Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'सुप्रीम' फैसले के बाद भी शेल्टर होम में ही रहेंगे ये दो तरह के कुत्ते, क्या कहती हैं ऑर्डर की शर्तें

    Updated: Fri, 22 Aug 2025 02:06 PM (IST)

    सर्वोच्च न्यायालय ने आवारा कुत्तों के मामले में पूर्व आदेश में बदलाव करते हुए डॉग लवर्स को राहत दी है। दिल्ली-NCR से उठाए गए कुत्तों को नसबंदी और टीकाकरण के बाद छोड़ने का आदेश दिया गया है। अदालत ने रेबीज और हिंसक कुत्तों को शेल्टर होम में रखने की बात कही है।

    Hero Image
    अब भी शेल्टर होम में रहेंगे दो तरह के कुत्ते। सौ.- पीटीआई

     डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत की सर्वोच्च अदालत ने आवारा कुत्तों को लेकर अपने पूर्व में दिए गए आदेश को बदलते डॉग लवर्स को बड़ी राहत दी है।

    कोर्ट ने शुक्रवार को दिए अपने आदेश में कहा कि दिल्ली और आसपास के इलाकों से जिन कुत्तों को उठाया गया है उन्हें नसबंदी और वैक्सीनेशन के बाद ही छोड़ा जाएगा।

    यह फैसला आवारा कुत्तों की आबादी नियंत्रण और नागरिकों की सुरक्षा के बीच संतुलन स्थापित करने का प्रयास है।

    फैसले में लोगों की चिंता को भी रखा गया ध्यान

    हालांकि अपने इस आदेश में अदालत ने उन लोगों की शंकाओं का भी समाधान किया है, जो आवारा कुत्तों की वजह से रेबीज की बीमारी फैलने को लेकर चिंतित हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अदालत ने अपने आदेश में सभी कुत्तों को छोड़ने का आदेश नहीं दिया है, बल्कि कोर्ट ने कहा है कि इस पूरी प्रक्रिया में दो तरह के कुत्ते नहीं आते हैं।

    कौन से कुत्ते अब भी शेल्टर होम में ही रहेंगे

    1. सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त के अपने फैसले में कहा है कि जिन कुत्तों को रेबीज है, उन्हें शेल्टर होम से नहीं छोड़ा जाएगा।
    2. अदालत ने उन कुत्तों को भी शेल्टर होम में रखने की बात कही है जो हिंसक प्रवृत्ति के हैं।

    अदालत के फैसले के बाद सड़कों पर उतरे थे पशु प्रेमी

    महीने की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि दिल्ली-एनसीआर में जितने भी आवारा कुत्ते हैं उन्हें शेल्टर होम में डाल दिया जाए। हालांकि इस फैसले के बाद से डॉग लवर्स व पशु प्रेमी सड़कों पर उतर आए।

    सिर्फ पशु प्रेमियों ही नहीं राहुल गांधी जैसे बड़े राजनेताओं ने भी अदालत के इस आदेश को अमानवीय बताया। राहुल ने इस फैसले को मानव और विज्ञान द्वारा समर्थित दशकों पुरानी नीति से पीछे हटने की बात कही।