आम आदमी पार्टी का छात्र संगठन ASAP लड़ेगा DUSU का चुनाव, एबीवीपी और एनएसयूआई की राजनीति को सीधी चुनौती
दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव में आम आदमी पार्टी का छात्र संगठन एसैप एबीवीपी और एनएसयूआई की राजनीति को चुनौती देगा। एसैप का मानना है कि छात्र राजनीति किसी नेता की जागीर नहीं है बल्कि छात्रों के हाथ में होनी चाहिए। एसैप ने चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया है जिसमें हर छात्र को मौका मिलेगा। यह संगठन पारदर्शिता जवाबदेही और मुद्दों पर आधारित राजनीति करने के लिए प्रतिबद्ध है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्र राजनीति लंबे समय से कुछ रसूखदारों, राजनीतिक दलों और गुंडागर्दी करने वाले संगठनों के कब्ज़े में रही है। चुनाव टिकट अब मुद्दों पर नहीं, बल्कि पैसे, जाति और बाहुबल के आधार पर बंटते हैं। जिन सवालों पर छात्र राजनीति की नींव होनी चाहिए, जैसे फीस वृद्धि, हॉस्टल और लैब की कमी, महिला सुरक्षा और भेदभाव उन पर सालों से चुप्पी छाई रही है। एबीवीपी और एनएसयूआई ने कैंपस को सालों तक एक निजी ठेके की तरह चलाया, जहां पर सेटिंग करके बारी-बारी से डूसू छात्रसंघ पर कब्जा जमाए बैठे रहे। लेकिन कभी भी छात्रों के हितों की आवाज बुलंद नहीं है। सिर्फ अपने नेताओं को खुश करने और अपनी राजनीति चमकाने में लगे रहे। जहां छात्रों की भागीदारी को कुचला गया और राजनीति का मतलब सिर्फ बैनर, पैसा, गुंडागर्दी और धमकी बनकर रह गया।
लेकिन अब यह चक्र टूटेगा। क्योंकि इस बार आम आदमी पार्टी का छात्र संगठन एसैप डूसू छात्र संघ चुनाव लड़ेगा, और सिर्फ लड़ेगा ही नहीं, बल्कि एबीवीपी और एनएसयूआई की गुंडागर्दी वाली राजनीति को सीधी चुनौती देगा। एसैप मानता है कि छात्र राजनीति कोई बीजेपी और कांग्रेस नेताओं की जागीर नहीं हो सकती। नेतृत्व उस छात्र के हाथ में होना चाहिए, जो पढ़ाई में अच्छा है, मेहनती है, ईमानदार है और अपने कॉलेज व विश्वविद्यालय को बेहतर बनाना चाहता है।
आम Students को DUSU का चुनाव लड़ाएगी ASAP💯
— Association of Students for Alternative Politics (@ASAP4Students) August 15, 2025
अगर पैसा नहीं है लेकिन योग्यता है तो आप 25 August तक आवेदन कीजिए
👉कॉलेज के चुनाव के लिए 10 छात्रों का और DU चुनाव के लिए 50 छात्रों का Recommendation लाइये
👉और हमें अपना 1 Minute का Video बनाकर भेजें
-@Saurabh_MLAgk pic.twitter.com/Nu4GA60kz8
अब चुनाव लड़ने के लिए न किसी रसूखदार नेता के दरवाज़े पर खड़ा होना पड़ेगा, न पैसा या जाति पूछी जाएगी, न बैकग्राउंड। एसैप ने टिकट प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी और लोकतांत्रिक बना दिया है। हर छात्र को मौका मिलेगा, चाहे वो किसी भी भाषा, धर्म, जाति या आर्थिक पृष्ठभूमि से आता हो।
जो भी छात्र डूसू या कॉलेज यूनियन का चुनाव लड़ना चाहता है, उसे सिर्फ तीन आसान स्टेप पूरे करने होंगे, पहला- एक पंजीकरण फॉर्म भरना होगा। जिसकी आखिरी तारीख 25 अगस्त है। दूसरा- एक मिनट का वीडियो या ऑडियो जिसमें वह अपने मुद्दों को साफ़-साफ़ रखे, और तीसरा- 200-500 शब्दों में अपना एजेंडा बताए। कॉलेज यूनियन के लिए कम से कम 5 अलग-अलग सेक्शन से 10 छात्रों का समर्थन जुटाना होगा, और डूसू के लिए 5 कॉलेजों से 50 छात्रों का, जिनके नाम, स्टूडेंट ID और मोबाइल नंबर अनिवार्य हैं। उम्मीदवार के पास पूरी कक्षा उपस्थिति होनी चाहिए, कोई बैकलॉग नहीं, और न ही कोई अनुशासनात्मक या आपराधिक रिकॉर्ड हो।
एसैप की राजनीति पारदर्शिता, जवाबदेही और मुद्दों पर आधारित है। यह नेतृत्व को चंद हाथों से निकालकर छात्रों के बीच वापस ले जाने की लड़ाई है। यह सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि एक आंदोलन है जो चाहता है कि यूनिवर्सिटी से ऐसे नेता निकलें जो जनता की आवाज़ बनें, भ्रष्टाचार से लड़ें और लोकतंत्र को मजबूत करें।
इस बार डूसू चुनाव में न पैसा चलेगा, न बाहुबल, न परिवारवाद। इस बार चलेगा आपका विज़न, आपकी नीयत और आपकी सोच। एसैप हर छात्र से कहता है, अगर आपने अब भी चुप्पी साधी, तो बदलाव की संभावना फिर टल जाएगी। लेकिन अगर आप उठे, खड़े हुए और आगे आए तो दिल्ली यूनिवर्सिटी की राजनीति का चेहरा हमेशा के लिए बदल जाएगा।
इस बार यह चुनाव सिर्फ एक पद के लिए नहीं, एक नई राजनीति के लिए लड़ा जाएगा।
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