दिल्ली में यहां जान जोखिम में डालकर सड़कों पर चलते हैं लोग, तो फुटपाथ पर बिकती हैं गाड़ियां
पूर्वी दिल्ली में फुटपाथ राहगीरों के लिए सुरक्षित रास्ते की बजाय वाहनों के शोरूम बन गए हैं। बाबरपुर सौ फुटा रोड वजीराबाद रोड समेत कई सड़कों पर अतिक्रमण है जिससे राहगीरों को सड़क पर चलने को मजबूर होना पड़ रहा है। कड़कड़डूमा कोर्ट के पास भी फुटपाथों पर वाहनों का बाजार लगता है। निगम का कहना है कि अतिक्रमण हटाने के लिए कार्रवाई की जाएगी।

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। फुटपाथ इसलिए बनाएं जाते हैं, ताकि एक राहगीर सुरक्षित चल सके। लेकिन यमुनापार में फुटपाथ वाहनों के शोरूम बने हुए हैं। फुटपाथ पर गाड़ियां बेची जा रही हैं। राहगीरों को अपनी जान जोखिम में डालकर वाहनों के बीच सड़क पर चलने को मजबूर होना पड़ रहा है।
उनके जीवन को बचाने के लिए पुलिस, निगम व जिला प्रशासन बेबस नजर आते हैं। आरोप है कि सबकुछ आंखों के सामने होने के बाद भी अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों काे नजर नहीं आता है।
एक सिंगल सड़क नहीं है, जिसपर प्रशासन व निगम यह दावा कर सके कि इस सड़क का फुटपाथ अतिक्रमण मुक्त है। जोन चेयरमैन से लेकर जिला विकास समितियों के चेयरमैन के यहां तक स्थिति बहुत खराब है।
बाबरपुर सौ फुटा रोड, वजीराबाद रोड, सूरजमल विहार, पटपड़गंज रोड गीता कालोनी, झील खुरंजा, मयूर विहार समेत कई सड़कों के फुटपाथ वाहनों के शोरूम बने हुए हैं। सौ फुटा रोड बाबरपुर का सबसे बुरा हाल है। रोड के दोनाें साइड पुराने वाहनों को बेचने वाले एजेंट ने शोरूम बनाएं हुए हैं।
फुटपाथ से लेकर सड़क की दाे लेन तक इन एजेंट्स ने घेरी हुई है। इस सड़क पर तीन स्कूल हैं। विद्यार्थियों से लेकर आम राहगीर सड़क पर चलते हैं, क्योंकि फुटपाथ पर चलने के लिए उन्हें जगह नहीं मिलती है। फुटपाथ पर करीब एक हजार वाहन खड़े होते हैं। सौ फुटा रोड पर कबीर नगर की गली नंबर-एक संकरी गली है, यहां एजेंट्स ने फुटपाथ के साथ ही गली भी घेर रखी है।
आरोप है कि यहां एजेंट्स के अलावा सामान लेने के लिए आने वाले व्यक्ति अपना वाहन खड़ा नहीं कर सकता है। एजेंट्स उसे वाहन ही खड़ा नहीं करने देते हैं। अगर कोई वाहन खड़ा करता है तो वह कहते हैं पुलिस, प्रशासन और निगम को इसी बात का पैसा देते हैं, ताकि अतिक्रमण करने में कोई दिक्कत नहीं आती है।
वह कार्रवाई से इसलिए नहीं डरते हैं, क्योंकि टीम के पहुंचने से पहले ही उन्हें उनके आने की सूचना मिल जाती है। यह वह सड़क है, जहां शाहदरा के एसडीएम तपन झा ने दावा किया था कि अवैध रूप से सड़कों व फुटपाथ पर बेचने वालो पर कार्रवाई होगी, लेकिन कुछ नहीं हुआ। जिला पुलिस उपायुक्त सतीश कुमार को फोन किया, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।
कड़कड़डूमा कोर्ट के पास फुटपाथ पर सजता है वाहनों का बाजार
कड़कड़डूमा कोर्ट के पास फुटपाथों का भी बुरा हाल है। यहां सूरजमल विहार रोड पर फुटपाथ पर वाहनों का पूरा बाजार लगता है। ऐसा नहीं है कि यहां बाजार एक ही दिन लगता है।
रोजाना एक जैसे हालत होते हैं, लेकिन निगम व पुलिस की कार्रवाई यहां नजर नहीं आती है। सड़क पर राहगीर चलते हैं, हादसे की संभावना बनी रहती है। फुटपाथ पर राहगीरों को चलने के लिए जगह मिले, ऐसा कभी यहां होते नहीं देखा गया।
फुटपाथ से लेकर सड़क पर बिकने के लिए सजते हैं वाहन
गीता कालोनी में पटपड़गंज रोड व झील खुरंजा में वाहन बेचे जाने के लिए फुटपाथ से लेकर सड़कों पर सजाए जाते हैं। सड़क पर 500 से अधिक संख्या में वाहनों के खड़े होने से रास्ता संकरा हो जाता है, इससे सड़क पर जाम लगता है।
यहां हालात ऐसे हैं कि उस जाम में कई बार राहगीर को भी फंसना पड़ता है। यहां के स्थानीय लोगों का आरोप है कि सरकारी विभाग अपनी आंखे मूंदे हुए हैं। अतिक्रमण करने वालों का दुस्साहस बढ़ता जा रहा है। वाहन बेचने के लिए उनके पास पर्याप्त जगह नहीं है, फुटपाथ को ही शोरूम बना देते हैं।
दिल्ली नगर निगम सड़क व फुटपाथ पर अतिक्रमण करने वालों पर कार्रवाई समय-समय पर करती है। जहां भी अतिक्रमण है, वहां से हटाया जाएगा।
मुकेश बंसल, डिप्टी जोन चेयरमैन शाहदरा उत्तरी जोन।
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