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    DUSU Chunav 2025 में NSUI के खाते में आई एकमात्र जीत के नायक बने राहुल झांसला, कौन है डीयू का यह युवा नेता

    Updated: Fri, 19 Sep 2025 05:53 PM (IST)

    दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) चुनाव 2025 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने तीन पद जीते जबकि उपाध्यक्ष पद पर राष्ट्रीय छात्र संघ (NSUI) के राहुल झांसला ने एबीवीपी के गोविंद तनवार को हराया। राहुल को 29339 वोट मिले। उनकी जीत NSUI के लिए राहत है क्योंकि बाकी तीनों पदों पर ABVP जीती। राहुल विश्वविद्यालय के बुनियादी ढांचे और छात्र मुद्दों को लेकर सक्रिय रहे हैं।

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    एनएसयूआई को उपाध्यक्ष पद पर जीत दिलाने वाले राहुल झांसला।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) चुनाव 2025 में इस बार कड़ा मुकाबला देखने को मिला। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने तीन अहम पद अध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव अपने नाम किए, लेकिन उपाध्यक्ष पद पर राष्ट्रीय छात्र संघ (NSUI) ने बाजी मारी।

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    इस पर पर एनएसयूआई के राहुल झांसला ने एबीवीपी के प्रत्याशी काे हराते हुए जीत दर्ज की है। 24 वर्षीय राहुल झांसला ने बौद्ध अध्ययन में परास्नातक किया है। वह राजस्थान के रहने वाले हैं।

    Rahul Jhansla ने ABVP उम्मीदवार गोविंद तनवार को हराया। उन्हें 29,339 वोट मिले, जबकि तनवार को 20,547 वोट प्राप्त हुए। उनकी जीत NSUI के लिए एक बड़ी राहत मानी जा रही है, क्योंकि बाकी तीनों पदों पर ABVP विजयी रही।

    पिछले दो वर्षों से लगातार छात्र मुद्दों को लेकर सक्रिय राहुल झांसला विश्वविद्यालय के बुनियादी ढांचे, खेल सुविधाओं, स्वच्छ छात्रावास और कक्षा व्यवस्था, पीने के स्वच्छ जल और महिला विकास प्रकोष्ठ की स्थापना जैसी मांगों को लेकर संघर्षरत रहे हैं। उनकी जमीनी सक्रियता ने उन्हें पूर्वांचल और राजस्थान छात्र समुदाय से मजबूत समर्थन दिलाया।

    राहुल झांसला की जीत को छात्र राजनीति के जानकार महत्वपूर्ण संकेत मान रहे हैं। उनका कहना है कि यह नतीजा बताता है कि छात्र अब उन नेताओं को प्राथमिकता दे रहे हैं जो उनकी वास्तविक चिंताओं को सामने रखते हैं और समाधान की दिशा में कदम उठाते हैं।

    NSUI का इस बार का चुनावी अभियान “बदलाव” की मांग पर केंद्रित था। इस अभियान में पार्टी ने उन समस्याओं को उजागर किया जिन्हें छात्र वर्षों से झेल रहे हैं।

    जैसे जर्जर बुनियादी ढांचा, असुरक्षित परिसर, मासिक अवकाश की मांग, सामाजिक न्याय की अनदेखी और आरएसएस समर्थित अयोग्य शिक्षकों की नियुक्ति का विरोध।

    NSUI का दावा है कि वह केवल नारे नहीं बल्कि छात्रों की रोजमर्रा की समस्याओं के स्थायी समाधान देने के लिए प्रतिबद्ध है।

    DUSU चुनाव 2025 का यह परिणाम न केवल ABVP की ताकत और NSUI की उम्मीद दोनों को दर्शाता है, बल्कि यह भी स्पष्ट करता है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र अब बदलाव की दिशा में ठोस कदम चाहते हैं।

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