DUSU Election 2025: प्रिंटेड पर्चे रहे नदारद, कारों के काफिलों पर नहीं लग सकी रोक; अंतिम दिन दिखी जोर आजमाईश
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव के लिए प्रचार खत्म हो गया है। इस बार प्रिंटेड पर्चों पर रोक रही और ऑनलाइन प्रचार पर ज्यादा जोर दिया गया। उम्मीदवारों ने इंस्टाग्राम फेसबुक जैसे माध्यमों से प्रचार किया जिसमें बॉलीवुड हस्तियों का भी समर्थन मिला। हाथ से लिखे पर्चों का भी इस्तेमाल हुआ और कॉलेजों के बाहर पेड प्रचारक भी दिखे। अब देखना यह है कि किसकी जीत होती है।

उदय जगताप, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव में उम्मीदवारों का प्रचार समाप्त हो गया है। 2025-26 के चुनावों में पिछले सालों के मुकाबले प्रचार बिल्कुल अलग रहा। प्रिंटेड पर्चों पर रोक का असर साफ दिखाई दिया और दीवारों पर सड़कों पर पर्चे दिखाई नहीं दिए।
हालांकि, कारों के काफिले पूरे वक्त डीयू के परिसर व कालेजों में आते-जाते रहे। इससे जाम लगने की समस्याएं आम रहीं। इस चुनाव में पूरा जोर आनलाइन प्रचार साधनों पर रहा। इंस्टा, एक्स और फेसबुक जैसे माध्यमों से छात्रों ने खूब प्रचार किया। कई बालीवुड व क्रिकेट की हस्तियों ने उम्मीदवारों के पक्ष में अपील की।
डिफेसमेंट पर पिछले साल हाई कोर्ट की सख्ती के बाद डूसू चुनाव प्रचार में अधिकतर जोर इंटरनेट मीडिया पर रहा। उम्मीदवार अलग-अलग तरह से अपनी रील वायरल करते रहे। उन्होंने खुद के फेसबुक, इंस्टा, टि्वटर एकाउंट से तो रील्स शेयर की हीं, कुछ पायराडी एकाउंट का सहारा लेकर भी रील्स को प्रसारित किया। इनमें हरियाणवी गायकों के गानों को बैकग्राउंड में रखा गया। मशहूर हरियाणवी गायक ने एक उम्मीदवार के लिए बकायदा गीत लिखा।
बालीवुड प्रमुख हस्ती और अभिनेता ने समर्थन में अपील की। पूर्व पंजाबी गायक के पिता और कई क्रिकेटरों ने उम्मीदवारों को समर्थन दिया। यह रील्स खूब प्रसारित की गईं। कई शीर्ष नेताओं ने रैलियां कीं। चुनाव में प्रिंटेड पर्चे नहीं थे, लेकिन हाथ से लिखे पर्चों की कमी नहीं रही। छात्रों को अभियान में देने के लिए 10-10 हजार पर्चे छात्रों ने हाथों से लिखे। उत्तरी और दक्षिणी परिसर में वाल आफ डेमोक्रेसी के स्थान तय किए गए थे।
साथ ही कालेजों में भी दीवारों पर स्थान तय थे। यहीं हाथ से लिखे पर्चे लगाने की इजाजत दी गई। यह डूसू चुनाव में प्रचार का बिल्कुल नया रूप था। इसके अलावा पेड पर्चे बांटने का काम होता दिखाई दिया। कई युवक उम्मीदवारों के समर्थन में कालेजों के बाहर खड़े होकर समर्थन मांगते दिखे। यह युवक बाहरी थे, जिन्हें मेहनताना देकर तैनात किया गया था। चुनाव में बहुत हुड़दंग नहीं दिखा और पिछले सालों की अपेक्षा मारपीट और तोड़फोड़ के दो चार मामले ही सामने आए। लेकिन, गाड़ियों को काफिले पहले की तरह ही दिखाई दिए।
इनकी रील्स और मीम्स खूब प्रसारित हुए। एक-एक उम्मीदवार 30-30 गाड़ियों के काफिले के साथ घूमते दिखे। इससे उत्तरी परिसर के छात्रा मार्ग पर अधिकतर जाम के हालात रहे। सड़कों पर भी इसका असर दिखा। प्रचार के बदले स्वरूप में छात्रावासों में उम्मीदवारों का कैंपेन पहले जैसा ही दिखाई दिया। प्रचार सुबह खत्म हो जाएगा, अब देखना होगा कि जीत का सेहरा किसके सिर बंधता है।
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