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    DUSU में ABVP की जीत से उत्साहित BJP ने कहा- ये I.N.D.I.A. गठबंधन की पहली हार, युवाओं को मोदी पर विश्वास

    By Mohammad SameerEdited By: Mohammad Sameer
    Updated: Sun, 24 Sep 2023 05:00 AM (IST)

    आम आदमी पार्टी की छात्र इकाई छात्र युवा संघर्ष समिति (सीवाइएसएस) ने इस बार अपने उम्मीदवार नहीं उतारे थे। भाजपा नेताओं का कहना है कि कांग्रेस की छात्र एनएसयूआइ को लाभ पहुंचाने के लिए आप ने यह निर्णय लिया था। कई अन्य पार्टियों की छात्र इकाइयों ने भी एनएसयूआइ को अपना समर्थन दिया था। बावजूद इसके इसे सिर्फ उपाध्यक्ष पद पर जीत मिली।

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    डूसू में जीत से उत्साहित भाजपा ने कहा- ये आइएनडीआइए की पहली हार

    संतोष कुमार सिंह, नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी भाजपा के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव परिणाम उत्साहित करने वाला है। यही कारण है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पक्ष में परिणाम घोषित होते ही भाजपा नेताओं ने इसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों की जीत के रूप में प्रचारित करना शुरू कर दिया है।

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    मोदी के नेतृत्व में विश्वास...

    वह इसे विरोधी दलों के गठबंधन आइएनडीआइए की पहली हार बता रहे हैं। उनका कहना है कि युवाओं ने स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें मोदी के नेतृत्व में विश्वास है। इस जीत से पार्टी को लोकसभा चुनाव की तैयारी को गति देने में मदद मिलेगी। दिल्ली विश्वविद्यालय में पूरे देश के छात्र शिक्षा ग्रहण करते हैं।

    इस कारण डूसू चुनाव को राजनीतिक दल देश के युवाओं के मिजाज से जोड़कर देखते हैं। इसे ध्यान में रखकर भाजपा सहित सभी राजनीतिक दल अपनी छात्र इकाई को अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन कर रहे थे।

    यह भी पढ़ेंः DUSU Election: ABVP ने जीतीं तीन सीटें, तुषार डेढ़ा के सिर सजा अध्यक्ष पद का ताज, NSUI को मिला उपाध्यक्ष पद

    आम आदमी पार्टी की छात्र इकाई छात्र युवा संघर्ष समिति (सीवाइएसएस) ने इस बार अपने उम्मीदवार नहीं उतारे थे। भाजपा नेताओं का कहना है कि कांग्रेस की छात्र एनएसयूआइ को लाभ पहुंचाने के लिए आप ने यह निर्णय लिया था। कई अन्य पार्टियों की छात्र इकाइयों ने भी एनएसयूआइ को अपना समर्थन दिया था। बावजूद इसके इसे सिर्फ उपाध्यक्ष पद पर जीत मिली।

    अध्यक्ष, सचिव व संयुक्त सचिव पद एबीवीपी को मिली है। वामपंथी छात्र संगठनों का प्रदर्शन बहुत खराब रहा। भाजपा ने इस चुनाव में एबीवीपी की चुनावी राह आसान करने के लिए प्रदेश महामंत्री योगेंद्र चांदोलिया के नेतृत्व में टीम गठित की थी।

    मंडल स्तर पर छात्रों की सूची तैयार कर उनसे संपर्क किया गया। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, सांसद मनोज तिवारी, रवि किशन सहित अन्य भाजपा नेताओं ने एबीवीपी उम्मीदवारों के पक्ष में छात्रों से संवाद किया था।

    दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का कहना है कि,

    यह परिणाम देश के युवाओं के मूड को दर्शाता है। वह राष्ट्रवादी शक्ति के साथ खड़े हैं। चंद्रयान-3 व जी-20 सम्मेलन की सफलता, नारी शक्ति वंदन विधेयक पर संसद की मुहर लगने, प्रधानमंत्री का युवाओं से संवाद और देश को विश्व गुरु बनाने के उनके संकल्प को युवा शक्ति ने अपना समर्थन दिया है।

    दिल्ली प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष व सांसद मनोज तिवारी कहते हैं,

    आप की छात्र इकाई सीवाइएसएस ने एनएसयूआइ को लाभ पहुंचाने के लिए अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था। इस परिणाम से राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल को झटका लगा है। उन्हें समझ लेना चाहिए कि सिर्फ गठबंधन करने से चुनाव नहीं जीत सकते हैं। मतदाता समझदार हैं। डीयू के छात्रों ने उन्हें यह संदेश दे दिया है।