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भारत समेत तीन मुल्कों में कांपी धरती, 5 सेकेंड तक करोड़ों लोगों की थमी रहीं सांसें

भूकंप के झटके दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर भारत के तकरीबन सभी राज्यों में महसूस किए गए।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 31 Jan 2018 12:46 PM (IST)Updated: Thu, 01 Feb 2018 12:27 PM (IST)
भारत समेत तीन मुल्कों में कांपी धरती, 5 सेकेंड तक करोड़ों लोगों की थमी रहीं सांसें
भारत समेत तीन मुल्कों में कांपी धरती, 5 सेकेंड तक करोड़ों लोगों की थमी रहीं सांसें

नई दिल्ली (जेएनएन)। भारत समेत तीन मुल्कों में आज भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की वजह से पाकिस्तान में एक शख्स की मौत हो गई। भूकंप के झटके दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर भारत के तकरीबन सभी राज्यों में महसूस किए गए। भूकंप बुधवार 12.35 मिनट पर आया और कई जगहों पर लोगों ने पांच मिनट तक झटके महसूस किए।

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उत्तर भारत के साथ भूकंप के झटके पड़ोसी देश पाकिस्तान और अफगानिस्तान में काफी तेज महसूस किए गए। एक ओर जहां पाकिस्तान के लाहौर में भूकंप आया, वहीं अफगानिस्तान के हिंदूकुश इलाके में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। पाकिस्तानी मीडिया की मानें तो पाक के बलूचिस्तान में भूकंप की वजह से एक व्यक्ति की मौत और कई के घायल होने की भी खबर है।

जानकारी के मुताबिक, भूकंप के झटके दिल्ली-एनसीआर, यूपी, पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और दूसरे राज्यों में भी महसूस किए गए हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.0 मापी गई है, वहीं भूकंप का केंद्र पड़ोसी देश अफगानिस्तान (हिंदूकुश) में था।

नेशनल सेंटर फॉर सिस्मॉलोजी के डायरेक्टर वीके गहलोत के मुताबिक, भूकंप धरती में 190 किलोमीटर अंदर था और यहां पर अफगानिस्तान और ताजिकिस्तान की सीमा लगती है। 

फिलहाल इस भूकंप से किसी भी तरह के जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। भूकंप के झटके लगने पर लोगों में दहशत का माहौल बना रहा।

लोगों की कहना है कि बुधवार दोपहर साढ़े 12 बजे के आसपास अचानक पंखे, खिड़की-दरवाजे हिलने लगे तो लोग घबरा गए। वे घरों से बाहर निकल आए। वहीं, दफ्तरों में काम कर रहे लोग भी दहशत में आ गए। 

कश्मीर, दिल्ली समेत कई राज्यों में लगे झटके

पंजाब, हरियाणा, यूपी, दिल्ली के साथ कश्मीर घाटी में भी बुधवार को भूकंप के झटकों से जमीन के अचानक हिल जाने से सनसनी फैल गई। फिलहाल, भूकंप में किसी प्रकार के जान माल का नुकसान होने की जानकारी नहीं मिल पाई है।

कश्मीर में सहमे लोग

बुधवार दोपहर वादी में लोग अपनी सामान्य दिनचर्या में व्यस्त थे कि दोपहर 12.35 बजे भूकंप के तीव्र झटकों से जमीन हिलने लगी। करीब पांच सेकेंड तक भूकंप के झटके महसूस हुए। भूकंप दो बार आया। पहली बार झटका धीमा और मात्र दो सेकेंड का रहा, जबकि दूसरा भूकंप करीब दो मिनट बाद शुरु हुआ और पांच सेकेंड तक महसूस होता रहा। 

भूकंप के झटकों से लोग पूरी तरह सहम गए और अपनी जान बचाने के लिए खुले स्थानों पर निकल आए। सड़कों पर वाहनों की आवाजाही भी थम गई।

इन झटकों के बाद लोगों में भय का माहौल पैदा हो गया। लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकल गए हैं। दफ्तरों में काम कर रहे लोग भी सुरक्षा के लिहाज से सड़कों पर आ गए।

बता दें कि राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्‍ली अधिक तीव्रता वाले जोन 4 में आती है वहीं, भूकंप की दृष्टि से उत्तराखंड के उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, चमोली, रुद्रपयायग, बागेश्वर जोन पांच जबकि नैनीताल, अल्मोड़ा जोन चार में हैं। इसके अलावा नार्थ अल्मोड़ा थ्रस्ट से रामेश्वर, घाट, सरयू, भैंसियाछाना, सेराघाट, द्वाराहाट, श्रीनगर आदि से गुजरती है।

बड़े भूकंप का खतरा नहीं झेल पाएगी दिल्ली

बता दें कि दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र की एक बड़ी समस्या आबादी का घनत्व भी है। तकरीबन दो करोड़ की आबादी वाली राजधानी दिल्ली में लाखों इमारतें दशकों पुरानी हैं और तमाम मोहल्ले एक दूसरे से सटे हुए बने हैं। ऐसे में बड़ा भूकंप आने की स्थिति में जानमाल की भारी हानि होगी।

वैसे भी दिल्ली से थोड़ी दूर स्थित पानीपत इलाके के पास भूगर्भ में फॉल्ट लाइन मौजूद है जिसके चलते भूकंप की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।

खतरनाक हैं दिल्ली की 70-80% इमारतें 

विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि दिल्ली में भूकंप के साथ-साथ कमज़ोर इमारतों से भी खतरा है। एक अनुमान के मुताबिक, दिल्ली की 70-80% इमारतें भूकंप का औसत से बड़ा झटका झेलने के लिहाज़ से डिज़ाइन ही नहीं की गई हैं।

बताया गया है कि पिछले कई दशकों के दौरान यमुना नदी के पूर्वी और पश्चिमी तट पर बढ़ती गईं इमारतें ख़ास तौर पर बहुत ज़्यादा चिंता की बात है क्योंकि अधिकांश के बनने के पहले मिट्टी की पकड़ की जांच नहीं हुई है।

भूकंप आए तो क्या करें?

भूकंप का एहसास होते ही घबराएं नहीं चाहिए, बल्कि घर से बाहर किसी खाली जगह पर खड़े हो जाना चाहिए। बच्चों व बुजुर्गों को पहले घर से बाहर निकालें, किनारे में खड़े रहें। घर में भारी सामान सिर के ऊपर नहीं होना चाहिए। टेबल के नीचे जाना चाहिए।


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