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साइबर सिटी में फैला है फर्जी कॉल सेंटरों का मायाजाल, जानें- कैसे होती है उगाही

साइबर सिटी में एक हजार से अधिक कॉल सेंटर हैं। सभी कॉल सेंटर अच्छी बिल्डिंगों में संचालित किए जाते हैं। इस वजह से पता नहीं चलता है कि फर्जी कॉल सेंटर कौन है व असली कौन।

By Edited By: Published: Fri, 30 Nov 2018 06:30 PM (IST)Updated: Sat, 01 Dec 2018 04:40 PM (IST)
साइबर सिटी में फैला है फर्जी कॉल सेंटरों का मायाजाल, जानें- कैसे होती है उगाही
साइबर सिटी में फैला है फर्जी कॉल सेंटरों का मायाजाल, जानें- कैसे होती है उगाही

गुरुग्राम [आदित्य राज]। पूरी दुनिया में आइटी सेक्टर के क्षेत्र में पहचान बनाने वाली साइबर सिटी की छवि फर्जी कॉल सेंटरों की वजह से धूमिल होती जा रही है। फर्जी कॉल सेंटरों के माध्यम से सबसे अधिक चूना विदेशी ग्राहकों को लगाया जाता है। लोन दिलाने के नाम, नौकरी दिलाने के नाम पर, कंप्यूटर वायरस हटाने के नाम पर सबसे अधिक उगाही की जाती है।

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ताजा उदाहरण माइक्रोसॉफ्ट कंपनी से जुड़ा है। आरोप है कि फर्जी कॉल सेंटरों ने कंपनी का डाटा हैक कर लोगों के कंप्यूटर पर पहले वायरस भेजा गया। फिर उसे हटाने के नाम पर उगाही की गई। ऐसे आठ फर्जी कॉल सेंटर अब तक सामने आ चुके हैं।

साइबर सिटी में एक हजार से अधिक कॉल सेंटर हैं। सभी कॉल सेंटर अच्छी बिल्डिंगों में संचालित किए जाते हैं। इस वजह से पता नहीं चलता है कि फर्जी कॉल सेंटर कौन है व असली कौन। इसका फायदा कुछ लोग उठा रहे हैं। शहर के कई इलाकों में फर्जी कॉल सेंटर चल रहे हैं। सभी बड़ी कंपनियों के नाम पर फर्जीवाड़ा करते हैं।

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आम लोगों को पता तब चलता है जब बार-बार परेशानी सामने आती है। उदाहरण स्वरूप कंप्यूटर में एक-दो बार वायरस आने पर लोग ध्यान नहीं देते हैं। जब बार-बार वायरस आने लगता है फिर लोग सीधे कंपनी से शिकायत करते हैं। जब कंपनी के पास शिकायत पहुंचने लगती है फिर फर्जीवाड़ा सामने आता है। ऐसा ही माइक्रोसॉफ्ट नामक कंपनी के नाम पर कई कॉल सेंटरों ने किया।

जब कंपनी के पास शिकायत पहुंची तो फिर पुलिस को सूचना दी गई। गुरुग्राम पुलिस ने एक साथ कई इलाकों में मंगलवार रात छापेमारी की। आठ फर्जी कॉल सेंटर सामने आ गए। साइबर क्राइम थाना प्रभारी इंस्पेक्टर सतीश कुमार कहते हैं कि समय-समय पर कॉल सेंटरों के लाइसेंस की जांच की जाती है। कागजात सही नहीं होने पर कार्रवाई की जाती है। अब और अधिक सक्रियता बढ़ाई जाएगी। लोगों से अपील है कि जैसे ही कुछ गलत होने का संदेह हो, सूचना दें।

हाइटेक इंडिया के अध्यक्ष प्रदीप यादव कहते हैं कि इस समस्या से लगभग पूरी दुनिया परेशान है। इसका समाधान यह है कि ऐसी टेक्नोलॉजी को विकसित किया जाए जिससे कि पता चल सके कि कंपनी की ओर से मेल या अन्य जानकारी भेजी गई है या फिर किसी ने फर्जीवाड़ा किया है। मेल या अन्य जानकारी की जांच के लिए टेक्नोलॉजी विकसित करने के अलावा दूसरा कोई चारा नहीं है। 


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