देश कमजोर हुआ तो यूक्रेन बनते देर नहीं लगेगी: योगेश
इगोर पोलिखा ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन से बात करने का आग्रह किया। कुलपति ने अपने संबोधन में कहा कि ऐसी स्थिति 25-30 साल पहले नहीं थी। भारत अब मजबूत राष्ट्र है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली विश्वविद्यालय में बृहस्पतिवार को आजादी के अमृत महोत्सव के तहत स्वाधीनता से स्वतंत्रता की ओर कार्यक्रम आयोजित हुआ। कार्यक्रम को संबोधित करते डीयू के कुलपति प्रो. योगेस सिंह ने कहा कि राजा को मजबूत होना चाहिए, ताकि देश मजबूत हो। उन्होने यूक्रेन पर हुए हमले का जिक्र करते हुए कहा कि यूक्रेन पर रूस ने आक्रमण कर दिया है।
इसी से समझा जा सकता है कि देश का ताकतवर होना कितना अहमियत रखता है। भारत को सीख लेनी चाहिए कि किसी भी सूरत में देश को मजबूत करना है। यदि देश कमजोर होगा तो यूक्रेन बनते देर नहीं लगेगी। कुलपति ने कहा कि हाल के वर्षो में भारत ताकतवर देश के रूप में उभरा है। इस दौरान भारत में यूक्रेन के राजदूत डा. इगोर पोलिखा के संबोधन का भी जिक्र किया। इगोर पोलिखा ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन से बात करने का आग्रह किया। कुलपति ने अपने संबोधन में कहा कि ऐसी स्थिति 25-30 साल पहले नहीं थी। भारत अब मजबूत राष्ट्र है।
स्वतंत्र का भाव होना आवश्यक: कार्यक्रम को भारतीय शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय संगठन मंत्री मुकुल कानिटकर ने भी संबोधित किया। मुकुल कानिटकर ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव मनाते समय यह सवाल पूछना चाहिए कि हम स्व के अधीन तो हो गए लेकिन स्वतंत्र बने क्या? यदि कोई अपराध करता है तो उसे दंड आज भी ब्रिटिश दंड विधान से दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि म्यांमार का नाम पहले बर्मा था। 1992 में नाम बदलकर म्यांमार किया गया। श्रीलंका ने भी 1983 में सिलोन नाम बदला, लेकिन भारत अब तक नाम नहीं बदल सका। आज भी इंडिया कहकर संबोधित किया जाता है। डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट ने डीयू कार्यक्रम में मुकुल कानिटकर को बतौर मुख्य अतिथि बुलाने पर एतराज जताया।
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