दुग्ध उद्योग में करियर बनाकर करें अच्छी कमाई, जानिए कोर्स व नौकरी के अवसर के बारे में
दूध न सिर्फ हमारी इम्युनिटी बढ़ाता है बल्कि युवाओं को बड़ी संख्या में रोजगार भी उपलब्ध करा रहा है। कोरोनाकाल का भी इस इंडस्ट्री पर कोई प्रभाव नहीं देखा गया। आइये जानें कैसे दुग्ध उद्योग में अनेक रूपों में करियर को आगे बढ़ाया जा सकता है…

नई दिल्ली [धीरेंद्र पाठक]। दूध हर घर की जरूरत है। हर दिन सुबह से शाम तक हम सभी दूध या इससे बने उत्पादों (दही, छाछ, लस्सी, पनीर, घी, मक्खन, आइसक्रीम, मिठाई आदि) का किसी न किसी रूप में उपयोग जरूर करते हैं। वैसे भी, दूध का हमारी संस्कृति में शुरू से बड़ा महत्व रहा है। दूध के अंदर विटामिन, कैल्शियम, फैट्स, मिनरल जैसे सारे पोषकतत्व मिलते हैं। इसीलिए इसे संपूर्ण आहार भी कहा जाता है। आपने अगर दूध पी लिया, तो समझें आपको सब कुछ मिल गया। इसके सेवन से शरीर में किसी भी पोषकतत्व की कमी नहीं होती है। लगातार बढ़ती जरूरत को देखते हुए देश में दूध, दही, बटर, पनीर जैसे दुग्ध उत्पादों का बड़े पैमाने पर उत्पादन हो रहा है।
इसके साथ ही इसमें युवाओं के लिए विभिन्न रूपों में रोजगार के अवसर भी लगातार बढ़ रहे हैं। अपनी योग्यता और कुशलता बढ़ाकर आप इस इंडस्ट्री में डेयरी टेक्नोलाजिस्ट या डेयरी इंजीनियर/ साइंटिस्ट से लेकर प्रोसेसिंग, मैन्युफैक्चरिंग, पैकेजिंग, स्टोरेज तथा मार्केटिंग जैसे बहुत से एरिया में अपना करियर बना सकते हैं। इसके अलावा, दुग्ध उत्पादन, उच्च नस्लीय पशुपालन और इससे जुड़े उत्पादों से जुड़ा अपना कारोबार भी शुरू कर सकते हैं।
शैक्षिक योग्यता एवं कोर्स
आइसीएआर-नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्ट्रीट्यूट (एनडीआरआइ) करनाल और इससे संबद्ध संस्थानों में डेयरी टेक्नोलाजी में बीटेक कोर्स कराया जा रहा है। इस चार वर्षीय कोर्स में स्टूडेंट्स को तमाम विषयों की जानकारी दी जाती है कि जैसे कि वे कैसे दूध को प्रोसेस करके उससे पनीर, खोया, घी, मक्खन, रसगुल्ला, आइसक्रीम और क्रीम आदि बना सकते हैं या कैसे इकट्ठा हुए दूध की गुणवत्ता नियंत्रित कर सकते हैं इत्यादि। इसके अलावा, यहां डेयरी में ही 14 विषयों में मास्टर डिग्री कोर्स भी कराया जाता है। बाद में इसी में पीएचडी का भी विकल्प उपलब्ध है।
ये सभी कोर्सेज संस्थान के पशु पोषण विभाग, पशु रसायन विभाग, दुग्ध रसायन विभाग (दूध एनालिसिस), एडवांस एनिमल बायोटेक्नोलाजी, डेयरी इकोनामिक्स जैसे विभागों के अंतर्गत कराये जाते हैं। बीटेक कोर्स करने के लिए 50 प्रतिशत अंकों से पीसीएम और अंग्रेजी विषयों के साथ बारहवीं होना चाहिए। बारहवीं के बोर्ड एग्जाम में सम्मिलित हो रहे स्टूडेंट भी दाखिले के लिए होने वाली इसकी प्रवेश परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। डेयरी के एमएससी प्रोग्राम्स में प्रवेश के लिए भी आइसीएआर द्वारा आल इंडिया एंट्रेंस एग्जाम कराया जाता है। यह कोर्स 60 प्रतिशत अंकों से संबंधित विषय में ग्रेजुएट युवा कर सकते हैं।
प्रोग्राम्स के नाम
बीटेक (डेयरी टेक्नोलाजी), मास्टर प्रोग्राम इन डेयरी माइक्रोबायोलाजी, डेयरी केमिस्ट्री, डेयरी इंजीनियरिंग, एनिमल जेनेटिक्स ऐंड ब्रीडिंग, एनिमल न्यूट्रिशन, एनिमल फिजियोलाजी, फ्रोजेन प्रोडक्शन, डेयरी इकानोनामिक्स आदि।
प्रवेश परीक्षा के आधार पर दाखिले
बीटेक (डेयरी टेक्नोलाजी ) कोर्स में दाखिले के लिए हर साल दिल्ली स्थित इंडियन काउंसिल आफ एग्रीकल्चर रिसर्च (आइसीएआर) द्वारा अखिल भारतीय स्तर पर प्रवेश परीक्षा कराई जाती है। यह परीक्षा भारत सरकार की संस्था एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) आयोजित करती है। इस परीक्षा में प्राप्त मेरिट के आधार पर ही छात्रों को डेयरी टेक्नोलाजी के बीटेक कोर्स में दाखिला दिया जाता है। इस एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित नोटिफिकेशन हर साल मार्च-अप्रैल के दौरान निकलते हैं। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए आइसीएआर की आधिकारिक वेबसाइट (https://icar.org.in) देखें।
डेयरी फार्मिंग में ट्रेनिंग
