Delhi Election: आठ विधायकों के पार्टी छोड़ने से 'आप' पर पड़ेगा असर? पत्र में बता दी इस्तीफे की सच्चाई
दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार के बीच आठ विधायकों ने भ्रष्टाचार और तानाशाही का आरोप लगाते हुए आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। विधायकों ने पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की ईमानदारी वाली राजनीति पर भी सवाल खड़े किए। केजरीवाल को लिखे पत्र में इन विधायकों ने कहा कि भ्रष्टाचार दूर करने के लिए बनी पार्टी स्वयं भ्रष्टाचार के दलदल में फंस गई है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार के बीच आठ विधायकों ने भ्रष्टाचार और तानाशाही का आरोप लगाते हुए आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। विधायकों ने पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की ईमानदारी वाली राजनीति पर भी सवाल खड़े किए।
पत्र में केजरीवाल को बताया तानाशाह
केजरीवाल को लिखे पत्र में इन विधायकों ने कहा कि भ्रष्टाचार दूर करने के लिए बनी पार्टी स्वयं भ्रष्टाचार के दलदल में फंस गई है। पालम विधानसभा क्षेत्र से भावना गौड़, बिजवासन से बीएस जून, आदर्श नगर से पवन शर्मा, कस्तूरबा नगर से मदनलाल, जनकपुरी से राजेश ऋषि, त्रिलोकपुरी से रोहित महरौलिया, मादीपुर से गिरीश सोनी और महरौली से नरेश यादव ने इस्तीफा दिया है।
पार्टी ने इस बार इन विधायकों के टिकट काट दिए थे। आगामी पांच फरवरी को विधानसभा के लिए मतदान होना है।केजरीवाल को अलग-अलग लिखे पत्र में ज्यादातर विधायकों ने पार्टी में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। नरेश यादव ने पत्र में कहा कि आम आदमी पार्टी का उदय भ्रष्टाचार के खिलाफ हुए अन्ना आंदोलन से हुआ था, लेकिन अब मैं बहुत दुखी हूं। क्योंकि आप भ्रष्टाचार के दलदल में पूरी तरह से फंस चुकी है।
यादव ने पत्र में लिखी ये बात
यादव ने कहा कि मैंने पार्टी को ईमानदारी की राजनीति के लिए ही ज्वाइन किया था, लेकिन आज कहीं भी ईमानदारी नजर नहीं आ रही है। मैंने महरौली विधानसभा क्षेत्र में पिछले 10 वर्ष में लगातार 100 प्रतिशत ईमानदारी से काम किया। उन्होंने पत्र में लिखा कि महरौली के लोगों से चर्चा की। उनकी राय थी कि आम आदमी पार्टी अब पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त हो चुकी है, इसलिए पार्टी को छोड़ देना चाहिए।
जनकपुरी से विधायक राजेश ऋषि ने केजरीवाल को भेजे पत्र में कहा कि अन्ना आंदोलन से जन्मी, भ्रष्टाचार मुक्त दिल्ली बनाने के लिए केजरीवाल की ओर से बनाई गई आम आदमी पार्टी अब भ्रष्टाचार युक्त पार्टी बन गई है। आप ने भ्रष्टाचार-मुक्त शासन से दूरी बना ली है। पार्टी ने अन्ना के सिद्धांतों के साथ विश्वासघात किया है।
आप पार्टी भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद का एक कटोरा बन गई
उन्होंने पत्र में आम आदमी पार्टी की सदस्य रहीं संतोष कोली का भी जिक्र किया है और उन्हें कोली को न्याय दिलाने का ढोंग करने का आरोप लगाते हुए इसकी निंदा की है। उन्होंने आप को एक अनियंत्रित गिरोह की संज्ञा भी दी है।
कहा कि पार्टी भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद का एक कटोरा बन गई है। जो लोग अखंडता के संरक्षक होने वाले थे, वे इसके सबसे बड़े उल्लंघनकर्ता बन गए हैं। लिखा कि मैं अब ऐसे संगठन का हिस्सा नहीं रह सकता, जिसने अपनी नैतिक दिशा खो दी है। विधायक रोहित महरोलिया ने अनुसूचित जाति की उपेक्षा करने का पार्टी पर आरोप लगाया है।
टिकट न मिलने से कुछ विधायकों में असंतोष हुआ है
आप विधायकों के इस्तीफे पर आप ने कहा कि इस बार कुछ विधायकों को टिकट नहीं दिया गया, जिससे उनमें असंतोष पैदा हुआ। भाजपा के लोग ऐसे विधायकों से संपर्क कर रहे हैं। केजरीवाल के सच्चे सिपाही आखिरी सांस तक उनके साथ खड़े रहेंगे, क्योंकि वे विधायक, पार्षद या मंत्री जैसे पदों के लिए राजनीति में नहीं आए हैं।

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