राजधानी में फर्जी वीजा और पासपोर्ट गिरोह का भंडाफोड़, दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किए चार नाइजीरियाई
दिल्ली पुलिस ने बुराड़ी में एक फर्जी वीजा रैकेट का पर्दाफाश किया है जिसमें चार नाइजीरियाई नागरिक गिरफ्तार हुए हैं। ये लोग वीजा खत्म होने के बाद अवैध रूप से रह रहे अफ्रीकी नागरिकों को फर्जी वीजा बनाकर देते थे। पुलिस ने उनके पास से लैपटॉप प्रिंटर मोबाइल और नकली वीजा बरामद किए हैं। मुख्य आरोपी न्वाचुकु बेंजामिन धोखाधड़ी में भी शामिल था।

जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। दक्षिणी जिला पुलिस के स्पेशल स्टाफ ने बुराड़ी इलाके में चल रहे एक फर्जी वीजा व पासपोर्ट रैकेट का भंडाफोड़ कर चार नाइजीरियन नागरिकों को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार आरोपियों में नवाचुकु बेंजामिन, इमैनुएल इफियानीचुकु, पाल ओलिसामेका और महिला प्रेशियस ओसासेरे शामिल है। आरोपी अफ्रीकी मूल के नागरिकों को फर्जी वीजा तैयार करके देते थे।
पुलिस ने इनके पास से एक लैपटाॅप, एक कलर प्रिंटर, सात मोबाइल फोन, एटीएम कार्ड, पेन ड्राइव, नकली वीजा लगे छह पासपोर्ट और 17 हजार रुपये बरामद किए हैं। पुलिस इनसे पूछताछ करने में जुटी है। फर्जी वीजा के अलावा आरोपित धोखाधड़ी रैकेट भी चलाते थे।
पुलिस उपायुक्त अंकित चौहान ने बताया कि 10 सितंबर को स्पेशल स्टाफ ने छतरपुर से नाइजीरियन नागरिक बेंजामिन और कोट डी आइवरी निवासी कूलिबली मरियम को 355 ग्राम कोकेन के साथ गिरफ्तार किया था।
जांच के दौरान पुलिस को उनके पासपोर्ट पर लगे वीजा फर्जी मिले। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि उन्होंने बुराड़ी, संत नगर में रहने वाले नाइजीरियन नागरिक न्वाचुकु बेंजामिन से फर्जी वीजा बनवाया था।
पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर बुराड़ी में छापा मारा और वहां से न्वाचुकु बेंजामिन सहित चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने मौके पर फर्जी वीजा तैयार करने में इस्तेमाल किया जा रहा एक लैपटाप, एक कलर पि्रंटर, सात मोबाइल फोन, एटीएम कार्ड, पेन ड्राइव, छह नकली वीजा-पासपोर्ट और 17 हजार रुपये बरामद किए।
तीन हजार रुपये में लगाकर देते थे फर्जी वीजा
पूछताछ के दौरान आरोपित न्वाचुकु बेंजामिन ने पुलिस काे बताया कि वह वर्ष 2017 में डंकी रूट से भारत आया था। यहां वह वीजा समाप्त होने के बाद अवैध रूप से रहने वाले अफ्रीकी मूल के नागरिकों का फर्जी वीजा बनाने लगा।
आरोपित ने बताया कि वह उनके पासपोर्ट स्कैन कर उन पर डिजिटल रूप से बनाए नकली वीजा लगा देता था। इसकी एवज में वह उनसे दो से तीन हजार रुपये वसूलता था।
इसके अलावा इमैनुएल इफियानीचुकु, पाल ओलिसामेका और प्रेशियस ओसासेरे वर्ष 2020 में भारत आए थे और वीजा समाप्त होने के बाद यहां अवैध रूप से रह रहे थे। तीनों फर्जी वीजा बनवाने के चक्कर में ही न्वाचुकु के संपर्क में आए थे और उसके साथ काम करने लगे।
फर्जी वीजा के साथ चला रहा था धोखाधड़ी का रैकेट
न्वाचुकु बेंजामिन ने पुलिस को बताया कि फर्जी वीजा रैकेट के साथ ही वह धोखाधड़ी का रैकेट भी चला रहा था। वह इंटरनेट मीडिया पर यूरोपियन लोगों के नाम से फर्जी प्रोफाइल बनाकर लोगों को ठगता था।
वह लोगों को एयरपोर्ट पर कस्टम डिपार्टमेंट में सामान फंसने का झांसा देकर उनसे रुपये ऐंठ लेता या फिर उनका खाता हैक कर उसमें से रुपये निकाल लेता था।
ठगी की रकम को एटीएम के जरीये निकाल कर उन्हें दूसरे खातों में जमा कर दिया जाता था ताकि पुलिस मनी ट्रेल का पीछा कर उन तक न पहुंच सके।
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