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    DUTA Chunav में अब त्रिकोणीय मुकाबला, डीटीएफ ने घोषित किए उम्मीदवार; इस तारीख को डाले जाएंगे वोट

    Updated: Sat, 26 Jul 2025 11:03 AM (IST)

    DUTA Election दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) का चुनाव अब त्रिकोणीय होने जा रहा है जिसमें डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (डीटीएफ) ने प्रो. राजीब रे को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार घोषित किया है। डीटीएफ ने एनडीटीएफ पर शिक्षा के मुद्दों पर विरोध न करने का आरोप लगाया है। वहीं एएडीटीए ने डीटीएफ पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए निजीकरण का विरोध करने में विफल बताया है।

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    दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ चुनाव DTF की चुनौती। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली।DU Teacher Union Election: दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) का मुकाबला अब त्रिकोणीय होगा। नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (एनडीटीएफ) के बाद डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (डीटीएफ) ने चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं।

    डीटीएफ ने प्रो. राजीब रे को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाया है। दैनिक जागरण ने 23 जुलाई के अंक में पहले ही डूटा का मुकाबला त्रिकोणीय होने की संभावना जताई थी। डूटा चुनाव के लिए वोट चार सितंबर को डाले जाएंगे।

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    डीटीएफ ने डूटा कार्यकारिणी समिति के लिए बिश्वजीत मोहंती, दिनेश कटारिया, वीएस दीक्षित और यशा यादव को टीम में शामिल किया गया है। डीटीएफ ने एक बयान में कहा, संगठन उन सभी शिक्षक संगठनों और कार्यकर्ताओं को साथ लाने की कोशिश कर रहा है, जो इस बात से परेशान हैं कि डूटा की सरकार समर्थक एनडीटीएफ टीम शिक्षकों और शिक्षा पर हो रहे बुरे बदलावों का विरोध नहीं कर रही है।

    इसलिए आज जरूरत है कि हम सब एकजुट हों और राजीब रे को उम्मीदवार बनाकर एक मजबूत संयुक्त मोर्चा बनाएं। उधर, शिक्षक संगठन एकेडमिक फार एक्शन एंड डेवलपमेंट दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (एएडीटीए) ने डीटीएफ पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया है।

    एक बयान जारी कर कहा है कि एनईपी 2020 द्वारा उच्च शिक्षा पर निजीकरण और ठेकेदारी प्रथा के गंभीर हमले की पृष्ठभूमि में, हमारी समान विचारधारा वाली ताकतें इसका विरोध करने के लिए एकजुट हुईं। लेकिन, डीटीएफ के षड्यंत्रकारी रवैये ने इस एकता पर कुठाराघात किया है।

    इससे एनईपी 2020 को हम पर थोपने वाली ताकतें और मजबूत होंगी, जिससे भारी वित्तीय कटौती, अनुदान के बजाय हेफा द्वारा ऋण लेने, छात्रों को निजी कंपनियों की ओर धकेलने और दलित, आदिवासी और ओबीसी छात्रों पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली फीस वृद्धि हो रही है।

    बता दें कि पिछले चुनावों में डीटीएफ, एएडीटीए और अन्य शिक्षक संगठनों एनडीटीएफ के खिलाफ मोर्चा बनाया था। प्रो. आदित्य नारायण मिश्रा को उम्मीदवार बनाया था। लेकिन, वह चुनाव जीत नहीं सके थे। अब एनडीटीएफ की राह और आसान नजर आ रही है। एनडीटीएफ की ओर से प्रो. वीएस नेगी को उम्मीदवार बनाया गया है।