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    DUSU Election 2025: डूसू चुनाव से पहले आइसा और एसएफआई ने दिखाई ताकत, छात्रों के मुद्दों को बनाया मुख्य एजेंडा

    Updated: Wed, 03 Sep 2025 07:36 AM (IST)

    डूसू चुनाव से पहले आइसा और एसएफआई ने दिल्ली विश्वविद्यालय में महापंचायत की जिसमें छात्रों ने एफवाईयूपी महिला सुरक्षा हॉस्टल की कमी जैसे मुद्दों पर अपनी बात रखी। नेताओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन और सत्तारूढ़ छात्र संगठन पर छात्रों की समस्याओं को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। आइसा और एसएफआई ने मिलकर चुनाव लड़ने और छात्रों के हित में काम करने का वादा किया।

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    आइसा और एसएफआई की छात्र महापंचायत में मौजूद छात्र। सौजन्य आइसा

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव से पहले वामपंथी छात्र संगठनों एसएफआई और आइसा ने मंगलवार को विश्वविद्यालय परिसर में महापंचायत लगाई। इस सभा में सैकड़ों छात्र-छात्राएं शामिल हुए और विभिन्न मुद्दों पर अपने अनुभव और मांगें साझा कीं। महापंचायत के दौरान नेताओं ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन और सत्तारूढ़ छात्र संगठन छात्रों की वास्तविक समस्याओं को दरकिनार कर रहे हैं।

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    सभा में एफवाईयूपी, महिला सुरक्षा, हास्टल की कमी, फीस वृद्धि और शिक्षा के निजीकरण जैसे मुद्दे केंद्र में रहे। ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) की संभावित प्रत्याशी अंजली ने कहा कि जबरन लागू किए गए चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम (एफवाईयूपी) से छात्रों पर दबाव बढ़ा है, जबकि विश्वविद्यालय पर्याप्त ढांचे से लैस नहीं है।

    स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के संभावित प्रत्याशी सोहन कुमार यादव ने कहा कि पिछले साल के चुनावी वादे एबीवीपी और एनएसयूआइ ने पूरे नहीं किए। उन्होंने छात्रों से अपील की कि इस बार ऐसे प्रतिनिधियों को चुनें जो सालभर सक्रिय रहें। महिला सुरक्षा पर जोर देते हुए एसएफआई की अभिनंदना ने कहा कि हर साल महिला कालेजों में उत्पीड़न की घटनाएं सामने आती हैं और यह स्थिति चिंताजनक है।

    उन्होंने सभी कॉलेजों में आंतरिक शिकायत समिति (आइसीसी) को सक्रिय करने और सुरक्षा उपाय बढ़ाने की मांग की। आइसा के संभावित प्रत्याशी अभिषेक कुमार ने कहा कि हॉस्टल की कमी दिल्ली विश्वविद्यालय का सबसे बड़ा संकट है। बाहरी राज्यों से आने वाले छात्रों के लिए ठहरने की कोई सस्ती और सुरक्षित व्यवस्था नहीं है।

    उन्होंने कहा, “डीयू फेस्ट पर करोड़ों खर्च करता है, लेकिन हास्टल निर्माण पर नहीं। यह छात्रों के साथ अन्याय है।” सभा के अंत में एसएफआई-आइसा गठबंधन ने फर्जी कोर्स खत्म करने, फीस वृद्धि रोकने, रियायती मेट्रो पास लागू करने और सभी के लिए हास्टल बनाने जैसी मांगों को सामने रखा। बता दें कि आइसा और एसएफआई इस वर्ष भी डूसू चुनाव में एक साथ उतरे हैं।