निबंध प्रतियोगिता से 10 छात्राओं का हुआ चयन, नवरात्रि के 10 दिन एक-एक दिन के लिए बनेंगी डूसू अध्यक्ष
डूसू ने महिला दिवस पर निबंध प्रतियोगिता आयोजित की थी। इसमें 5234 छात्राओं ने हिस्सा लिया। इनमें 10 नामों का चयन किया है। उन्हें डूसू अध्यक्ष बनने का म ...और पढ़ें

उदय जगताप, नई दिल्ली। रात आठ बजे के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय परिसर के कुछ इलाके ऐसे हैं, जहां छात्राएं गुजर नहीं सकतीं। वहां अंधेरा ही पसरा रहता है। रोशनी की कोई व्यवस्था नहीं है। प्रवेश के वक्त छात्राओं को छात्रावास नहीं मिलते, उन्हें पीजी में जाना पड़ता है और वहां उन्हें सुरक्षित माहौल नहीं मिल पाता। इसलिए जरूरी है कि छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो और सभी को छात्रावास की सुविधा मिल सके।
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) की ओर से नवरात्र में 10 दिनों के लिए डूसू अध्यक्ष बनने वाली छात्राओं ने इन मुद्दों पर काम करने की बात कही। उन्होंने कहा कि वे इसके लिए डीयू के अधिकारियों को ज्ञापन सौंपेंगी।
डीयू में रात में सुरक्षा एक चुनौती
नवरात्र के पहले दिन अध्यक्ष बनने जा रहीं, हिंदी विभाग की छात्रा ईशा अवाना ने कहा कि डीयू में रात में सुरक्षा एक चुनौती है। छात्राओं के साथ छेड़छाड़ और लूटपाट होने की संभावना बनी रहती है। ऐसे में वे बाहर नहीं निकल पातीं। जरूरी है कि यहां रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था हो और गार्ड की संख्या भी बढ़ाई जाए। उन्होंने कहा कि उत्तरी परिसर में पानी की समस्या है। छात्रों को साफ पानी हर वक्त मिलना चाहिए। वे एक दिन में इसके लिए जरूर प्रयास करेंगी।
मुस्लिम छात्राओं की भागीदारी विश्वविद्यालय में कम
नौवें दिन डूसू अध्यक्ष बनने जा रहीं हंसराज कालेज की जैनब निगार ने कहा कि डूसू की पहल छात्राओं को राजनीति में लाने में महत्वपूर्ण होगी। छात्राएं राजनीति में कम सक्रिय रहती हैं, इसलिए उनको टिकट भी नहीं मिलते। इससे उन्हें राजनीति में भाग लेने की प्रेरणा मिलेगी। नवरात्र में ऐसे कदम का अच्छा असर होगा। मुस्लिम छात्राओं की भागीदारी विश्वविद्यालय में कम है, वे अध्यक्ष बनकर इसको लेकर जागरूकता लाने का काम करेंगी। 2008 के बाद से डूसू ने महिला अध्यक्ष देखी है।
प्लेसमेंट की हालत भी अच्छी नहीं
जैनब ने कहा कि छात्राओं की सबसे बड़ी समस्या छात्रावास है। कालेजों में लड़कियों के छात्रावास की कमी है। डीयू प्रशासन को इनकी संख्या बढ़ानी चाहिए। प्लेसमेंट की हालत भी अच्छी नहीं है। इसको लेकर काम होना चाहिए।
सत्यवती कालेज की साक्षी पटेल ने कहा कि कॉलेज में एक घंटे की कक्षा के बाद एक घंटे का ब्रेक होता है। इससे छात्रों का काफी समय बर्बाद हो जाता है। इसका समाधान की बात वे उठाएंगी। श्यामा प्रसाद मुखर्जी कालेज की छात्रा श्यामा त्रिवेदी ने कहा, दिव्यांग छात्राओं की भागीदारी डीयू में हर क्षेत्र में कम है। इसको बढ़ाने के लिए काम होना चाहिए। वे ऐसी योजना देना चाहती हैं, जिससे इनकी भागीदारी बढ़ सके।
छात्रावास के लिए बने नियमावली
दौलतराम कालेज की छात्रा अंशिता चौहान ने कहा कि डीयू में छात्रावास सीमित हैं। छात्र पीजी का रुख करते हैं, लेकिन वहां किराया मनमाना है। वे चाहती हैं, इसके लिए नियमावली बने। वे सरकार से इस दिशा में काम करने की मांग उठाएंगी।
श्री वेंकटेश्वरा कालेज की छात्रा दीक्षा लिंगायत ने कहा कि एनसीसी, एनएसएस और अन्य गतिवधियों में भाग लेने वाले छात्रों को हाजिरी की समस्या होती है। उन्हें 17 प्रतिशत रियायत मिलती है। इसे बढ़ाया जाना चाहिए। वे इस मामले को डीयू प्रशासन के संज्ञान में लाएंगी।
शोध और नए स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जाए
रामजस की छात्रा अक्षिता जौहर ने कहा कि विज्ञान संकाय के छात्रों पर डीयू में ध्यान कम दिया जाता है। इसलिए शोध और नए स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
बता दें कि डूसू ने महिला दिवस पर निबंध प्रतियोगिता आयोजित की थी। इसमें 5234 छात्राओं ने हिस्सा लिया। इनमें 10 नामों का चयन किया है। उन्हें डूसू अध्यक्ष बनने का मौका दिया गया है। उन्हें एक स्मृति चिन्ह और प्रमाण पत्र से सम्मानित किया जाएगा।

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