दिल्ली में ऐसी सरकार भी रही, जिसने इहबास को एमआरआई और सीटी स्कैन मशीन तक नहीं दी : रेखा गुप्ता
दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने दिलशाद गार्डन स्थित इहबास का निरीक्षण किया। उन्होंने पाया कि 2012 से एमआरआई और सीटी स्कैन मशीनें नहीं हैं जिससे मरीजों को परेशानी होती है। सीएम ने नई ओपीडी इमारत बनाने और मशीनें खरीदने की घोषणा की। उन्होंने बीमार भाजपा विधायकों का हालचाल भी जाना।

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता बुधवार को दिलशाद गार्डन स्थित इहबास (मानव व्यवहार एवं संबंद्ध विज्ञान संस्थान) पहुंचीं। सीएम ने अस्पताल में इलाज करवाने के लिए आए मरीजाें से बात कर उनका हाल व समस्याएं पूछी। पंजीकरण ब्लाॅक से लेकर वह ओपीडी में गईं।
सीएम इस बात से हैरान रह गई कि इहबास मानसिक रोगों से जुड़ा बड़ा संस्थान है, इसमें वर्ष 2012 से एमआरआई व सीटी स्कैन मशीन नहीं है। दूसरे अस्पतालों में जांच के लिए मरीजाें को भेजा जाता है।
संस्थान के हालात पर सीएम ने चिंता व नाराजगी जाहिर की। यह हाल राजधानी के उस संस्थान का है, जहां एक दिन में करीब तीन हजार मरीज ओपीडी में अपना इलाज करवाने के लिए आते हैं।
सीएम को मरीजों ने बताया कि अस्पताल में एमआरआई व सीटी स्कैन मशीन नहीं है। जांच के लिए ताहिरपुर स्थित राजीव गांधी अस्पताल जाना पड़ता है। इहबास में अल्ट्रासाउंड व एक्स-रे की मशीनें सीमित हैं। डाॅक्टरों ने सीएम को बताया कि दस वेंटिलेटर बेड हैं, जबकि जरूरत अधिक बेड की है।
इतने सीमित संसाधनों संस्थान चल रहा है। सीएम ने खुद वाटर कूलर भी देखे कि पानी आ रहा है या नहीं। सीएम ने कहा कि इहबास दिल्ली नहीं, उत्तरी एशिया का प्रमुख न्यूरो और मानसिक स्वास्थ्य उपचार केंद्र है। सीमित संसाधनों के बावजूद डाक्टर और कर्मचारी दायित्वों का निर्वाह गंभीरता से कर रहे हैं।
उन्होंने वर्ष 2012 के बाद दिल्ली में सत्ता में रही आप सरकार पर सवाल उठाए और उनपर इहबास की अनदेखी करने का आरोप लगाया। बिना एमआरआई की सुविधा के डाक्टर इलाज कर रहे हैं। संस्थान में महज 317 बेड होने पर भी सीएम ने सवाल उठाए।
कहा पूर्व की सरकार ने अस्पताल के विकास पर कोई ध्यान नहीं दिया। सीएम ने कहा कि अस्पताल के पास 111 एकड़ जमीन है। 20 प्रतिशत ही उपयोग में लाई जा रही है।
सीएम ने घोषणा की जल्द ही अस्पताल में ओपीडी की नई इमारत बनाई जाएगी। इससे पहले एमआरआई, सीटी स्कैन, एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड मशीन खरीदी जाएंगी। सीएम ने इस निरीक्षण के बारे में स्थानीय पार्षद बीएस पवार समेत अन्य को सूचना नहीं दी थी।
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