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'सारे जहां से अच्‍छा' लिखने वाले अल्लामा इकबाल को DU ने सिलेबस से हटाया, गांधी से पहले सावरकर पर सेमेस्टर

Delhi University दिल्ली विश्वविद्यालय के राजनीतिक विज्ञान के सिलेबस से मोहम्मद अल्लामा इकबाल के पेपर को हटाने का अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने स्वागत किया है। एक बयान जारी कर कहा गया है कि भारत के विभाजन के लिए जिन्ना की तरह वे भी जिम्मेदार हैं।

By Jagran NewsEdited By: Mohammad SameerPublished: Sat, 27 May 2023 03:53 AM (IST)Updated: Sat, 27 May 2023 05:00 AM (IST)
'सारे जहां से अच्‍छा' लिखने वाले अल्लामा इकबाल को DU ने सिलेबस से हटाया, गांधी से पहले सावरकर पर सेमेस्टर
Delhi University: मोहम्मद अल्लामा इकबाल को डीयू ने सिलेबस से हटाया।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय की शुक्रवार देर रात तक चली अकादमिक परिषद की बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। अविभाजित भारत के मशहूर शायर और 'सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा' लिखने वाले मोहम्मद अल्लामा इकबाल को स्नातक के राजनीति विज्ञान के सिलेबस से हटा दिया गया है।

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चौथे सेमेस्टर में सावरकर, सातवें में गांधी

इसके अलावा विनायक दामोदर सावरकर का पूरा पेपर सिलेबस में जोड़ा गया है। इसे चौथे सेमेस्टर में पढ़ाया जाएगा। पहले यह छठे सेमेस्टर में पढ़ाया जाता था। लेकिन, उसका एक चैप्टर ही इसमें शामिल था। इसके अलावा महात्मा गांधी के पेपर को सातवें सेमेस्टर में डाल दिया गया है। पहले यह चौथे सेमेस्टर में था।

इसका कई सदस्यों ने विरोध किया है। शुक्रवार सुबह शुरू हुई बैठक की शुरुआत सबसे पहले हिंदू कॉलेज में तदर्थ शिक्षक रहे समरवीर के लिए दो मिनट का मौन रखकर की गई। देर शाम तक शून्य काल चला। इसमें सदस्यों ने तमाम मसले उठाए। इसमें तदर्थ शिक्षक का मसला प्रमुख था।

इस पर कुलपति ने कहा कि वे प्राचार्यों से तदर्थ शिक्षकों के विस्थापन को रोकने की अपील करेंगे। इसके साथ ही विधि संकाय में इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने का मसला उठा। कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि विधि संकाय की एक बिल्डिंग पूरी तरह एयर कंडिशन से युक्त कर दिया जाएगा।

देर रात एजेंडे पेश किए गए। इसमें विभाजन पर आधारित अध्ययन केंद्र, हिंदू अध्ययन केंद्र और जनजातीय अध्ययन केंद्र को अकादमिक परिषद से स्वीकृति दे दी गई। गैर शैक्षणिक कर्मचारियों को पीएचडी करने की इजाजत दी गई है। अब वे विश्वविद्यालय से पीएचडी कर पाएंगे।

इसके अलावा स्नातक में पढ़ाए जा रहे एलजीबीटी कोर्स में भी संशोधन कर दिया गया। खबर लिखे जाने तक बैठक जारी थी। आठ कॉलेजों में पढ़ाए जा रह बीएलएड प्रोग्राम की जगह आइटेप लाने का प्रस्ताव एजेंडे के आखिर में था। इसका शिक्षक लगातार विरोध कर रहे हैं। शुक्रवार को छात्रों ने डीयू में प्रदर्शन कर आइटेप का विरोध किया।

ABVP ने जताया आभार

दिल्ली विश्वविद्यालय के राजनीतिक विज्ञान के सिलेबस से मोहम्मद अल्लामा इकबाल के पेपर को हटाने का अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने स्वागत किया है। एक बयान जारी कर कहा गया है कि मोहम्मद इकबाल को पाकिस्तान के दर्शनशास्त्र का पिता कहा जाता है।

मुस्लिम लीग की शुरुआत करने में उनकी अहम भूमिका थी। भारत के विभाजन के लिए जिन्ना की तरह वे भी जिम्मेदार हैं। शिक्षक संगठन एनडीटीएफ के सदस्य और अकादमिक परिषद की बैठक में शामिल प्रो. हरेंद्र तिवारी ने कहा, भारत में नायकों को कमी नहीं है। देश के विभाजन के लिए जिम्मेदार लोगों को भारत में पढ़ाना उचित नहीं था।


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