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    सिर्फ लोकलुभावन वादों से सशक्त नहीं होंगी नारी, धरातल पर काम जरूरी; AAP ने महिला वोटर्स को साधने के लिए उठाए कई कदम

    आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कई कदम उठाए हैं। महिलाओं को डीटीसी बसों में मुफ्त सफर की सुविधा देने के बाद अब पार्टी ने चुनाव जीतने पर महिलाओं के खाते में आर्थिक मदद पहुंचाने की योजना की घोषणा की है। हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि इस योजना से सरकारी खजाने पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।

    By Jagran News Edited By: Sonu Suman Updated: Sun, 29 Dec 2024 01:10 PM (IST)
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    दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी महिला वोटरों को साधने में जुट गई है।

    रीतिका मिश्रा, नई दिल्ली। महिलाओं से लोकलुभावन वादे कर चुनाव जीतने का जो सिलसिला मध्य प्रदेश से शुरू हुआ, अब दिल्ली तक आ पहुंचा है। आम आदमी पार्टी की सरकार ने महिलाओं को डीटीसी बसों में मुफ्त सफर की सुविधा दी और अब विधानसभा चुनाव से पहले आप ने चुनाव जीतने पर महिलाओं के खाते में आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए योजना लागू करने की घोषणा की है। 

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    सरकार इस योजना के तहत महिलाओं को प्रति माह 2,100 रुपये देने का वादा कर रही है। इस तरह की योजना को जीत की गांरटी माना जा रहा है, हालांकि एक पक्ष यह भी है कि सरकारी खजाने पर इस योजना का अतिरिक्त बोझ भी पड़ेगा। महिलाओं को यह राशि देने से उनके सशक्तीकरण का काम कागजों में तो होगा, लेकिन धरातल पर शायद ही उन्हें कोई लाभ मिले। 

    रोजगार के मौकों का सृजन सुनिश्चित करना जरूरी

    अगर वाकई में महिलाओं को सशक्त करना है तो उनके लिए रोजगार के मौकों का सृजन सुनिश्चित करना होगा। इसके साथ ही महिला सुरक्षा भी बेहद महत्वपूर्ण है, अगर महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस करेंगी तो घर से बाहर कदम रखने में हिचकिचाएंगी और उनके लिए रोजगार के मौके भी बेकार साबित होंगे। निर्भया कांड को 12 वर्ष से अधिक हो गए हैं, जिसके बाद महिलाओं की सुरक्षा को लेकर न जाने कितनी नीतियां और योजना बनी, पर सब कागज में ही है। 

    हाल ही में आइटीओ चौराहे पर मानसिक दिव्यांग लड़की के साथ तीन लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया, जिससे महिलाओं की सुरक्षा के दावों की पोल खुल गई। सरकार को महिला सुरक्षा को प्राथमिकता देने के साथ धरातल पर काम करना होगा। जिससे महिलाओं को लाभ हो।

    महिला अदालत लगाकर सरकार ने सुने मुद्दे

    16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में हुए निर्भया कांड को लेकर दिल्ली सरकार ने 16 दिसंबर 2024 को त्यागराज स्टेडियम में महिला अदालत आयोजित की। अरविंद केजरीवाल, सीएम आतिशी और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस दौरान महिलाओं की पीड़ा सुनी और उन्हें ढांढस बढ़ाया।

    नीट-जेईई में छात्राओं के लिए अतिरिक्त 100 सीटें

    दिल्ली सरकार ने छात्राओं की शिक्षा की दिशा में प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना के तहत नीट और जेईई परीक्षा की तैयारी कराने के लिए 100 सीटें बढ़ाई हैं। अभी तक इस योजना के तहत कुल 300 सीटें थी। अब ये बढ़कर 400 हो गई हैं।

    सीसीटीवी से महिला पार्कों में निगरानी कर रहा नगर निगम

    पूर्व महापौर शैली ओबेराय ने इस वर्ष अधिकारियों को नगर निगम के सभी जोनों में संचालित महिलाओं के लिए बने पिंक पार्कों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश दिया था, ताकि इन पार्कों में आने वाली महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। ये काम बागवानी विभाग ने 250 वार्डों में बनाए जा रहे महिलाओं के लिए विशेष पार्कों में किया है। इन कैमरों की मदद से निगम महिलाओं की सुरक्षा की निगरानी कर रहा है।

    एम्स में अब एक तिहाई सुरक्षाकर्मी होंगी महिलाएं

    एम्स में इलाज के लिए आने वालीं महिलाओं की समस्याओं को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा गार्ड में एक तिहाई संख्या महिलाओं की करने का निर्णय लिया है। साथ ही महिलाओं की ड्यूटी लगाने वाले अधिकारियों के पदों पर भी महिलाओं को आरक्षण मिलेगा। एम्स में अभी करीब 3,200 सुरक्षा गार्ड हैं। इनमें अधिकतर पुरुष हैं। संस्थान में नियुक्त सुरक्षा गार्ड में महिलाओं की संख्या बढ़ेगी।

    22 नमो ड्रोन दीदी को सशक्त करने की तैयारी

    रोजगार के माध्यम से महिलाओं को सशक्त करने के लिए एलजी ने केंद्र की योजना नमो ड्रोन दीदी शुरू की है। दिल्ली के विभिन्न जिलों में महिलाओं को 200 ऐसे लाइसेंस दिए जाएंगे। प्रत्येक ड्रोन दीदी के प्रशिक्षण में प्रति व्यक्ति लगभग 25 हजार की लागत आएगी। इस खर्च का वहन सीएसआर फंड से किया जाएगा। महिलाओं को रोजगार के अवसर देने में यह योजना मददगार साबित होगी। यह पहल ग्रामीण विकास के साथ उन्नत प्रौद्योगिकी को एकीकृत करने की दिशा में एक पहल है। इसकी मदद से कृषि क्षेत्र में रोजगार और उद्यमिता के नए रास्ते खोलकर महिलाओं के जीवन में बदलाव आ सकता है।

    महिला सशक्तीकरण के लिए सखी डिपो

    दिल्ली सरकार ने सरोजनी नगर में देश का पहला सखी डिपो बनाया है। इस डिपो में बसों के संचालन से लेकर प्रबंधन का काम महिलाओं के हाथ में होगा। सखी डिपो में कुल 223 महिला कर्मचारी तैनात की गई है। इनमें 89 ड्राइवर और 134 कंडक्टर शामिल है।

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