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    DUSU चुनाव में तीसरे वर्ष के छात्र भी बन सकेंगे उपाध्यक्ष, इतिहास में पहली बार नियम में हुआ ऐसा बदलाव

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 07:55 PM (IST)

    दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) के इतिहास में पहली बार तृतीय वर्ष के छात्र उपाध्यक्ष और संयुक्त सचिव पद के लिए चुनाव लड़ सकेंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बदलाव के कारण यह संभव हुआ है। डूसू चुनाव समिति ने अधिसूचना जारी कर स्पष्ट किया है कि 9 सितंबर तक प्रवेश लेने वाले छात्र ही मतदान कर सकेंगे।

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    दिल्ली विश्वविद्वालय के कला संकाय के सामने एबीवीपी द्वारा छात्र गर्जना में उमड़ी छात्रों की भीड़। जागरण

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) के इतिहास में यह पहली बार होगा जब तृतीय वर्ष के छात्र उपाध्यक्ष और संयुक्त सचिव पद के लिए चुनाव लड़ सकेंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम को अपनाया गया है।

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    इसके बाद स्नातक की पढ़ाई चार साल की हो गई है। तृतीय वर्ष के छात्रों को अब अंतिम वर्ष का छात्र नहीं माना जाएगा। इसलिए डूसू चुनाव समिति ने एक अधिसूचना जारी कर इसे स्पष्ट कर दिया है। हालांकि, कोई भी छात्र अध्यक्ष और सचिव पद के लिए चुनाव लड़ सकता है।

    छात्र संघ चुनाव का प्रचार- प्रसार जोरो पर है , अभी भी प्रत्याशी का नाम की अंतिम सूची जारी नही हुई है , दिल्ली विश्वविद्वालय मार्ग पर वाल आफ डेमोक्रेसी पर पोस्टर वार जारी है। चंद्र प्रकाश मिश्र

    डूसू संविधान की धारा 11 (2) में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि उपाध्यक्ष और संयुक्त सचिव पद के लिए केवल वही छात्र उम्मीदवार हो सकते हैं जो उस वर्ष विश्वविद्यालय की अंतिम वर्ष की परीक्षा नहीं दे रहे हों। इसके बाद ही छात्रों में स्पष्टता लाने के लिए विश्वविद्यालय ने यह आदेश जारी किया है। 10 सितंबर नामांकन की आखिरी तारीख है।

    मुख्य चुनाव अधिकारी प्रो. राज किशोर शर्मा ने अधिसूचना जारी कर कहा, "छात्र संघ चुनाव की पारदर्शिता और नियमितता को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। सभी इच्छुक उम्मीदवार समय सीमा के भीतर नामांकन प्रक्रिया पूरी करें।"

    9 सितंबर तक प्रवेश लेने वाले छात्र ही मतदाता होंगे

    डूसू चुनाव समिति ने स्पष्ट रूप से कहा है कि 18 सितंबर को होने वाले छात्र संघ चुनाव में केवल वही छात्र मतदान के पात्र होंगे जिन्होंने 9 सितंबर को प्रवेश लिया है और फीस जमा कर दी है। मॉप-अप राउंड के लिए प्रवेश प्रक्रिया चल रही है, इसलिए 9 सितंबर के बाद प्रवेश लेने वाले छात्र मतदान नहीं कर पाएंगे।

    छात्र संघ चुनाव का प्रचार- प्रसार जोरो पर है , दिल्ली विश्वविद्वालय मार्ग पर कपड़े पर पेटिंग कर वाहनों पर कुछ इस से प्रचार- प्रसार कर रहे छात्र । चंद्र प्रकाश मिश्र

    छात्र कॉलेज के पहचान पत्र से मतदान कर सकेंगे। जिन प्रथम वर्ष के छात्रों को पहचान पत्र नहीं मिले हैं, वे आधार, पैन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र या ड्राइविंग लाइसेंस के साथ-साथ फीस रसीद दिखाकर मतदान कर सकेंगे।

    इस वर्ष मतदाताओं में 40 प्रतिशत की वृद्धि होगी

    डूसू चुनाव में यह पहली बार होगा जब मतदाताओं की संख्या में 40 प्रतिशत की वृद्धि होगी। लगभग तीन लाख छात्र चुनाव में मतदान करेंगे। चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम के अंतर्गत लगभग 60 प्रतिशत छात्रों ने चतुर्थ वर्ष में प्रवेश लिया है। तीन वर्षों में लगभग 2.1 लाख छात्र मतदान करते हैं।

    विश्वविद्यालय 40 प्रतिशत अतिरिक्त छात्रों को मतदाता बनाने पर विचार कर रहा है। ऐसे में इनकी संख्या बढ़कर लगभग तीन लाख हो जाएगी। इससे पहले डूसू में इतनी बड़ी संख्या में छात्र मतदान नहीं करते थे। उम्मीद है कि चतुर्थ वर्ष के छात्र चुनाव परिणामों को प्रभावित करेंगे। जीत-हार में उनकी अहम भूमिका होगी।

    चुनाव के लिए 700 ईवीएम सुरक्षित रखी गईं

    डूसू चुनाव के लिए लगभग 700 ईवीएम सुरक्षित रखी गई हैं। डूसू में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव पदों के लिए ईवीएम के माध्यम से मतदान होता है। जबकि कॉलेज काउंसलर के लिए मतपत्रों पर वोट डाले जाते हैं।

    डूसू चुनाव अध्यक्ष प्रो. राज किशोर शर्मा ने बताया कि चुनाव आयोग की टीम ईवीएम की जाँच कर रही है। चुनाव से पहले, सभी ठीक से काम कर रही ईवीएम विश्वविद्यालय को सौंप दी जाएँगी। चुनाव समिति 52 कॉलेजों और केंद्रों में से प्रत्येक को पाँच-पाँच ईवीएम भेजेगी। चुनाव के लिए 155 मतदान केंद्र बनाए जाएँगे।