DU के NCWEB का 78वां वार्षिकोत्सव, वैज्ञानिक डॉ. ज्योति ने भारत के विकास में महिलाओं के योगदन को बताया अतुलनीय
दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉन-कॉलेजिएट महिला शिक्षा बोर्ड (एनसीवेब) का 78वाँ वार्षिकोत्सव एवं पुरस्कार वितरण समारोह 6 अप्रैल गुरुवार को विश्वविद्यालय परिसर के शंकर लाल हॉल में भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के बाद सरस्वती वंदना के साथ हुई।
नई दिल्ली, जेएनएन। एनसीवेब के वार्षिकोत्सव के दौरान विशिष्ट अतिथि प्रख्यात वैज्ञानिक और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. ज्योति चौथईवाले उपस्थित थी। अपने वक्तव्य में उन्होंने छात्राओं के सर्वांगीण विकास के लिए एनसीवेब की प्रतिबद्धता की प्रसंशा की और कहा कि एनसीवेब की छात्रा होना सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि ‘नए भारत के निर्माण एवं विकास में महिलाओं का योगदान अतुलनीय है और शिक्षा सशक्तिकरण का सबसे शक्तिशाली उपकरण है।’
दीप प्रज्ज्वलन से हुई शुरुआत
दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉन-कॉलेजिएट महिला शिक्षा बोर्ड (एनसीवेब) का 78वाँ वार्षिकोत्सव एवं पुरस्कार वितरण समारोह 6 अप्रैल, गुरुवार को विश्वविद्यालय परिसर के शंकर लाल हॉल में भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के बाद सरस्वती वंदना के साथ हुई। अतिथियों को अंग वस्त्र, पौधा और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
डीयू के रजिस्ट्रार थे कार्यक्रम के मुख्य अतिथि
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दिल्ली विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. विकास गुप्ता, विशिष्ट अतिथि प्रख्यात वैज्ञानिक एवम् सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. ज्योति चौथईवाले, सारस्वत अतिथि दिल्ली पुलिस में एसीपी के पद से सेवानिवृत्त और एनसीवेब की पूर्व छात्रा श्रीमती सुरेंदरजीत कौर और अध्यक्ष एनसीवेब के चेयरमैन प्रो. बलराम पाणि, एनसीवेब की निदेशक प्रो. गीता भट्ट और उपनिदेशक डॉ. सुरेंद्र कुमार इस वार्षिकोत्सव के संरक्षणकर्त्ता थे।
एनसीवेब की निदेशक प्रो. गीता भट्ट ने अपने सम्बोधन में एनसीवेब की छात्राओं की अकादमिक और गैर-अकादमिक (विश्वविद्यालयी, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय) उपलब्धियों को बताते हुए उनकी प्रतिभाओं को सबके सामने रखा। उन्होंने कहा कि ‘छात्राओं को शैक्षणिक,सामाजिक,आर्थिक एवं तकनीक रूप से सशक्त करने के साथ एनसीवेब जी-20 के सिविल-20 जैसे वैश्विक मंचों का भागीदार बनकर छात्राओं को आधुनिक चुनौतियों का समाधान स्वयं करने में भी सक्षम बना रहा है।’
''एनसीवेब में प्रवेश पाना गौरव की बात''
मुख्य अतिथि दिल्ली विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. विकास गुप्ता ने अपने सम्बोधन में एनसीवेब की छात्राओं का उत्साहवर्द्धन 'अगर रखना है कदम तो आगे आगे रख...’ पंक्तियों के साथ किया। उन्होंने ने छात्राओं का उत्साहवर्द्धन करते हुए कहा कि एनसीवेब अपने तरह की विश्व में एक मात्र संस्था है और इसमें प्रवेश पाना गौरव की बात है।
वार्षिकोत्सव की अध्यक्षता कर रहे एनसीवेब के चेयरमैन प्रो. बलराम पाणि ने अपने सम्बोधन में कहा कि ‘शिक्षा सशक्तिकरण की अनिवार्यता नहीं, प्राथमिक आवश्यकता है। इस दिशा में एनसीवेब की प्रतिबद्धता प्रसंशनीय और सरहनीय है।’
इस वार्षिकोत्सव की सारस्वत अतिथि दिल्ली पुलिस में एसीपी के पद से सेवानिवृत्त और एनसीवेब की पूर्व छात्रा सुरेंदरजीत कौर ने अपने जीवन के विभिन्न अनुभवों का उदाहरण देते हुए छात्राओं को प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि कठिन से कठिन समस्याओं में भी घबराना नहीं चाहिए और उनसे लड़ते हुए अपने व्यक्तित्त्व की पहचान निर्मित करनी चाहिए। उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा कि ‘आपकी बाजुओं में इतना दम होना चाहिए कि आपकी सफलता शोर मचा दे।’
‘हमारी संस्कृति, हमारा अभिमान’ था कार्यक्रम की थीम
इस कार्यक्रम की थीम ‘हमारी संस्कृति, हमारा अभिमान’ थी। इस वार्षिकोत्सव में अकादमिक श्रेष्ठता के लिए छात्राओं को पुरस्कृत किया गया। इसके अतिरिक्त रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की प्रतियोगिता भी आयोजित की गई जिसमें एनसीवेब के कई केंद्रों ने प्रतिभाग किया। जिसमें प्रथम स्थान पीजीडीएवी कॉलेज की टीम को, द्वितीय स्थान केशव महाविद्यालय की टीम को और तृतीय स्थान भारती कॉलेज की टीम को प्राप्त हुआ। इस कार्यक्रम में 800 से अधिक छात्राओं, शिक्षकों, कर्मचारियों की उपस्थिति रही।
कार्यक्रम की औपचारिक समाप्ति की घोषणा करते हुए एनसीवेब के उपनिदेशक डॉ. सुरेंद्र कुमार ने इस भव्य आयोजन के लिए सभी अतिथियों, एनसीवेब के चेयरमैन प्रो. बलराम पाणि, निदेशक प्रो. गीता भट्ट, सभी शिक्षकों, कर्मचारियों, आयोजन समिति के विद्यार्थियों, सभी प्रतिभागियों और दर्शकों को धन्यवाद दिया।