Delhi Crime: 13 साल की बेटी से दुष्कर्म करनेवाले पिता को 20 साल की कारावास, कोर्ट ने सजा सुनाते हुए की यह टिप्पणी
साकेत कोर्ट ने 13 वर्षीय बेटी से दुष्कर्म करने के दोषी पिता को 20 साल की सजा सुनाई। कोर्ट ने कहा कि पीड़िता को कभी न खत्म होने वाली पीड़ा से गुजरना पड़ा। उसे डर था कि पिता को सजा होने पर समाज उसे दोषी ठहराएगा। कोर्ट ने पीड़िता को 16 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया। पिता ने घर की चारदीवारी के भीतर जघन्य अपराध किया।

जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। साकेत कोर्ट ने 13 वर्षीय बेटी के साथ बार-बार दुष्कर्म करने और अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने के दोषी पिता को 20 साल कारावास की सजा सुनाई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनु अग्रवाल की कोर्ट ने कहा कि पीड़िता कभी न खत्म होने वाली पीड़ा से गुजर रही थी। उसे अपराध के वर्षों बाद भी डर था कि अगर उसके पिता को सजा हुई तो समाज उसे ही दोषी ठहराएगा। कोर्ट ने पीड़िता को 16 लाख रुपये मुआवजा भी देने का आदेश दिया।
कोर्ट ने आदेश में कहा कि पीड़िता के साथ उसके पिता ने उसके घर की चारदीवारी के भीतर सबसे जघन्य अपराध किया। जिस पर उसने अपना पूरा भरोसा जताया था। कोर्ट ने व्यक्ति को 19 मई को यौन उत्पीड़न करने के लिए पाक्सो एक्ट, दुष्कर्म, अप्राकृतिक यौन संबंध और धमकी देने के आरोप में दोषी करार दिया था। कोर्ट में सजा की अवधि पर बहस के दौरान अतिरिक्त लोक अभियोजक अरुण केवी ने कहा कि दोषी को इस जघन्य अपराध के लिए कोई रियायत नहीं मिलनी चाहिए।
पीड़िता ने अपने पड़ोसी को आपबीती सुनाई
कोर्ट ने टिप्पणी की कि एक बच्चे के लिए, घर एक ऐसी जगह है जो उसे सुरक्षा, प्यार और स्नेह की भावना देती है। एक ऐसी जगह जहां बच्चे का पालन-पोषण होता है। पिता की छत्रछाया में बेटी खुद को सुरक्षित और संरक्षित महसूस करती है। कोर्ट ने कहा कि कई बार बच्चों की सबसे प्यारी जगह एक ऐसी बन जाती है, जहां उन्हें सबसे जघन्य अपराध का शिकार होना पड़ता है।
वर्तमान मामले में किशोरी के साथ ऐसे व्यक्ति ने दुष्कर्म किया है, जिस पर उसने सबसे ज्यादा भरोसा किया था। पीड़िता की बात सुनने के बाद ऐसा लगता है कि उसके लिए यह यातना कभी खत्म नहीं होगी। यह मामला 30 जून 2018 को सामने आया था। पीड़िता ने अपने पड़ोसी को आपबीती सुनाई थी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।