने का प्रयास किया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.