डूटा चुनाव के लिए 84 प्रतिशत मतदान, एग्जिक्यूटिव के नतीजे घोषित; अध्यक्ष पद के लिए मतगणना जारी
दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) के चुनाव में भारी मतदान हुआ जिसमें 84% शिक्षकों ने हिस्सा लिया। कार्यकारिणी के नतीजे घोषित हो गए हैं जिसमें एनडीटीएफ के सदस्य आगे रहे। अध्यक्ष पद के लिए मतगणना जारी है जिसमें प्रो. वीएस नेगी आगे चल रहे हैं। मुख्य मुकाबला प्रो. नेगी प्रो. राजीब रे और प्रो. राजेश झा के बीच है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) के अध्यक्ष और कार्यकारिणी सदस्य चुनने के लिए गुरुवार को भारी उत्साह के बीच मतदान सम्पन्न हुआ। कुल 9800 शिक्षकों में से 8221 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इस बार 84 प्रतिशत मतदान हुआ।
देर रात एग्जिक्यूटिव के नतीजे घाेषित कर दिए गए। 15 कार्यकारिणी सदस्यों को विजेता घोषित कर दिया गया। इसमें सर्वाधिक छह सदस्य एनडीटीएफ के चुने गए। अध्यक्ष पद के लिए मतगणना देर रात तक जारी रही। जिसमें 10.30 बजे तक एनडीटीएफ के प्रो. वीएस नेगी आगे चल रहे थे।
चुनाव सुबह 10 बजे शुरू होकर शाम पांच बजे तक चला। मतदान के लिए आर्ट फैकल्टी और सत्यकाम भवन में 32 बूथ बनाए गए थे। हालांकि, पिछली बार के मुकाबले मतदान कम हुआ। अध्यक्ष पद के लिए इस बार छह प्रत्याशी मैदान में हैं, जबकि 15 कार्यकारिणी सदस्य पदों के लिए कुल 25 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे थे।
अध्यक्ष पद के लिए मुख्य मुकाबला नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (एनडीटीएफ) के प्रो. नेगी, डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (डीटीएफ) के प्रो. राजीब रे और एकेडमिक फार एक्शन एंड डेवलपमेंट दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (एएडीटीए) के प्रो. राजेश झा के बीच है। इनके अलावा प्रो. कमलेश कुमार रघुवंशी, संदीप व प्रो. संजय मोहन भी चुनावी मैदान में हैं।
दिनभर आर्ट फैकल्टी और सत्यकाम भवन के बाहर चुनावी माहौल बना रहा। समर्थक हाथों में पर्चे लेकर शिक्षकों से वोट देने की अपील करते दिखे। जगह-जगह छोटे समूहों में शिक्षक चुनावी मुद्दों पर चर्चा करते रहे। शिक्षक संघ का चुनाव हमेशा से दिल्ली विश्वविद्यालय की नीतियों और भविष्य की दिशा तय करने में अहम माना जाता है।
इस बार भी कई अहम मुद्दे जैसे स्थायी नियुक्तियां, तदर्थ शिक्षकों का नियमितीकरण, राष्ट्रीय शिक्षा नीति और अकादमिक सुधार चुनावी बहस के केंद्र में रहे। डूटा चुनाव दो साल में एक बार होता है। 2023 में हुए चुनावों में 85.85 प्रतिशत वोट डाले गए थे। इसमें एनडीटीएफ के प्रो. अजय कुमार भागी अध्यक्ष चुने गए थे।
अकांक्षा पहले और रामानंद दूसरे स्थान पर
डूटा कार्यकारिणी के परिणाम घोषित कर दिए गए। 15 पदों के लिए 25 प्रत्याशी मैदान में थे। अकांक्षा खुराना ने सबसे अधिक 9576 मत प्राप्त कर प्रथम स्थान हासिल किया। उनके बाद रामानंद सिंह को 9192 मत के साथ दूसरे और मनीष कुमार को 7372 मत के साथ तीसरे स्थान पर रहे।
शीर्ष दस उम्मीदवारों में साक्षी यादव (6612), दिनेश कटारिया (6439), अमित सिंह (6388), बिमलेन्दु (6081), संजय कुमार (5862), बिस्वजीत मोहंती (5658) और छोटूराम मीना (5632) शामिल रहे। भूपेन्द्र सिंह (5338), यशा यादव (5283), वी.एस. दीक्षित (5238), देवेन्द्र के. राणा (4521), धनराज मीना (3949), राजवंत सिंह (3847), ताहा यासीन (3828), प्रियम बरूआ (3019), शैलेन्द्र पाठक (2776), हिमांशी अग्रवाल (1891), श्याम कुमार (1833), अशोक कुमार मीना (1655), लवकुश कुमार (1631), अशुतोष गुप्ता (1569) और शांतनु कुमार दास (854) रहे।
कार्यकारिणी में एनडीटीएफ को बढ़त
कार्यकारिणी में नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (एनडीटीएफ) छह सदस्यों को चुना गया है। डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (डीटीएफ) के चार सदस्य, एकेडमिक फार एक्शन एंड डेवलपमेंट दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (एएडीटीए) के दो, इंडियन नेशनल टीचर्स कांग्रेस (इंटेक) का एक, एसडीटीएफ का एक और इंटेक (आइ) का एक प्रत्याशी शामिल है।
नेगी व राजीब रे में टक्कर
डूटा अध्यक्ष पद के लिए 3303 मतों की गिनती पूरी कर ली गई थी। इसमें 1399 वोटों के साथ प्रो. वीएस नेगी आगे चल रहे थे। प्रो. राजीब रे 1088 वोट के साथ दूसरे स्थान पर थे। प्रो. राजेश झा 657 वोट के साथ तीसरे और प्रो. कमलेश रघुवंशी 145 वोट के साथ चौथे स्थान पर थे।
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