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    Delhi Accident: मंदिर मार्ग में चाय की दुकान में घुसी पीसीआर, विकलांग चाय विक्रेता की मौत

    Updated: Fri, 19 Sep 2025 04:45 AM (IST)

    मंदिर मार्ग इलाके में सुबह एक तेज रफ्तार पुलिस वैन चाय की दुकान में घुस गई जिससे 55 वर्षीय विकलांग चाय विक्रेता गंगाराम तिवारी की मौत हो गई। स्थानीय लोगों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने मामला दर्ज कर सिपाही को गिरफ्तार कर लिया है। गंगाराम अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए संघर्ष कर रहे थे।

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    मंदिर मार्ग में चाय की दुकान में घुसी पीसीआर, विकलांग चाय विक्रेता की मौत।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। मंदिर मार्ग इलाके में बृहस्पतिवार सुबह तेज रफ्तार में आइ पीसीआर वैन सड़क किनारे स्थित एक चाय की दुकान में घुस गई। हादसे में दुकान में सो रहे 55 वर्षीय विकलांग चाय विक्रेता गंगाराम तिवारी की मौके पर ही मौत हो गई।

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    घटना सुबह करीब पांच बजे की है। घटना के समय वैन में सिपाही खिमलेश सिंह और एएसआइ मौजूद थे। पुलिस ने मामला दर्ज कर सिपाही को गिरफ्तार कर उसे निलंबित भी कर दिया है।

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    हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि दोनों पुलिसकर्मी शराब के नशे में धुत थे और वैन को तेज रफ्तार में चला रहे थे। लोगों ने गाड़ी के अंदर से शराब की बोतल मिलने की भी बात कही। मौके पर मौजूद पास के मंदिर के महंत भोला गिरी ने बताया कि वह सुबह पूजा की तैयारी कर रहे थे तभी उन्हें जोरदार आवाज सुनाई दी।

    बाहर आकर देखा तो वैन रैंप पर चढ़ी हुई थी और पुलिसकर्मी लडख़ड़ाते हुए बाहर निकल रहे थे। हालांकि पुलिस अधिकारी ने शराब पीने के आरोपों से इन्कार किया है। उनका कहना है कि दोनों पुलिसकर्मियों की मेडिकल जांच कराने पर शराब पीने की पुष्टि नहीं हुई है।

    गंगाराम पिछले 15 सालों से मंदिर के सामने चाय बेचते थे। गंगाराम की जिंदगी बेहद संघर्षों से भरी थी। वह उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के रहने वाले थे और करीब 20 साल पहले परिवार का पेट पालने के लिए दिल्ली आए थे। बचपन से ही पोलियो से पीडि़त होने की वजह से उनका एक पैर काम नहीं करता था।

    करीब दस साल पहले हुए एक सड़क हादसे में उनके दोनों पैरों में गंभीर चोट लगी थी। इसके बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और मंदिर मार्ग पर सड़क किनारे एक छोटी सी चाय की दुकान खोल ली थी। वह दिन-रात काम करके हर महीने 10 से 12 हजार रुपये गोंडा भेजते थे ताकि उनकी पत्नी, पांच बेटे और बेटी का गुजर-बसर हो सके।

    घटना के बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और आरोप लगाया कि पुलिस आरोपितों को बचाने की कोशिश कर रही है। गुस्साए लोगों का आरोप था कि गरीब विकलांग चाय वाले की जान लेने वाले पुलिसकर्मियों को केवल निलंबित करना काफी नहीं है, उन्हें कड़ी सजा मिलनी चाहिए।