डीयू में पीजी दाखिला के लिए ये छात्र भी कर सकते हैं आवेदन, एक क्लिक में पढ़ें पूरा अपडेट
दिल्ली विश्वविद्यालय ने 2025-26 सत्र के लिए पीजी प्रवेश प्रक्रिया को आसान बनाया है। ईआर वाले छात्र भी 31 अक्टूबर 2025 तक 50% अंक प्राप्त करने पर आवेदन कर सकते हैं। डीयू ने कामन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) के माध्यम से ‘कामन सीट एलोकेशन सिस्टम 2025’ लागू किया है जिससे छात्रों को मेरिट के आधार पर सीटें मिलेंगी। डीयू के छात्रों को माइग्रेशन सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं होगी।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए स्नातकोत्तर (पीजी) पाठ्यक्रमों में प्रवेश की प्रक्रिया को अधिक लचीला और छात्र-अनुकूल बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
बुधवार को आयोजित एक वेबिनार में डीयू ने यह स्पष्ट किया कि वे छात्र भी आवेदन कर सकते हैं जिनके रिजल्ट में ईआर (एसेंशियल रिपीट) है, बशर्ते वे 31 अक्टूबर 2025 तक न्यूनतम योग्यता यानी 50 प्रतिशत अंक प्राप्त कर लें।
डीयू की यह पहल उन छात्रों के लिए राहत लेकर आई है जो अस्थायी रूप से परीक्षा परिणाम के कारण अनिश्चितता में थे। डीन आफ एडमिशन प्रो. हनीत गांधी ने कहा, “हम छात्रों की भलाई और उनके भविष्य के प्रति प्रतिबद्ध हैं।
यदि किसी छात्र का रिजल्ट अभी लंबित है तो वे शपथ पत्र देकर दाखिले की प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं।” डीयू ने कामन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) को आधार बनाकर स्नातकोत्तर प्रवेश के लिए एक पारदर्शी ‘कामन सीट एलोकेशन सिस्टम 2025’ (सीएसएएस) लागू किया है।
इस डिजिटल प्रणाली के तहत छात्रों को मेरिट के आधार पर सीटें आवंटित की जाएंगी, जिन्हें समय पर स्वीकार करना आवश्यक होगा। प्रवेश प्रक्रिया की जानकारी देते हुए संयुक्त डीन डा. अमित पुंडिर ने कहा, “छात्रों को वही ईमेल आइडी उपयोग करनी होगी जो उन्होंने सीयूईटी फार्म में दी थी। यह समन्वय प्रवेश प्रक्रिया की प्रमाणिकता और डेटा सुरक्षा के लिए आवश्यक है।”
डीयू छात्रों को माइग्रेशन सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं
डीयू की एक और राहत देने वाली घोषणा यह रही कि डीयू से स्नातक कर चुके छात्रों को स्नातकोत्तर आवेदन के लिए माइग्रेशन सर्टिफिकेट जमा नहीं करना होगा, जबकि अन्य विश्वविद्यालयों से आने वाले छात्रों को यह अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करना होगा।
डिजिटल सावधानी और दस्तावेज़ों की सटीकता पर बल
वेबिनार में छात्रों को सलाह दी गई कि वे मोबाइल की बजाय कंप्यूटर या लैपटाप से ही आवेदन करें और बैंक खाते की जानकारी पूरी तरह सटीक भरें। किसी भी प्रकार की त्रुटि न केवल प्रवेश प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है, बल्कि भविष्य में रिफंड संबंधी परेशानियां भी उत्पन्न कर सकती हैं।
डीयू ने यह भी स्पष्ट किया कि नान कालेजिएट विमन्स एजुकेशन बोर्ड (एनसीवेब) की पीजी पाठ्यक्रमों के लिए भी सीएसएएस प्रणाली के माध्यम से ही आवेदन करना होगा।
छात्रों से संवाद बनाए रखने की अपील
डीयू प्रशासन ने छात्रों से नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपडेट देखने और PG Information Bulletin में उल्लेखित दस्तावेजों की सूची के अनुसार तैयारी करने की अपील की है।
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