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    इस साल दिल्ली में दुर्गा पूजा के लिए बन रहे हैं खूबसूरत पंडाल, इन जगहों पर होंगे बंगाल की संस्कृति का दीदार

    Updated: Sat, 13 Sep 2025 10:24 AM (IST)

    दिल्ली में दुर्गा पूजा की तैयारियां पूरे जोर शोर से चल रही हैं। इस साल पंडालों को खास थीम पर सजाया जा रहा है जिसमें पश्चिम बंगाल की लुप्त होती जात्रा नाट्य शैली और दक्षिणेश्वरी काली मंदिर की थीम प्रमुख हैं। पंडालों को भव्य रूप देने के लिए कोलकाता से सजावट का सामान मंगवाया गया है और पश्चिम बंगाल के कारीगरों को विशेष रूप से बुलाया गया है।

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    दिल्ली में दुर्गा पूजा की तैयारियां पूरे जोर शोर से चल रही हैं। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली में दुर्गा पूजा की तैयारियां जोरों पर हैं और इस साल पंडालों को खास थीम पर सजाया जा रहा है। जो श्रद्धालुओं को एक अनोखा और अविस्मरणीय अनुभव देगा।

    मध्य दिल्ली में दुर्गा पूजा पंडाल को पश्चिम बंगाल की लुप्त होती पारंपरिक जात्रा नाट्य शैली और दक्षिणेश्वरी काली मंदिर की थीम पर सजाया जा रहा है। जो बंगाल की लोक कला और सांस्कृतिक विरासत का बेहतरीन उदाहरण होगा। पंडाल के अंदर कदम रखते ही श्रद्धालु खुद को एक सांस्कृतिक यात्रा पर पाएंगे।

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    आरामबाग दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष अभिजीत के. बोस और अध्यक्ष इंदर अनिल सरकार ने बताया कि जात्रा में इस्तेमाल होने वाली सभी ऐतिहासिक चीजों को पंडाल के अंदर प्रदर्शित किया जाएगा। सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति के लिए बनाए जा रहे मंच को जात्रा नाट्य का रूप दिया जा रहा है।

    मां दुर्गा के पंडाल को भव्य और आकर्षक रूप देने के लिए सजावट का सारा सामान कोलकाता से ही मंगवाया गया है। वहीं मां दुर्गा की मूर्ति फरीदाबाद में पश्चिम बंगाल के कारीगरों द्वारा तैयार की जा रही है।

    मिंटो रोड पूजा समिति के सचिव सुखेदु शेखर ने बताया कि दुर्गा पूजा पंडाल अपनी भव्यता से सभी को मंत्रमुग्ध कर देगा। यह पंडाल कोलकाता के विश्व प्रसिद्ध दक्षिणेश्वरी काली मंदिर की थीम पर तैयार किया जा रहा है। यह भव्य प्रतिकृति दिल्ली में ही कोलकाता की दुर्गा पूजा का अद्भुत अनुभव देगी।

    पंडाल की बनावट और सजावट में दक्षिणेश्वरी काली मंदिर की वास्तुकला की हर बारीकी का ध्यान रखा गया है, जिससे यह बिल्कुल असली जैसा दिखता है। इन खास थीम को हकीकत में बदलने के लिए पश्चिम बंगाल से विशेष कारीगरों को बुलाया गया है। ये कारीगर अपनी दशकों पुरानी कला और हुनर ​​से मिट्टी, बांस और अन्य सामग्रियों को जीवंत रूप दे रहे हैं।

    साथ ही, पंडाल में श्रद्धालुओं के आवागमन के लिए बनाए जा रहे गलियारों को पुराने महलों की तर्ज पर सजाया जा रहा है। यह कारीगरों की मेहनत और लगन का ही कमाल होगा कि दिल्ली के लोग अपने शहर में कोलकाता की दुर्गा पूजा का जादू महसूस कर पाएंगे।

    वहीं, लोक नृत्य और संगीत जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने के लिए कोलकाता, दिल्ली, मुंबई और गुरुग्राम से कलाकारों को बुलाया गया है। दिल्लीवासी न केवल मां दुर्गा का आशीर्वाद लेने के लिए खूबसूरत थीम वाले पंडालों में जाएँगे, बल्कि पश्चिम बंगाल की सभ्यता और संस्कृति से भी परिचित होंगे।