कैंसर मामले में जांच में विलंब बन रही 70 प्रतिशत मौतों का कारण, आधुनिक जांच और इलाज भी काम नहीं आ रहा
नई दिल्ली में हेल्थकेयर होराइजन सम्मेलन में विशेषज्ञों ने कैंसर की शुरुआती पहचान पर जोर दिया क्योंकि देर से पता चलने पर 70% मौतें होती हैं। प्रिवेंटिव केयर महिलाओं के लिए स्वास्थ्य जांच और किफायती सेवाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया। एचपीवी वैक्सीन और ओपीडी इंश्योरेंस को महत्वपूर्ण बताया गया। शुरुआती पहचान टीकाकरण और सीएसआर के माध्यम से इलाज को सुलभ बनाने का सुझाव दिया गया।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। आधुनिक जांच और उपचार सुविधा कैंसर से लड़ाई में निर्णायक साबित हो रहे हैं, पर कैंसर की विलंब से पहचान के कारण 70 फीसद मौतें हो रही हैं। इन आंकड़ों को कम किया जा सकता है।
रोकथाम के लिए लक्षणों के प्रति जागरूकता और शुरुआती स्क्रीनिंग बेहद जरूरी है। यह सुझाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 विजन के तहत शनिवार को नई दिल्ली में आयोजित हेल्थकेयर होराइजन सम्मेलन में विशेषज्ञ चिकित्सकों और नीति निर्माताओं ने दिए।
मेडीवेज हेल्थ फाउंडेशन की ओर से आयोजित कार्यक्रम का केंद्र बिंदु प्रिवेंटिव केयर, महिलाओं को स्वास्थ्य जांच के लिए प्रोत्साहित करना और किफायती स्वास्थ्य सेवाएं रही। चिकित्सकों ने एचपीवी वैक्सीन और शुरुआती स्क्रीनिंग को जरूरी बताया।
वीएमएमसी और सफदरजंग हास्पिटल स्थित कैंसर सर्जरी विभाग के प्रोफेसर व हेड डा. राकेश कुमार ने कहा कि सही जीवनशैली और रोकथाम से कैंसर पर काबू पाया जा सकता है। वहीं ई-वन हेल्थकेयर की मेडिकल डायरेक्टर डॉ. चंद्रिका कंबम ने जांच को किफायती बनाने के लिए ओपीडी इंश्योरेंस की आवश्यकता पर जोर दिया।
सम्मेलन में तीन मुख्य सुझाव सामने आए, जिसमें शुरुआती पहचान और टीकाकरण को बढ़ावा देना, कार्यस्थलों पर शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना और सीएसआर एवं बीमा योजनाओं के जरिए इलाज को सस्ता व सुलभ बनाना शामिल रहा। इस दौरान युवाओं को इंटरनेट मीडिया पर कैंसर जागरूकता फैलाने के लिए 'बनेगी रील-बचेगी जान' अभियान भी लांच किया गया।
इस अवसर पर यथार्थ सुपर-स्पेशलिटी हास्पिटल के समूह निदेशक डा. सुदर्शन डे, मारेंगो एशिया हास्पिटल के क्लीनिकल डायरेक्टर व हेड डॉ. अनिल कुमार धर, मैश हास्पिटल की लेप्रोस्कोपिक गायनोकोलाजी एचओडी डॉ. रश्मि श्रिया समेत डा.रोहित गर्ग, वंदना कामरा, जय प्रकाश, अमित लाखोटिया आदि रहे।
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