Stray Dogs: एमसीडी को आवारा कुत्तों की संख्या का पता नहीं, दिल्ली में फिर कैसे बनेंगे फीडिंग प्वाइंट?
यमुनापार में आवारा कुत्तों के लिए फीडिंग प्वाइंट बनाना नगर निगम के लिए मुश्किल है क्योंकि उनके पास वार्ड-वार कुत्तों की संख्या का कोई आंकड़ा नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद निगम को प्रत्येक वार्ड में कुत्तों की संख्या के अनुसार फीडिंग प्वाइंट बनाने हैं। आरडब्ल्यूए की गैरमौजूदगी के कारण एबीसी रूल का पालन नहीं हो पा रहा है।

आशीष गुप्ता, पूर्वी दिल्ली। यमुनापार में आवारा कुत्तों को खाना खिलाने के लिए फीडिंग प्वाइंट बनाना नगर निगम के लिए चुनौतीपूर्ण टास्क होगा। सुप्रीम कोर्ट ने आदेशानुसार कुत्तों की संख्या के हिसाब से प्रत्येक वार्ड में फीडिंग प्वाइंट बनाने हैं।
लेकिन निगम के दोनों जोन में पशु चिकित्सा विभाग के पास यह आंकड़ा नहीं कि यहां के किस वार्ड में कितने कुत्ते हैं। क्योंकि वर्ष 2009 के बाद यमुनापार में आवारा कुत्तों की गणना नहीं कराई गई। ऐसे में निगम के शाहदरा दक्षिणी और शाहदरा उत्तरी जोन को पहले वार्ड वार कुत्तों की संख्या पता करनी होगी।
इसमें टीकाकरण के रिकार्ड से कुछ मदद मिल सकती है, लेकिन वह पर्याप्त नहीं होगी। ऐसे में किस आधार पर वह फीडिंग प्वाइंट बनाएंगे, यह मंथन हो रहा है। फीडिंग प्वाइंट पर निगरानी को लेकर भी निगम अधिकारियों के मन में उधेड़बुन है।
यमुनापार में 61 वार्ड हैं। इनमें से निगम के शाहदरा उत्तरी जोन में 35 और शाहदरा दक्षिणी जोन में 26 वार्ड आते हैं। एबीसी रूल-2023 में आरडब्ल्यूए के स्तर पर फीडिंग प्वाइंट बनाने की बात पहले से थी। एबीसी रूल में स्पष्ट था कि फीडिंग प्वाइंट बच्चों के क्रीड़ा स्थल, प्रवेश और निकासी द्वार, सीढ़ियों और उन क्षेत्रों से दूर रहेगा जिससे नियमित आना-जाना होता है।
इसमें खाना खिलाने के समय निर्धारण को लेकर भी स्पष्टता थी। जिसका अधिकतर अनधिकृत कालोनियों में आरडब्ल्यूए न होने और सोसायटियों में आरडब्ल्यूए के पहल न करने से पालन नहीं होता था। क्योंकि सीधे तौर पर निगम की जिम्मेदारी नहीं थी, तो उनकी ओर से भी कोई दबाव नहीं दिया गया।
अब जब सुप्रीम कोर्ट ने नगर निगम को फीडिंग प्वाइंट बनाने का जिम्मा सौंप दिया है तो इसके पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को मंथन करना पड़ रहा है। वह आरडब्ल्यूए से बात कर उनके यहां फीडिंग प्वाइंट की जानकारी ले रहे हैं, लेकिन यही पता चल रहा है कि उनके यहां ऐसा कोई प्वाइंट नहीं।
निगम के पशु चिकित्सा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि फीडिंग प्वाइंट ऐसी जगह बनाना होगा जहां कुत्ते पहुंचे। इसके लिए उनको यह पता करना जरूरी होगा कि किस क्षेत्र में कितने कुत्ते कहां पर हैं। तभी आगे की कार्यवाही संभव होगी। उनका कहना है कि यह मुश्किल टास्क है
नगर निगम को आवारा कुत्तों के फीडिंग प्वाइंट निर्धारित करने के लिए जल्द कदम उठाना चाहिए, ताकि कोई सड़कों पर उनको खाना न खिलाए।
-बीएस वोहरा, अध्यक्ष, ईस्ट दिल्ली आरडब्ल्यूए ज्वाइंट फ्रंट
आवारा कुत्तों के फीडिंग प्वाइंट बनाने के मेहनत करनी होगी। जोन के स्तर पर इस दिशा में जल्द काम किया जाएगा।
-राम किशोर शर्मा, चेयरमैच, शाहदरा दक्षिणी जोन
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