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    कुंभ के चलते बेतहाशा बढ़ा किराया, दिल्ली से प्रयागराज का सफर हुआ महंगा; सामने आई बड़ी वजह

    Updated: Tue, 18 Feb 2025 09:27 AM (IST)

    महाकुंभ के लिए दिल्ली से प्रयागराज जाने वाले पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। इसके चलते टूरिस्ट बसों और टेंपो ट्रैवलर की मांग 40 प्रतिशत तक बढ़ गई है। बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए दूसरे राज्यों से वाहन मंगाए जा रहे हैं। किराए में 50 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है। कुंभ के साथ ही अयोध्या और काशी के दर्शन के लिए भी पैकेज उपलब्ध हैं।

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    टूरिस्ट बस से कुंभ जा रहे एक यात्रियों का दल। फोटो- जागरण

    नेमिष हेमंत, नई दिल्ली। प्रयागराज में कुंभ स्नान के चलते टूरिस्ट वाहनों की बुकिंग में भी काफी तेजी है। मांग इतनी है कि टूरिस्ट वाहन संचालक उसे पूरा नहीं कर पा रहे हैं। क्योंकि, वाहन कम पड़ जा रहे हैं। दूसरे राज्यों से टूरिस्ट बसें व टेंपो ट्रैवलर मंगाकर दिल्ली वालों को प्रयागराज भेजकर कुछ स्थिति में सुधार की कोशिश की जा रही है, लेकिन सड़क मार्ग पर लगने वाला जाम राह मुश्किल कर रहा है।

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    मामले के जानकारों के अनुसार, हाल के दिनों में प्रयागराज की बुकिंग में 40 प्रतिशत की तेजी आई है। यह इसलिए क्योंकि, अब कुंभ के संपन्न होने में चंद दिन शेष रह गए हैं। ऐसे में बचे लोग तय तिथि में कुंभ स्नान के भरसक प्रयास में है।

    टूरिस्ट वाहनों की मांग में उछाल

    इस स्थिति में जबकि ट्रेनों में टिकट कंफर्म नहीं मिल रहा है। साथ ही रेलवे स्टेशनों पर भारी भीड़ है। तब लोग सड़क मार्ग के जरिए भी प्रयागराज पहुंचने की कोशिश में है।

    दिल्ली के पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों के अनुसार, मौजूदा समय में प्रतिदिन दिल्ली से प्रयागराज 700 से अधिक पर्यटन वाहन बुकिंग पर जा रहे हैं। इसमें 350 के करीब टूरिस्ट बसें, 150 टेंपो ट्रैवलर व 200 अन्य टूरिस्ट वाहन है। यह मांग रोडवेज की बसों से अलग है।

    पैकेज में कुंभ व साथ ही अयोध्या व काशी का भी दर्शन

    मांग अधिक होने की वजह से टूरिस्ट बसों व टेंपों ट्रैवलर संचालकों ने किराया भी बढ़ा दिया है। यह बढ़ोत्तरी 30 प्रतिशत से लेकर किसी-किसी मामले में 50 प्रतिशत तक है। उसमें भी कई बुकिंग प्रयागराज के साथ ही काशी और अयोध्या का भी पैकेज है। कुंभ स्नान का पैकेज दो से तीन दिन तो बाकि दो स्थानों को लेकर यह तीन से चार दिन का है।

    आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआइएमटीसी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हरीश सब्बरवाल के अनुसार यह मांग अप्रत्याशित है। उन लोगों ने 40 वर्षों के व्यवसायिक अनुभव में ऐसी मांग नहीं देखी है। वह कहते हैं कि हर कोई कुंभ में जाना चाहता है।

    यात्रा के घंटे पहले के मुकाबले में कितने बढ़े?

    अब जबकि, कुंभ संपन्न होने की ओर है तो यह मांग और बढ़ी है, जिसे पूरा करने में हरिद्धार, आगरा, मेरठ, अंबाला व अमृतसर समेत शहरों से टूरिस्ट वाहनों को मंगाया जा रहा है, लेकिन हर जगह वाहनों की किल्लत है।

    ऊपर से प्रयागराज के रास्ते में जाम मुश्किलें बढ़ा दे रहा है। जो यात्रा 12 घंटे में पूरी होनी चाहिए, उसमें 16 से 20 घंटे तक लग जा रहे हैं। उसमें भी प्रयागराज से पहले ही वाहनों काे रोक दिया जा रहा है। इसके चलते खर्च और दिन बढ़ जा रहे हैं।

    दिल्ली टैक्सी एंड टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सम्राट के अनुसार, कुंभ से दिल्ली के पर्यटन वाहन उद्योग को जबरदस्त काम मिला है। स्थिति यह कि जितनी बुकिंग आ रही है, उसके मुकाबले वाहन कम पड़ जा रहे हैं।

    हर बुकिंग करने वाले समूह 26 फरवरी तक कुंभ हो आना चाह रहा है। क्योंकि, महाशिवरात्रि के दिन कुंभ का आखिरी स्नान है। बुकिंग करने वालों में कॉलोनियों के निवासी, व्यापारी वर्ग व निजी तौर पर भी है। 

    45 सीटों वाली बस कितना ले रही किराया?

    मांग अधिक है तो टूरिस्ट वाहनों का किराया भी बढ़ गया है। जो 45 सीटों वाली बस आम दिनों में प्रयागराज आने-जाने का किराया 90 हजार रुपये लेती, वह एक लाख 20 हजार रुपये तक वसूल रही है। इसी तरह, टेंपो ट्रैवलर का किराया 40 हजार से बढ़कर 60 हजार रुपये तक हो गया है।