फिल्म पद्मावत: NCR पहुंची विरोध की ज्वाला, कई जगह आगजनी और हंगामा
बुधवार को करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने हरियाणा के कई जिलों में आगजनी की घटना को अंजाम दिया।
नई दिल्ली (जेएनएन)। सुप्रीम कोर्ट के मंगलवार को दिए गए फैसले से संजय लीला भंसाली की विवादस्पद फिल्म पद्मावत की ज्वाला दिल्ली एनसीआर पहुंच चुकी है। बुधवार को करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने हरियाणा के कई जिलों में आगजनी की घटना को अंजाम दिया। दिल्ली के कई मॉल्स में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
बुधवार को करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने फरीदाबाद, गुरुग्राम में जमकर हंगाम काटा। कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। कार्यकर्ताओं दिल्ली-हाईवे जाम कर दिया। इसके मद्देनजर दिल्ली के उन मॉल्स में सुरक्षा चुस्त कर दी गई है, जहां फिल्म को दिखाया जाना है।
वहीं, करणी सेना के समर्थक गुरुग्राम के वजीरपुर-पटौदी रोड पर पहुंचे और जाम लगा दिया। इसके बाद वहां टायरों को जलाकर अवरोध पैदा कर दिया।
वजीरपुर-पटौदी रोड पर प्रदर्शन कर रहे करणी सेना के कार्यकर्ताओं का कहना है कि पद्मावत फिल्मी की रिलीज पर पूरी तरह रोक लगाई जाए।
कानून व्यवस्था नहीं बिगड़े इसलिए दिल्ली से सटे गौतमबुद्धनगर जिले में गणतंत्र दिवस समेत अन्य कार्यक्रमों के चलते धारा 144 लगा दी गई है, वहीं, गुरुग्राम में भी 'पद्मावत' फिल्म के 25 जनवरी को रिलीज से पहले राजपूत करणी सेना की धमकी के मद्देनजर 28 जनवरी तक धारा 144 लगा दी है।
बता दें कि करणी सेना ने फिल्म की स्क्रीनिंग कर रहे सिनेमाघरों को निशाना बनाने की धमकी दी है। जानकारी के मुताबिक, गुरुग्राम में 40 से ज्यादा सिनेमाघर और मल्टीप्लेक्स हैं। हालांकि हरियाणा सरकार ने कहा है कि वह फिल्म के प्रदर्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करेगी।
वहीं, गुरुग्राम में डिप्टी कमिश्नर विनय प्रताप सिंह ने कहा कि कानून व्यवस्था में गड़बड़ी की आशंका के मद्देनजर धारा 144 लगाई है। 25 जनवरी को फिल्म 'पद्मावत' रिलीज हो रही है।
अब पद्मावत में विरोध जैसा कुछ भी नहीं
फिल्म पद्मावत को लेकर हो रहे विरोध के बीच मंगलवार को हिंदू संगठन से जुड़े कुछ लोगों ने लॉजिक्स मॉल में फिल्म देखी। इसके बाद उन लोगों ने कहा कि फिल्म में विरोध जैसा अब कुछ भी नहीं है। पूर्व में राजपूत स्वाभिमान को ठेस पहुंचाते कुछ दृश्य व तथ्य थे। जिसे अब हटा दिया गया है।
अब फिल्म का न तो विरोध होना चाहिए, न ही किसी को आक्रामक होने की जरूरत है। फिल्म देखने के बाद सेक्टर 57 में हिंदूवादी संगठन से जुड़े सुरेश चौहाड़, इतिहासकार हेमेन्द्र राजपूत व हिंदू धर्म से जुड़े डॉ एचएस रावत ने मीडिया से बातचीत की।
उन लोगों ने कहा कि हिंदूवादी संगठन के आगे संजय लीला भंसाली को झुकना पड़ा। उन्होंने फिल्म में राजपूत स्वाभिमान के खिलाफ मौजूद द़ृश्यों को हटा दिया है। करणी सेना के पदाधिकारियों के कहने पर यह फिल्म देखी गई। अब फिल्म में विरोध लायक कुछ भी नहीं है।
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