Delhi News: डीयू ने कॉलेजों को चेताया, जारी किए दिशा-निर्देश; एक क्लिक में पढ़ें पूरी डिटेल
दिल्ली विश्वविद्यालय ने कॉलेजों में सही पाठ्यक्रम पढ़ाने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। विश्वविद्यालय ने कॉलेजों से कहा है कि वे केवल वेबसाइट पर अधिसूचित पाठ्यक्रम ही पढ़ाएं। यह चेतावनी तब जारी की गई जब कॉलेजों द्वारा गलत पाठ्यक्रम पढ़ाने की बात सामने आई। डीयू ने यह भी स्पष्ट किया है कि मनु स्मृति को किसी भी पाठ्यक्रम में नहीं पढ़ाया जाएगा।

उदय जगताप, नई दिल्ली। दिल्ली में कॉलेजों में पुराने व नए पाठ्यक्रम पढ़ाने संबंधित भ्रम को खत्म करने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय ने दिशानिर्देश जारी किए हैं। विश्वविद्यालय ने संबंधित कॉलेजों से कहा है कि वह केवल विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अधिसूचित पाठ्यक्रम ही छात्रों को पढ़ाएं।
रजिस्ट्रार कार्यालय ने यह चेतावनी उस समय जारी की, जब कई मामलों में पाया गया कि कॉलेजों ने गलत, अप्रूव्ड न किए गए या अप्रकाशित पाठ्यक्रम के आधार पर शिक्षण किया, जिससे छात्रों को अनावश्यक असुविधा हुई।
डीयू में पाठ्यक्रम विभाग में तैयार होते हैं। इनको सबसे पहले कोर्स आफ कमेटी तैयार करती है। यहां से विभाग में भेजा जाता है। वहां से आपत्तियां दूर करने के बाद पाठ्यक्रम स्टैंडिंग कमेटी में जाता है और फिर अकादमिक व कार्यकारी परिषद से पास होता है।
एक कालेज के प्राचार्य ने कहा, पाठ्यक्रम तैयार होने से और स्वीकृत होने की लंबी प्रक्रिया है। कार्यकारी परिषद से स्वीकृति मिलने तक काफी देर हो जाती है। ऐसे में कॉलेज विभाग के आधार पर तैयार पाठ्यक्रम से ही पढ़ाते हैं, क्योंकि वेबसाइट पर पाठ्यक्रम अपलोड होने में देरी हो जाती है।
उन्होंने कहा, कमेटी पाठ्यक्रम तैयार करती है और इसमें स्टैंडिंग कमेटी व अकादमिक परिषद में आपत्तियां लगाई जाती हैं। वापस भेजा जाता है और इस प्रक्रिया में पाठ्यक्रम समय से कई बार तैयार नहीं हो पाता। पहले कई बार ऐसा हुआ है कि परीक्षाओं से ऐन पहले पेपर बदले गए हैं, क्योंकि वह पुराने पाठ्यक्रम के आधार पर तैयार हुए थे।
एक प्राचार्य ने कहा, सीबीसीएस के तहत दो कालेजों कालिंदी व आत्माराम सनातन धर्म मंदिर कॉलेज में फिजिक्स के रेडिएशन के पेपर को दो तरह से पूरा कराया गया। एक कॉलेज में प्रैक्टिकल के साथ और दूसरे में बिना प्रैक्टिकल के परीक्षा हुई। जबकि होना एक जैसा चाहिए था।
पाठ्यक्रम में भ्रम की स्थिति के बारे में अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है, कि विश्वविद्यालय स्पष्ट कर चुका है कि मनु स्मृति को किसी पाठ्यक्रम में नहीं पढ़ाया जाएगा। लेकिन, कुछ दिनों पहले संस्कृत विभाग में इसे पढ़ाया जा रहा था और विश्वविद्यालय इससे अनभिज्ञ था।
वहीं, बाद में इसे हटाया गया, लेकिन तब तक एक सेमेस्टर की परीक्षा भी हो चुकी थी। इसी स्थिति से निपटने के लिए अधिसूचना जारी की गई है। जारी अधिसूचना में कहा गया है कि स्टैंडिंग कमेटी या एकेडमिक काउंसिल के समक्ष रखे गए प्रस्तावित पाठ्यक्रम, विचार-विमर्श और सुझावों के बाद संशोधित होते हैं। इसलिए, केवल विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर प्रकाशित अंतिम अधिसूचित सिलेबस पर ही भरोसा किया जाए।
निर्देश में सभी कॉलेज प्राचार्यों से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि छात्रों को गलत या अस्वीकृत पाठ्यक्रम न पढ़ाया जाए और शिक्षण पूरी तरह आधिकारिक अधिसूचना के अनुरूप हो।
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