दिल्ली दुर्गा पूजा के लिए तैयार, बंगाल के कारीगर बना रहे मूर्तियां; सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
दिल्ली में दुर्गा पूजा की तैयारियां जोरों पर हैं। आराम बाग सिविल लाइंस और मिंटो रोड के पंडालों में पश्चिम बंगाल के कारीगर मूर्तियां बना रहे हैं। पंडाल अपनी कलात्मकता के लिए जाने जाते हैं। मूर्तियों को फूलों और आभूषणों से सजाया जा रहा है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पंडाल कोलकाता की भक्ति कला और संस्कृति का संगम दिखाएंगे।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली में देवी दुर्गा के आगमन की तैयारियां जोरों पर हैं। मध्य दिल्ली के प्रतिष्ठित आराम बाग, सिविल लाइंस और मिंटो रोड स्थित पूजा पंडालों में स्थापित की जाने वाली देवी दुर्गा की मूर्तियों को भव्य रूप देने के लिए पश्चिम बंगाल के कारीगरों की टीमें दिन-रात काम कर रही हैं। ये कारीगर अपने हाथों के जादू से मिट्टी में जान फूंक रहे हैं।
मध्य दिल्ली के ये पंडाल अपनी कलात्मकता और पारंपरिक स्पर्श के लिए जाने जाते हैं। इस वर्ष, विभिन्न पूजा समितियों ने देवी दुर्गा और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियों को गढ़ने के लिए पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों से विशेषज्ञ कारीगरों को बुलाया है। ये कारीगर पिछले कई हफ़्तों से दुर्गा पंडालों और मूर्तियों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं।
मिंटो रोड स्थित काली बाड़ी में दुर्गा पूजा के लिए तैयार किया जा रहा पंडाल। जागरण
देवी दुर्गा की मूर्ति गढ़ रहे पश्चिम बंगाल के कारीगर अखिल ने बताया कि मूर्तियों को फूलों और पारंपरिक आभूषणों से सजाया जा रहा है, जिससे उनकी भव्यता और भी बढ़ जाएगी।
आराम बाग दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष अभिजीत बोस ने कहा, "इस साल हमारा लक्ष्य दुर्गा पूजा को पहले से भी ज़्यादा भव्य तरीके से मनाना है।"
उन्होंने पंडाल की सजावट के लिए बंगाल से सामग्री और कारीगर भी मँगवाए हैं। दुर्गा पूजा की तैयारियाँ पिछले एक महीने से चल रही हैं।
उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं ताकि वे निश्चिंत होकर देवी के दर्शन कर सकें।
इस बीच, मिंटो रोड पूजा समिति के सचिव एस.एस. भासक ने बताया कि यहाँ की दुर्गा पूजा अपनी विशिष्टता और परंपरा व आधुनिकता के अद्भुत मिश्रण के लिए जानी जाती है। देवी दुर्गा की मूर्ति बंगाल के कारीगरों द्वारा बनाई जा रही है।
उन्होंने यह भी बताया कि पूजा के बाद, पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार मूर्ति का विसर्जन किया जाएगा। दुर्गा पूजा के दौरान, ये पंडाल कोलकाता की भक्ति, कला और संस्कृति के भव्य संगम को प्रदर्शित करेंगे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।