दिल्ली के इन 18 हॉटस्पॉट पर होते हैं घातक हादसे, हजार से ज्यादा लोगों ने गंवाई जान; बरतें सावधानी
दिल्ली सरकार की नई रिपोर्ट में ऐसे 18 हॉटस्पॉट को चिन्हित किया गया जहां पूरे दिल्ली में घातक सड़क दुर्घटनाओं के कारण सबसे ज्यादा मौतें होती हैं। रिपोर्ट के सामने आने के बाद अधिकारियों ने सड़क सुरक्षा के उपायों को लेकर चिंता जताई है।

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। दिल्ली में वैसे तो हर रोज सड़क दुर्घटना की खबरें सामने आती रहती हैं, जिनमें कई लोग अपनी जान गंवा देते हैं। अब दिल्ली सरकार ने एक नई रिपोर्ट जारी की है, जिसमें सरकार की ओर से 18 हॉटस्पॉट को चिन्हित किया गया, जहां पूरे दिल्ली में घातक सड़क दुर्घटनाओं के कारण सबसे ज्यादा मौतें होती हैं। इन सड़कों पर हताहतों को कम करने के लिए कुछ सुरक्षा उपाय करने की आवश्यकता है।
यह है 18 हॉटस्पॉट
दिल्ली रोड सेफ्टी रिपोर्ट: डाटा टु एक्शन के अनुसार, साल 2019 और 2021 के बीच तीन सालों में 10 से अधिक दुर्घटना संभावित 18 क्रैश हॉट स्पॉट में मुकरबा चौक (19 मौतें), मजनू का टीला-आउटर रिंग रोड स्ट्रेच (16 मौतें), सिग्नेचर ब्रिज के पास (16 मौतें) आजादपुर चौक (15 मौतें), पंजाबी बाग चौक (12 मौतें) निरंकारी चौक (12 मौतें), बुराड़ी चौक (12 मौतें), सीलमपुर चौक (12 मौतें), गाजीपुर गोल चक्कर (10 मौतें) और शिवाजी पार्क मेट्रो स्टेशन(10 मौतें) हुईं हैं।
दिल्ली की यातायात पुलिस द्वारा तैयार की दिल्ली क्रैश रिपोर्ट के अनुसार, साल 2021 में दिल्ली में सड़क दुर्घटनाओं के कारण 1239 लोगों ने अपनी जान गंवा दी, जो पिछले साल 1196 की तुलना में अधिक है। जबकि पैदल चलने वाली की मृत्यु में 40 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।
पैदल यात्रियों के लिए घातक साबित हुई हैं यह सड़कें
इसी रिपोर्ट में दस ऐसे हॉट स्पॉट की भी पहचान की गई है, जो सड़क पर पैदल चलने वालों के लिए घातक साबित हुए हैं।
बाबा खड़क सिंह मार्ग (10 मौतें)
जीटी करनाल रोड (84 मौतें)
नेताजी सुभाष मार्ग (11 मौतें)
दिलशाद गार्डन मेट्रो स्टेशन से आईएसबीटी कश्मीरी गेट तक (30 मौतें) हुईं हैं। वहीं, आउटर रिंग रोड पर साल 2019 से 2021 में पैदल चलने वाले 121 यात्रियों की मौतें हुईं हैं और इस दौरान 139 मोटर साइकिल सवारों की मौत हुई हुई है।
जानकारी के अनुसार राजधानी दिल्ली में आम तौर पर किसी भी भारतीय शहरों से ज्यादा यातायात दुर्घटनाएं होती हैं, जिससे राजधानी की सड़के लोगों के लिए सबसे घातक हो जाती हैं। अधिकारियों का कहना है कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सड़कों को सुरक्षित बनाने के लिए योजना बनाने में जरूरत है, जो सड़क दुर्घटनाएं कम हों।
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