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    M3M के मालिक रूप कुमार बंसल गिरफ्तार, 400 करोड़ के गबन का आरोप; ED की रेड में मिलीं फरारी समेत कई लग्जरी कारें

    मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने शुक्रवार को रियल एस्टेट के बड़े कारोबारी एम3एम के मालिक रूप कुमार बंसल को गिरफ्तार कर लिया है। तलाशी अभियान के दौरान 60 करोड़ रुपये मूल्य की फरारी लेम्बोर्गिनी लैंड रोवर रोल्स रॉयस बेंटले और मर्सिडीज मेबैक सहित अन्य लक्जरी कारें मिली।

    By Rakesh Kumar SinghEdited By: Shyamji TiwariUpdated: Fri, 09 Jun 2023 06:13 PM (IST)
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    M3M के मालिक रूप कुमार बंसल गिरफ्तार, 400 करोड़ के गबन का आरोप

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। निवेशकों के 400 करोड़ से अधिक पैसे गबन करने व मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने शुक्रवार को रियल एस्टेट के बड़े कारोबारी एम3एम के मालिक रूप कुमार बंसल को गिरफ्तार कर लिया है। हरियाणा, चंडीगढ़ व पंजाब में इस कारोबारी के कई सारे आवासीय व अन्य प्रोजेक्ट है। इसे कोर्ट में पेश कर पूछताछ के लिए ईडी रिमांड पर लेगी।

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    छापेमारी में मिली थी कई लग्जरी कारें

    ईडी ने हाल ही में कारोबारी की गुरुग्राम स्थित कोठी तथा आईआरईओ व एम3एम ग्रुप के परिसरों में छापेमारी की थी। तलाशी अभियान के दौरान 60 करोड़ रुपये मूल्य की फरारी, लेम्बोर्गिनी, लैंड रोवर, रोल्स रॉयस, बेंटले और मर्सिडीज मेबैक सहित अन्य लक्जरी कारें मिली। इन कारों को जब्त कर लिया गया। इसके अलावा इनके ठिकानें से 5.75 करोड़ रुपये के बुलियन, 15 लाख नकदी, विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल साक्ष्य और बही खातों से संबंधित किताबें भी जब्त की गईं।

    जांच से बचते रहे M3M ग्रुप के मालिक

    ईडी के अधिकारी का कहना है कि एम3एम ग्रुप के मालिक, कंट्रोलर और प्रमोटर बसंत बंसल, रूप कुमार बंसल, पंकज बंसल और अन्य प्रमुख व्यक्ति जानबूझकर जांच से बचते रहे। जांच में सहयोग न करने पर इनके दिल्ली व गुरुग्राम स्थित सात ठिकानों पर छापेमारी की गई। सैकड़ों निवेशकों और ग्राहकों के फंड को डायवर्ट कर और हेराफेरी करने के मामले में कारोबारियों खिलाफ दर्ज कई एफआईआर के मामले में ईडी जांच कर रही है।

    ईडी को जांच से पता चला है कि एम3एम समूह के माध्यम से भी सैकड़ों करोड़ रुपये का गबन किया गया। लेनदेन में एम3एम समूह ने कई परतों में कई शेल कंपनियों के माध्यम से आइआरइओ समूह से लगभग 400 करोड़ रुपये प्राप्त किए। ये लेन-देन को आइआरईओ की पुस्तकों में विकास अधिकारों के लिए भुगतान के रूप में दिखाया गया। भूमि का स्वामित्व एम3एम समूह के पास था, जिसका बाजार मूल्य लगभग चार करोड़ रुपये है।

    प्रारंभ में एम3एम समूह ने दस करोड़ रुपये के भुगतान के लिए भूमि के विकास अधिकारों को पांच शेल कंपनियों को बेच दिया गया। यह दावा किया गया कि ये पांच कंपनियां असंबद्ध संस्थाएं थीं। लेकिन जांच से पता चला कि पांच मुखौटा कंपनियां एम3एम समूह द्वारा संचालित की गई थीं। इसके बाद, इन कंपनियों ने तुरंत उसी जमीन के विकास अधिकार लगभग 400 करोड़ रुपये में आइआरईओ समूह को बेच दिए।

    M3M पर 400 करोड़ के हेराफेरी का आरोप

    एक बार 400 करोड़ रुपये की राशि आईआरइओ ग्रुप से प्राप्त हुई थी, जिसे बाद में पांच शेल कंपनियों ने कई शेल कंपनियों और लेयर्स के माध्यम से एम3एम ग्रुप को ट्रांसफर कर दिया था। ईडी का कहना है कि सभी शेल कंपनियों का स्वामित्व और संचालन एम3एम ग्रुप द्वारा इसके प्रमोटरों, बसंत बंसल, रूप कुमार बंसल और उनके परिवार के सदस्यों के निर्देशन में किया गया था।

    जिससे पता चलता है कि आइआरईओ और एम3एम ने 400 करोड़ रुपये की हेराफेरी की, जो निवेशकों और ग्राहकों के थे। इस अपराध की आय एम3एम समूह के पास रही, जिसका उपयोग अन्य निवेशों और देनदारियों का भुगतान करने के लिए किया गया था। दूसरी ओर आइआरईओ समूह ने भूमि को विकसित करने के लिए कोई प्रयास नहीं किया और हर साल निवेशों को बट्टे खाते में डालना शुरू कर दिया।