दिल्ली में डाकघर के एजेंट पर आरोप, 11 लोगों से की सवा करोड़ रुपये की ठगी; मामले में कोई एक्शन नहीं
पूर्वी दिल्ली के एक डाकघर में 11 खाताधारकों से सवा करोड़ रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। पीड़ितों ने एक महीने पहले प्राथमिकी दर्ज कराई थी लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। पीड़ितों का आरोप है कि डाकघर के अधिकारियों और कर्मचारियों ने मिलकर उनके खातों से अवैध रूप से पैसे निकाले। देवेंद्र प्रताप सिंह समेत कई पीड़ितों ने पुलिस आयुक्त से शिकायत की है।

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। सरकारी सिस्टम कितना भ्रष्ट व लाचार होता है कि इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि डाकघर में 11 खाताधारकों से करीब सवा करोड़ रुपये की ठगी हुई। एक माह पहले एफआईआर हुई, न आरोपित पकड़े गए, न ही यह डाक विभाग यह पता लगा सका कि इस ठगी में कौन-कौन से अधिकारी व कर्मचारी शामिल हैं।
पीड़ित न्याय के लिए डाकघर व पुलिस थाने में चप्पल घिस रहे हैं। न्याय की भीख मांग रहे हैं। इस मामले में डाकघर प्रबंधन से साजिद विशाल का कहना है इस मामले की जांच जारी है। इस मामले में पूर्व शिक्षक देवेंद्र प्रताप सिंह ने 21 अगस्त को एमएस पार्क थाने में धोखाधड़ी, समेत कई दर्ज करवाया था।
देवेंद्र प्रताप ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया है कि वह वर्ष 2019 में सेवानिवृत्त हुए थे। उन्होंने मानसरोवर पार्क इलाके के डाकघर में खाता खुलवाया था और 44 लाख रुपये की एफडी करवाई थी। पीड़ित का दावा है कि यह कार्य उन्होंने डाकघर एजेंट नितिन माहेश्वरी से करवाई थी। वह हर माह उसे 15 हजार रुपये किश्त के दे रहे थे।
पीड़ित गत जुलाई में डाकघर गए और अपने बैंक खाते के बारे में पता किया तो उनके होश उड़ गए। पीड़ित को पता चला कि उनका खाता खाली है। उन्होंने एजेंट पर आरोप लगाया कि उसने डाकघर के अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ मिलकर उनके बैंक खाते से लिंक नंबर को बदला और बिना उनकी अनुमति के डुप्लीकेट चेकबुक जारी करवाई। फर्जी हस्ताक्षर से उनका खाता खाली कर दिया।
पीड़ित ने जब अन्य खाताधारकों से बात की तो उनके साथ भी इसी तरह की ठगी हुई थी। पीड़ित ने दस अन्य पीड़ितों के साथ एमएस पार्क थाने में शिकायत की। एफआइआर के बाद भी कोई कार्रवाई न होने पर पीड़ित ने दिल्ली पुलिस आयुक्त से अब शिकायत की है।
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