Delhi News: निजी स्कूलों और होटल में पीने के पानी का क्या स्रोत है? पूछने पर भी चेयरमैन को नहीं मिल रहा जवाब
पूर्वी दिल्ली में शाहदरा जिला विकास समिति के चेयरमैन दिल्ली जल बोर्ड से निजी स्कूलों और होटलों में पीने के पानी के स्रोत की रिपोर्ट मांग रहे हैं। अधिकारियों द्वारा जवाब न देने पर चेयरमैन ने अवैध सबमर्सिबल के उपयोग का संदेह जताया है। उनका आरोप है कि अधिकारी मिलीभगत कर भू-जल का दोहन कर रहे हैं जबकि आम लोगों पर कार्रवाई की जाती है।

शुजाउद्दीन, पूर्वी दिल्ली। सरकारी तंत्र ने आम लोगों को ही नहीं जनप्रतिनिधियों को छकाना शुरू कर दिया। सरकारी अधिकारी किस तरह मनमानी कर रहे हैं, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि शाहदरा जिला विकास समिति के चेयरमैन पिछली दो बैठकों से दिल्ली जल बोर्ड से रिपोर्ट मांग रहे हैं जिले में चलने वाले निजी स्कूलों और होटल में पीने के पानी का क्या स्रोत है, लेकिन जल बोर्ड चेयरमैन को जवाब देने को तैयार नहीं है।
जिले में करीब 30 निजी स्कूल और 40 होटल हैं। रोहतास नगर से भाजपा विधायक व विकास समिति के चेयरमैन जितेंद्र महाजन समिति की पिछली दो बैठकों में दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों से पूछ चुके हैं कि निजी स्कूलों व होटल में पीने के पानी का क्या स्रोत है।
निर्देश दिए थे कि वह रिपोर्ट बनाकर उन्हें भेजे। होटल को को कितना लीटर पानी उपलब्ध करवाया जाता है। आखिरी बैठक हुए भी करीब डेढ माह से ज्यादा हो गया, लेकिन जल बोर्ड ने अपना कोई जवाब नहीं दिया।
चेयरमैन को आशंका निजी स्कूल व होटल में अवैध रूप से सबमर्सिबल चल रहे हैं, इसलिए अधिकारी जवाब देने को तैयार नहीं है। जबकि एनजीटी के आदेश के अनुसार अवैध सबमर्सिबल नहीं चल सकते। इस संबंध में दिल्ली बोर्ड से पक्ष मांगा गया जो उपलब्ध नहीं कराया गया।
दिल्ली जल बोर्ड और प्रशासन को बताना ही होगा कि निजी स्कूलों व होटल में पीने के पानी का क्या स्रोत है। मैं यह बात अच्छे से जानता हूं कि स्कूल व होटल के परिसर बहुत बड़े होते हैं। वहां जल बोर्ड के जरिये पानी की आपूर्ति नहीं हो सकती है। अवैध सबमर्सिबल लगाकर भू-जल का दोहन किया जा रहा है। यह काम अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा है, इसलिए वह रिपोर्ट को विकास समिति को बनाकर दे नहीं रहे हैं। एक आम व्यक्ति का सबमर्सिबल का कनेक्शन भी काटा जाता है और चालान होता है। लेकिन होटल व स्कूल वालों के साथ ऐसा नहीं होता है। मैं भी यह जानकर रहूंगा कि आखिर उनके पानी का स्रोत है क्या?
-जितेंद्र महाजन, चेयरमैन शाहदरा जिला विकास समिति
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