दो चरणों में होगा डीयू एसओएल में प्रवेश, एक जून से शुरू होंगे पंजीकरण
दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल) ने 2025-26 सत्र के लिए दाखिला प्रक्रिया को दो चरणों में विभाजित किया है। पहले पंजीकरण होगा फिर प्रवेश। यह बदलाव छात्रों को सुगम और पारदर्शी प्रक्रिया प्रदान करने के लिए किया गया है। स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए पंजीकरण 1 जून से शुरू हो रहे हैं। एसओएल 19 स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिला लेगा।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल) में 2025-26 सत्र के लिए दाखिला प्रक्रिया इस बार एक नए रूप में सामने आई है। पहली बार एसओएल ने पारंपरिक प्रक्रिया से हटकर दो चरणों में दाखिले की व्यवस्था की है। इसमें पहले पंजीकरण कराना होगा और फिर प्रवेश ले सकेंगे। यह कदम छात्रों को अधिक संगठित, पारदर्शी और सुगम प्रवेश प्रक्रिया उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उठाया गया है। छात्र स्नातक कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए एक जून से पंजीकरण करा सकते हैं।
एसओएल की निदेशक प्रो. पायल मागो ने बताया कि यह बदलाव सिर्फ प्रक्रिया में ही नहीं, बल्कि छात्रों के अनुभव को बेहतर बनाने की दिशा में भी बड़ा कदम है। “अब छात्र पहले सिर्फ अपनी बुनियादी जानकारी देकर बिना कोई शुल्क चुकाए पंजीकरण कर सकेंगे, जिससे उन्हें समय रहते सारी जानकारी मिल सके और वे सोच-समझकर पाठ्यक्रम चुन सकें।"
अभी स्नातक के प्रवेश के लिए पंजीकरण शुरू किए जा रहे
उन्होंने कहा, अभी स्नातक के प्रवेश के लिए पंजीकरण शुरू किए जा रहे हैं। परास्नाातक के प्रवेश की प्रक्रिया बाद में शुरू की जाएगी। अभी स्नातक के परिणाम नहीं आए हैं। एसओएल में सीयूईटी के साथ सीधे स्नातक के अंकों के आधार पर भी प्रवेश लिए जाते हैं। बता दें कि एसओएल, डीयू के ही समान पाठ्यक्रम और डिग्री प्रदान करता है। अंतर सिर्फ इतना है कि यहां नियमित कक्षाएं नहीं होतीं।
यह उन छात्रों के लिए बेहतर विकल्प है जो कार्यरत हैं या किसी कारणवश नियमित कालेज नहीं जा सकते। इस बार एसओएल में 19 स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिला लिया जा सकेगा, और यह नई प्रक्रिया उन हजारों छात्रों के लिए राहत की खबर है जो प्रवेश प्रक्रिया को लेकर अब तक असमंजस में रहते थे। हर साल एसओएल में एक लाख से अधिक छात्र प्रवेश लेते हैं।
दाखिले की प्रक्रिया चार चरणों में विभाजित
इस बार दाखिला प्रक्रिया को चार स्पष्ट चरणों में विभाजित किया गया है, जिससे हर छात्र को पूरे सफर का स्पष्ट रोडमैप मिल सके:
1. पंजीकरण (1-10 जून): छात्र मुफ्त में आनलाइन पंजीकरण कर सकेंगे, जिसमें उनकी बुनियादी जानकारी दर्ज की जाएगी।
2. शैक्षणिक बैंक आफ क्रेडिट (एबीसी) और डीईबी आईडी निर्माण: पांच से 10 जून के बीच छात्रों को राष्ट्रीय शैक्षणिक क्रेडिट बैंक की आइडी और डिस्टेंस एजुकेशन ब्यूरो की आइडी बनानी होगी, जिससे उनके अकादमिक क्रेडिट को ट्रैक किया जा सके।
3. कोर्स सुझाव और योग्यता मूल्यांकन: छात्रों को उनके अंकों के आधार पर यह सुझाव मिलेगा कि वे किस पाठ्यक्रम के लिए पात्र हैं। इससे उन्हें उचित विकल्प चुनने में सुविधा होगी।
4. दस्तावेज़ अपलोड और परीक्षा फार्म भरना: अंतिम चरण में छात्र अपने चयनित विषयों के आधार पर परीक्षा फार्म भरेंगे और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करेंगे। इसके बाद तीन दिनों का समय दस्तावेज सत्यापन के लिए मिलेगा और फिर प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
पारंपरिक से डिजिटल की ओर बढ़ता एसओएल
इस नई व्यवस्था को एसओएल द्वारा डिजिटल बदलाव की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। यह प्रक्रिया न केवल छात्रों के समय की बचत करेगी, बल्कि उन्हें तकनीक की मदद से अपना करियर गढ़ने के लिए बेहतर मंच भी देगी।
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