परिजन बोले, सेल्फी लेने में हादसे की बात झूठी, बच्चों के पास नहीं थे मोबाइल
हकीकत यह है कि जिस वक्त छात्राएं बीच पर थीं, उस दौरान किसी के पास मोबाइल नहीं था। उनके कोच ने सभी के मोबाइल जमा करा लिए थे।
नई दिल्ली [हर्षित वर्मा]। ऑस्ट्रेलिया में एडिलेड के ग्लेनेल्ड बीच पर समुद्री लहरों की चपेट में आई छात्राओं के परिजन बेटियों की सेहत को लेकर चिंतित हैं। चार छात्राओं के परिजनों से दैनिक जागरण ने मंगलवार को विशेष बातचीत की।
मोबाइल नहीं था
अस्पताल में भर्ती दीपिका वेंकटेश की मां रेवा बरुआ ने बताया कि दीपिका के फेफड़े में पानी जाने से उसकी हालत काफी खराब थी। मंगलवार सुबह करीब सात बजे उसे वेंटिलेटर से हटाकर जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है, जहां अभी चार दिन और भर्ती रखा जाएगा।
उनका कहना है कि ऑस्ट्रेलिया मीडिया द्वारा बताया जा रहा है कि समुद्र में सेल्फी लेने की वजह से छात्राएं हादसे की शिकार हुईं, लेकिन हकीकत यह है कि जिस वक्त छात्राएं बीच पर थीं, उस दौरान किसी के पास मोबाइल नहीं था। उनके कोच ने सभी के मोबाइल जमा करा लिए थे।
उनका कहना है कि ऑस्ट्रेलिया का यह बीच काफी जानलेवा है। यहां पहले भी कई हादसे हो चुके हैं। ऐसे में छात्राओं को बीच पर क्यों जाने दिया गया, यह एक गंभीर सवाल है।
बीच पर जाने क्यों दिया
वहीं, अस्पताल में भर्ती दूसरी छात्रा वाणी पंत के पिता रमेशचंद पंत ने बताया कि उनकी बेटी की हालत में काफी सुधार है। उसे भी जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है, लेकिन अभी उपचार चलेगा। उनका कहना है कि छात्राओं की सुरक्षा को लेकर शुरू से ही सवाल खड़े हो रहे थे। इसके बावजूद उन्हें बीच पर जाने दिया गया, जो घोर लापरवाही रही।
कोच ने भी छिपाई हकीकत : अनन्या के पिता
अनन्या अरोड़ा के पिता मदनलाल अरोड़ा ने बताया कि जिस वक्त हादसा हुआ था, उस समय कोच ने पीड़ितों में अनन्या के शामिल होने से इन्कार किया था। सोमवार सुबह मोबाइल पर कोच का मैसेज आया कि आपकी बेटी भी घायल हो गई है। उसकी हालत काफी नाजुक है और अस्पताल में उपचार चल रहा है। मदनलाल का कहना है कि बच्चों की सुरक्षा पर लापरवाही का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि घटना के बाद भी उन्हें जानकारी नहीं दी गई। अब उनकी बेटी की तबीयत ठीक है। उसे सोमवार शाम को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी।
लापरवाही का नतीजा था वह हादसा : युक्ति के पिता
चौथी खिलाड़ी युक्ति वर्मा के पिता श्याम वर्मा ने बताया कि बेटी से मंगलवार शाम पांच बजे ही बात हुई है। उसकी हालत अब बिल्कुल ठीक है। उन्होंने बताया कि भारत की हॉकी टीम के खिलाड़ियों ने ही अपनी जान पर खेलकर चारों बच्चियों की जान बचाई। सुरक्षा टीम और ऑस्ट्रेलिया की ओर से काफी लापरवाही बरती गई है। चारों बच्चियां जल्द वापस आ जाएंगी।
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