एनडीआरआइ के अंतर्गत ही कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से किसानों को ट्रेनिंग भी उपलब्ध करायी जाती है। खासतौर से उन किसानों को, जो अपना डेयरी फार्म खोलना चाहते हैं या पशुपालन करना चाहते हैं। ऐसे लोगों को यहां इसकी बेसिक ट्रेनिंग दी जाती है, जिसमें उन्हें यह बताया जाता है कि कैसे पशुओं की देखभाल करनी है, कैसे उनको खिलाना है, कैसे उनकी साफ-सफाई रखनी है इत्यादि। यह ट्रेनिंग एक सप्ताह से दस दिन की होती है।
नौकरी के अवसर
बीटेक (डीटी) के स्टूडेंट के लिए इनदिनों सबसे ज्यादा नौकरी के मौके डेयरी इंडस्ट्री में हैं। खासतौर से अमूल, मदरडेयरी, पारस, बीटा, पराग, सुधा जैसी डेयरी कंपनियों (जहां दही, घी, क्रीम, आइसक्रीम जैसे प्रोडक्ट बनते हैं) में बीटेक बैकग्राउंड के युवाओं को प्राथमिकता दी जाती है। ये प्रोफेशनल शुरू में इस इंडस्ट्री में डेयरी सुपरिटेंडेंट पद पर अपनी सेवाएं देते हैं, जो दूध की एनालिसिस करके यह देखते हैं कि पशुपालकों से जो दूध आ रहा है उसकी क्वालिटी कैसी है, उसमें फैट, प्रोटीन आदि जो चाहिए, वह पर्याप्त है या नहीं।
इसके अलावा, वे यह भी देखते हैं कि दूध में बैक्टीरिया ज्यादा तो नहीं है। इसके लिए ये दूध की टेस्टिंग करते हैं। कुल मिलाकर, ऐसे प्रोफेशनल्स को दूध के सुपरविजन की अच्छी समझ होती है। इनकी चेकिंग के बाद ही दूध अगले चरण में पैकेट में पैक होने के लिए जाता है या फिर उसकी प्रोसेसिंग होकर दही, घी, मक्खन या आइसक्रीम, दुग्ध पाउडर जैसे उत्पाद बनते हैं।
वहीं, जो युवा डेयरी में एमटेक, एमएससी या पीएचडी कर लेते हैं, वे एग्रीकल्चर रिसर्च साइंटिस्ट या असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर किसी भी कृषि विश्वविद्यालय या शोध संस्थान में नौकरी पाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। बीटेक के बाद युवा अगर एमबीए कर लेते हैं, उन्हें डेयरी कंपनियों में मैनेजमेंट पदों पर भी जाब मिल जाता है।
रोजगार के मौके
डेयरी इंडस्ट्री में नौकरी के अलावा रोजगार के लिए भी बहुत से मौके हैं। अगर इस सेक्टर में व्यवसाय की बात करें, तो आप यहां कई तरह के बिजनेस कर सकते हैं। एक तो यह है कि आप लोगों को अच्छी क्वालिटी का दूध बेचने का काम शुरू कर सकते हैं। दूसरा यह कि आप दूध के प्रोडक्ट बेच सकते हैं या फिर अच्छी नस्ल के जानवरों का व्यापार शुरू कर सकते हैं। इसी तरह पनीर और रसगुल्ला आदि बनाने का भी अच्छा-खासा व्यवसाय शुरू किया जा सकता है।
इनदिनों दुग्ध पाउडर बनाने का बिजनेस भी काफी देखा जा रहा है। इसीतरह पशुओं के चारे से जुड़े व्यवसाय का भी विकल्प है, जहां आप खुद के साथ-साथ दूसरों को भी रोजगार दे सकते हैं। लेकिन इस तरह के किसी भी व्यवसाय में आने के लिए इसमें आपकी रुचि होनी जरूरी है। जिन युवाओं को पशुओं से प्यार है, पशुओं के साथ रहना अच्छा लगता है और जो हेल्थ के प्रति सजग हैं, उनके लिए यह रोजगार का एक सदाबहार विकल्प हो सकता है।
आकर्षक कमाई
डेयरी प्लांट में बीटेक बैकग्राउंड के ट्रेनी युवाओं को शुरुआत में 30 से 35 हजार रुपये तक की सैलरी मिल जाती है। फिर धीरे-धीरे काम और अनुभव के आधार पर यह सैलरी बढ़ती जाती है। ऐसे युवाओं का कोर्स के दौरान कैंपस सिलेक्शन भी आसानी से हो जाता है। इन प्रोफेशनल्स की विदेशी डेयरी कंपनियों में भी हमेशा मांग रहती है।
प्रमुख संस्थान
एनडीआरआइ डीम्ड यूनिवर्सिटी, करनाल/बेंगलुरु
http://ndri.res.in
इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी, नयी दिल्ली
www.ignou.ac.in
चंद्रशेखर आजाद यूनिवर्सिटी आफ एग्रीकल्चर ऐंड टेक्नोलाजी, कानपुर
https://csauk.ac.in
हाइलाइट्स
22 प्रतिशत दुग्ध उत्पादन करता है भारत दुनिया का।
8.5 लाख करोड़ रुपये का दुग्ध उत्पादन करता है भारत प्रतिवर्ष।
8 करोड़ से अधिक लोगों की आजीविका पशुधन से ही चल रही है अपने देश में।
14.8 प्रतिशत के लगभग ग्रोथ की उम्मीद की जा रही है मिल्क प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के 2023 तक।
(आइसीएआर की रिपोर्ट के अनुसार)
(डा. एके डैंग, प्रिंसिपल साइंटिस्ट/पीआरओ,एनडीआरआइ,करनाल से बातचीत पर आधारित)
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।