Delhi News: डीटीसी बसों में फर्जी टिकट बेचने का खेल, कंडक्टर ही लगा रहे राजस्व को चूना; FIR दर्ज
Delhi DTC Bus विजिलेंस टीम ने दिल्ली के अलग-अलग थानों में अब तक चार मुकदमे दर्ज कराए हैं। पुलिस द्वारा अभी तक सिर्फ कंडक्टरों की गिरफ्तारी हुई है। डीट ...और पढ़ें

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। डीटीसी बसों में कंडक्टरों द्वारा फर्जी टिकट बेचकर सरकारी राजस्व को चपत लगाने के कई मामले सामने आ रहे हैं। डीटीसी की विजिलेंस टीम ने दिल्ली के अलग-अलग थानों में अब तक चार मुकदमे दर्ज कराए हैं। इस मामले में पुलिस द्वारा अभी तक सिर्फ कंडक्टरों की गिरफ्तारी की है। डीटीसी की विजिलेंस टीम द्वारा दो एफआइआर कश्मीरी गेट, और एक-एक लाजपत नगर और वसंतकुंज साउथ थानों में दर्ज कराई हैं।
टिकट की राशि की जांच में सामने आया फर्जीवाड़ा
मामले की जांच से जुड़े पुलिस अधिकारी ने बताया कि डीटीसी की विजिलेंस टीम ने औचक निरीक्षण किया तो टिकट को देखकर संदेह हुआ, फिर कंडक्टर के पास मौजूद बिक्री की गई टिकट की राशि की जांच की तब जाकर फर्जीवाड़ा सामने आया। अधिकारी ने बताया कि नकली टिकटों की छपाई बेहद सफाई से की गई है। इसे एक नजर में पहचानना बेहद मुश्किल काम है।
इलेक्ट्रानिक टिकट सिस्टम बंद होने का उठाया फायदा
कश्मीरी गेट में दर्ज एक एफआइआर में नकली टिकट पर अंकित क्रम संख्या और असली टिकट की क्रम संख्या एक ही थी। दूसरे मामले में रुपये का प्रतीक चिह्न अस्पष्ट था। फर्जी टिकट के कागज और स्याही बिल्कुल असली की तरह है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि डीटीसी की प्रिंटिंग प्रेस में प्रयुक्त स्याही और कागज का इस्तेमाल ठग कर रहे हैं। डीटीसी के एक अधिकारी ने बताया कि पहले बसों में इलेक्ट्रानिक टिकट सिस्टम था, लेकिन किन्हीं दिक्कतों की वजह से इसे रोक दिया गया। इसके बाद से फर्जीवाड़े के मामले सामने आ रहे हैं।
टिकट बनाने वाले को खोज रही पुलिस
पुलिस अधिकारी ने बताया कि अभी तक मामले में चार कंडक्टरों को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में पता चला कि इन्हें अलग-अलग जगहों पर टिकट मिलता था। टिकट पर अंकित मूल्य से तीस प्रतिशत कम कीमत पर टिकट दिए जाते थे। फिलहाल मामले की जांच के लिए पुलिस की विशेष टीम का गठन किया गया है।

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