दिल्ली के इस इलाके में चल रहा बड़ा खेल, दबंगई से बिजली विभाग भी हैरान
पूर्वी दिल्ली के वेलकम इलाके में सड़क किनारे अवैध ई-रिक्शा चार्जिंग स्टेशन चल रहे हैं जहाँ घरों के कनेक्शन से बिजली चोरी की जा रही है। राहगीरों को फुटपाथ छोड़कर सड़क पर चलने को मजबूर होना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि बीएसईएस को जानकारी होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है जिससे हादसे का खतरा बना रहता है।

शुजाउद्दीन, पूर्वी दिल्ली। वेलकम इलाके की जनता कॉलोनी में बिजली चोरी करके सड़क किनारे अवैध रूप से ई-रिक्शा चार्जिंग स्टेशन चलाए जा रहे हैं। फुटपाथ पर चार्जिंग प्वाइंट लगाए हुए हैं। चार्जिंग स्टेशन चलाने वालों की इतनी दबंगई है कि राहगीर फुटपाथ पर न चलकर सड़क पर वाहनों के बीच चलने को मजबूर हैं।
घरों के कनेक्शन की तार में कट लगाकर बिजली चोरी करके रिक्शा चार्ज किए जा रहे है। एक रिक्शा से 12 घंटे चार्जिंग के 120 रुपये वसूले जा रहे हैं। ऐसा नहीं है बीएसईएस को इसकी भनक नहीं है। आरोप है कि बीएसईएस कार्रवाई नहीं करता है।
न्यू जाफराबाद से सुभाष पार्क की तरफ जाने वाले मार्ग पर तीन अलग-अलग जगहों पर अवैध चार्जिंग स्टेशन चल रहे हैं। स्टेशन के पास कौन आ रहा है कौन जा रहा है, बीएसईएस की टीम पर नजर रखने के लिए जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे तक लगाए हुए हैं। स्टेशन चलाने वालों ने घर के बिजली कनेक्शन से लाइट चोरी की हुई है।
20 से 25 मीटर दूरी पर तारों का जाल बिछाया हुआ है। फुटपाथ व सड़क किनारे ई-रिक्शों को खड़ा करके चार्ज किया जाता है। जो तार बिछाए हुए हैं, वह जगह-जगह से कटे हुए हैं। इससे हादसे की आशंका हर रोज बनी रहती है। लेकिन स्टेशन चलाने वालों पर इसका कोई असर नहीं पड़ता है। बिजली चोरी होने से बीएसईएस को भी घाटा हो रहा है। यहां 50 से अधिक रिक्शे चार्जिंग होते रहते हैं।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि पिछले दो वर्षों से यह स्टेशन खुलेआम सड़क किनारे चल रहे हैं। तार फुटपाथ पर रहते हैं, बीएसईएस, निगम और थाना पुलिस व यातायात पुलिस को इसकी जानकारी है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं करता है। हादसा होने के बाद विभागों की नींद टूटेगी। इस मामले में बीएसईएस के अधिकारियों ने कहा कि बिजली चोरी राेकने के लिए विभाग छापेमारी करता है।
जनता कॉलोनी में छापेमारी करने पर वहां के लोग हमला करने पर उतारू हो जाते हैं। यहां छापेमारी के लिए हर दिन पुलिस का सहयोग चाहिए, जब तक पुलिस के साथ मिलकर रोजाना कार्रवाई नहीं होगी तब तक कुछ नहीं हो सकता। पता लगाया जाएगा, जो स्टेशन चल रहे हैं। वह बिजली चोरी से चल रहे हैं या कोई कनेक्शन लिया हुआ है।
लोगों की प्रतिक्रिया
12 घंटे ई-रिक्शा चार्ज करने के लिए 120 रुपये वसूले जाते हैं। सड़क किनारे अवैध स्टेशन चल रहे हैं, कोई विभाग कार्रवाई ही नहीं करता है। कटे तारों से करंट लगने का खतरा रहता है।
इब्राहिम, स्थानीय निवासी
सड़क किनारे अवैध चार्जिंग स्टेशन चलने पर सड़क संकरी हो जात है। इससे जाम लगता है। खुलेआम स्टेशन चल रहा है, बिजली चोरी होती है। कोई कुछ करता ही नहीं है।
नाजिम, स्थानीय निवासी
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