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    कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान दिल्ली विश्वविद्यालय के शोधार्थियों ने आनलाइन किया सर्वे, पढ़िए क्या रहा रिजल्ट

    By Vinay Kumar TiwariEdited By:
    Updated: Fri, 28 Jan 2022 01:28 PM (IST)

    दिल्ली विश्वविद्यालय के शोधार्थियों ने कोरोना की पहली व दूसरी लहर के दौरान एक आनलाइन सर्वे किया। शोधार्थी यह जानना चाहते थे कि संक्रमण के मामले जब अधिक आ रहे थे तो लोगों ने किन औषधियों का सेवन किया। तीन सौ लोगों के मन को टटोला गया।

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    कोरोना की पहली व दूसरी लहर के दौरान देशभर में भरवाए गए थे आनलाइन सर्वे फार्म

    नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। देश कोरोना संक्रमण के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ रहा है। कोरोना की पहली लहर जब देश में आई तो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के बहाने ही सही बड़ी संख्या में लोगों ने औषधियों को भी अपनाया। आयुष मंत्रालय ने बकायदा ऐसी औषधियों की सूची जारी की जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी थी। दिल्ली विश्वविद्यालय के शोधार्थियों ने कोरोना की पहली व दूसरी लहर के दौरान एक आनलाइन सर्वे किया। शोधार्थी यह जानना चाहते थे कि संक्रमण के मामले जब अधिक आ रहे थे तो लोगों ने किन औषधियों का सेवन किया। तीन सौ लोगों के मन को टटोला गया।

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    पता चला कि कोरोना को टक्कर देने में अदरक, आंवला, लहसुन, दालचीनी, शिलाजीत, अश्वगंधा मददगार बने। दूसरी लहर के दरम्यान लोगों ने अमला, दालचीनी और लहसुन का अधिक सेवन किया। यह सर्वे अंतरराष्ट्रीय पत्रिका स्पि्रंगर नेचर में भी प्रकाशित हुआ है।

    19 औषधियों पर दी राय

    इंस्टीट्यूट आफ होम इकोनामिक्स के विज्ञानियों ने यह सर्वे किया था। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के मकसद से लोगों द्वारा प्रयोग की जा रही औषधियों के बारे में जानकारी हासिल करने के मकसद से सर्वे किया गया। आनलाइन सर्वे में विभिन्न हिस्से के लोगों की भागीदारी थी। कोरोना की पहली लहर के बाद अक्टूबर 2020 में पहली बार सर्वे किया गया था। जबकि दूसरी लहर के दरम्यान अप्रैल 2021 में भी लोगों की राय जानी गई।

    सर्वे में लोगों को अपना जवाब देने के लिए 19 औषधियों का विकल्प दिया गया। आयुष मंत्रालय द्वारा जारी औषधियों की सूची में भी इनका नाम था। इसमें अदरक, दालचीनी, नींबू, धनिया, जीरा, हल्दी, मेथी, काली मिर्च, लौंग, अजवाइन, लहसुन, नीम, अमला, तुलसी, शिलाजीत, कुटकी, गिलोय और अश्वगंधा शामिल हैं। सर्वे में शामिल 300 लोगों में से 70 प्रतिशत 18 से 30 आयु वर्ग के थे। वहीं 30 प्रतिशत लोगों की उम्र 30 से 60 साल के बीच थी।

    पहली लहर के सर्वे में लोगों की राय

    -80 प्रतिशत लोगों ने अदरक, अमला, लहसुन का सेवन किया।

    -70 प्रतिशत ने लौंग, नींबू।

    -60 -70 प्रतिशत के बीच लोगों ने नीम, शिलाजीत, काली मिर्च, गिलोय, हल्दी, तुलसी, मेथी, दालचीनी का सेवन किया।

    -50 से 60 प्रतिशत लोगों ने जीरा, धनिया, अश्वगंधा, अजवाइन का सेवन किया।

    दूसरी लहर के दरम्यान सर्वे का परिणाम

    -80 प्रतिशत ने अमला, दालचीनी, अदरक, लहसुन का सेवन किया।

    -70 प्रतिशत ने नीम, हल्दी, काली मिर्च, लौंग, गिलोय, अदरक का सेवन किया।

    -60 से 70 प्रतिशत के बीच लोगों ने अजवाइन, शिलाजीत, नींबू, तुलसी, मेथी और अश्वगंधा का सेवन किया।

    -60 प्रतिशत ने जीरा, धनिया का सेवन किया।-50 प्रतिशत के आसपास लोगों ने मेथी, कुटकी का सेवन किया।

    नीम, दालचीनी, अश्वगंधा, हल्दी, काली मिर्च, गिलोय का प्रयोग पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर में बढ़ा।

    पहली लहर के दौरान अधिक प्रयोग किया गया

    ----अदरक, अमला और लहसुन-दूसरी लहर के दौरान अधिक प्रयोग किया गया

    ----अमला, दालचीनी, अदरक, लहसुन