पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने इस बार संपत्ति कर से की जबरदस्त कमाई
माफी योजना के बावजूद दक्षिणी और उत्तरी निगम पिछले वर्ष के बराबर भी राजस्व वसूली नहीं कर सका। ...और पढ़ें

नई दिल्ली (सुधीर कुमार)। पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने इस बार संपत्ति कर से जबरदस्त कमाई की। इस मद में राजस्व वसूली का लक्ष्य 220 करोड़ रुपये रखा गया था, जबकि कमाई 235 करोड़ रुपये से ज्यादा हुई। 31 मार्च तक आम माफी योजना लागू लाकर लोगों को ब्याज और जुर्माने में छूट दी जा रही थी।
निगम ने लोगों को इसका लाभ उठाने के लिए प्रेरित करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम भी चलाया और वार्डों में जाकर कर वसूली शिविर भी लगाए। इन तमाम प्रयासों का सकारात्मक परिणाम देखने को मिला और जबरदस्त कमाई हुई।
हालांकि, माफी योजना के बावजूद दक्षिणी और उत्तरी निगम पिछले वर्ष के बराबर भी राजस्व वसूली नहीं कर सका। दरअसल, पूर्वी निगम को पिछली बार संपत्ति कर के रूप में 183 करोड़ रुपये मिले थे, जबकि लक्ष्य 220 करोड़ रुपये रखा गया था। इस बार भी लक्ष्य 220 करोड़ रुपये रखा गया था, लेकिन मार्च के पहले तक मात्र 146 करोड़ रुपये मिले। इससे लक्ष्य प्राप्ति की फिर चिंता सताने लगी।
इसी बीच आम माफी योजना लाई गई, ताकि अधिक से अधिक लोग कर अदा कर सकें। इस योजना के लागू होते ही निगम के संपत्ति कर विभाग ने 175 जगहों पर कर वसूली शिविर लगाने की योजना बनाई। इसमें पार्षदों ने भी सहयोग किया और अपने वार्ड में पांच से छह शिविर तक लगवाए।
इसके अलावा निगम ने गली-गली में संपत्ति कर शिविरों का प्रचार किया। विभिन्न माध्यमों से विज्ञापन दिए। इसका नतीजा यह हुआ कि 31 मार्च तक 235 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमा हो गई।
उधर, पूर्वी दिल्ली नगर निगम के उप कर निर्धारक एवं समाहर्ता अमरीश कुमार ने बताया कि पूर्वी निगम को अभी तक कुल कितनी राशि प्राप्त हुई है, इसका आकलन किया जा रहा है। विभिन्न कार्यालयों में राशि जमा हुई है। मंगलवार तक पूरी गणना कर ली जाएगी। मेट्रो और डीडीए से मिले कुल 12 करोड़ नगर निगम को, दिल्ली मेट्रो से 10 करोड़ और डीडीए से दो करोड़ का राजस्व मिला है। दिल्ली मेट्रो से कर नहीं मिलने की वजह से निगम ने मेट्रो के खाते को फ्रिज करवा दिया था।
चेयरमैन (स्थायी समिति, पूर्वी निगम) प्रवेश शर्मा ने बताया कि निगम अधिकारियों से लेकर पार्षदों तक के बीच बेहतर तालमेल रहा, तभी रिकार्ड वसूली हुई है। यह पूर्वी दिल्ली नगर निगम के लिए उपलब्धि है। पूर्वी निगम की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को टैक्स नेटवर्क के दायरे में लाया जाए। अभी तक ढाई लाख लोग ही कर दे रहे थे। इस बार यह संख्या बढ़ी है, लेकिन पूर्वी दिल्ली में 13 लाख से अधिक इकाइयां हैं और सभी को करदाता बनना चाहिए।

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