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Pics: डीयू शोधार्थियों ने मेंढक की नई प्रजाति ढूंढी, पूर्व कुलपति के नाम पर रखा नाम; जानिए इसकी खासियत

डा सोनाली गर्ग ने बताया कि केरल और तमिलनाडु में करीब नौ जगहों पर यह पाया गया। देश के अन्य हिस्सों में इस प्रजाति के मेंढक मिलेंगे या नहीं यह शोध का विषय हैं। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यह केरल तमिलनाडु में ही पाया जाएगा।

By Mangal YadavEdited By: Published: Mon, 02 Aug 2021 04:29 PM (IST)Updated: Mon, 02 Aug 2021 04:29 PM (IST)
Pics: डीयू शोधार्थियों ने मेंढक की नई प्रजाति ढूंढी, पूर्व कुलपति के नाम पर रखा नाम; जानिए इसकी खासियत
डीयू के पूर्व कुलपति के नाम पर रखा गया मेंढ़क का नाम

नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। दिल्ली विश्वविद्यालय के शोधार्थियों ने दक्षिणी भारत के पश्चिमी घाट पर मेंढक की एक नई प्रजाति ढूंढी है। इसका नाम दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो दीपक पेंटल के नाम पर रखा गया है। यह मिनरवेरिया ग्रुप के सबसे छोटे मेंढकों में शामिल है। डीयू के प्रो एस डी बीजू एवं डा सोनाली गर्ग ने मेंढक की इस नई प्रजाति को ढूंढा है। डा सोनाली गर्ग ने बताया कि विगत दस सालों से मिनरवेरिया ग्रुप के मेंढकों पर रिसर्च की जा रही है।

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दरअसल, मिनरवेरिया ग्रुप में मेंढक की 29 प्रजातियां हैं, जिनके बारे में बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है। ये मेंढक कहां-कहां पाए जाते हैं? इनकी खासियत आदि को लेकर कई तरह के भ्रम थे। इनकी पहचान को लेकर भी विभिन्न दुविधाएं हैं। बकौल डा सोनाली शोध के दौरान हमने 29 प्रकार के मेंढकों को वर्गीकृत किया। पूरे देश में जगह जगह भ्रमण कर इनका अध्ययन किया गया। इनका डीएन लिया गया एवं इनकी खासियत को वर्गीकृत किया गया। ताकि विज्ञानियों को अध्ययन के दौरान किसी भी तरह की दिक्कत ना हो। इसी अध्ययन के दौरान मिनरवेरिया पेंटलि को पश्चिमी घाट पर ढूंढा गया।

पूर्व कुलपति के सम्मान में नाम

प्रो एसडी बीजू ने 2006 में दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रयोगशाला खोली थी। बकौल प्रो बीजू प्रयोगशाला शुरू करने में दीपक पेंटल का अहम योगदान था। उन्होने ना केवल प्रशासनिक सहयोग दिया बल्कि प्रयोगशाला के जरिए शोध की प्रेरणा दी। उनके नाम पर मेंढक का नाम मिनरवेरिया पेंटलि (लैटिन में पेंटलि) रखा गया है।

केरल, तमिलनाडु में पाया गया मेंढक

डा सोनाली गर्ग ने बताया कि केरल और तमिलनाडु में करीब नौ जगहों पर यह पाया गया। देश के अन्य हिस्सों में इस प्रजाति के मेंढक मिलेंगे या नहीं यह शोध का विषय हैं। हालांकि इसकी विशेषता के आधार पर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यह केरल, तमिलनाडु में ही पाया जाएगा।

ढूंढे गए मेंढक की खासियत

  • मिनरवेरिया ग्रुप के छोटे मेंढकों में शुमार।
  • मिनरवेरिया पेंटलि की लंबाई महज 15-20 मिमी।
  • अपने ग्रुप में इसकी आवाज अलग, शोध जारी।
  • इसके डीएनए में भिन्नता, शोध जारी।

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