Delhi: डीयू की पहली सीट आवंटन सूची आज, स्वीकार करना होगा जरूरी; नहीं तो हाथ से जाएगा मौका
दिल्ली विश्वविद्यालय में स्नातक प्रवेश के लिए पहला सीट आवंटन शनिवार शाम पांच बजे जारी किया जाएगा। 2025-26 सत्र में 69 कालेजों के 79 कोर्सों की 71624 सीटों पर यह आवंटन होगा। डीयू प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई छात्र आवंटित सीट को स्वीकार नहीं करता तो उसे दाखिले में रुचि नहीं रखने वाला माना जाएगा और उसे कॉमन सीट एलोकेशन सिस्टम (सीएसएएस) से बाहर कर दिया जाएगा।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय में स्नातक प्रवेश के लिए पहला सीट आवंटन शनिवार शाम पांच बजे जारी किया जाएगा। 2025-26 सत्र में 69 कालेजों के 79 कोर्सों की 71,624 सीटों पर यह आवंटन होगा।
डीयू प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई छात्र आवंटित सीट को स्वीकार नहीं करता, तो उसे दाखिले में रुचि नहीं रखने वाला माना जाएगा और उसे कॉमन सीट एलोकेशन सिस्टम (सीएसएएस) से बाहर कर दिया जाएगा।
नार्थ कैंपस कॉलेजों में अतिरिक्त सीट आवंटन नहीं होगा
इस बार नार्थ कैंपस कॉलेजों में अतिरिक्त सीट आवंटन नहीं होगा, जबकि सांध्यकालीन कॉलेजों में 80-100 प्रतिशत तक अतिरिक्त सीटें दी जाएंगी।
एससी, एसटी और पीडब्ल्यूडी वर्ग के लिए 100 प्रतिशत तक अतिरिक्त सीटें आवंटित की जाएंगी। छात्रों को सलाह दी गई है कि वे डैशबोर्ड पर नजर रखें और समयसीमा के भीतर सभी औपचारिकताएं पूरी करें, अन्यथा दाखिले का मौका हाथ से जा सकता है।
71 हजार से अधिक स्नातक सीटों पर दाखिला होना है
डीयू प्रशासन के अनुसार, यह रैंक छात्रों की ओर से भरी गई कॉलेज व कोर्स की वरीयताओं के आधार पर उनके डैशबोर्ड पर प्रदर्शित होगी। हालांकि, यह केवल संभावित रैंक है और सीट आवंटन की कोई गारंटी नहीं देगी। डीयू में इस बार 71 हजार से अधिक स्नातक सीटों पर दाखिला होना है।
छात्र अपनी प्राथमिकताओं में बदलाव कर सकेंगे
छात्रों ने अपनी कॉलेज व कोर्स की वरीयताएं आठ से 14 जुलाई के बीच भरी थीं। जिन छात्रों ने अपनी प्राथमिकताओं को सेव नहीं किया, उनकी वरीयताएं आटो-लाक हो गई हैं। अब 15 और 16 जुलाई को विश्वविद्यालय सुधार विंडो खोलेगा, जिसमें छात्र अपनी प्राथमिकताओं में बदलाव कर सकेंगे।
आज पांच बजे आ सकती है लिस्ट
सिम्युलेटेड रैंक के बाद विश्वविद्यालय 19 जुलाई शाम पांच बजे पहली सीट एलोकेशन लिस्ट जारी करेगा। विशेषज्ञों के अनुसार, यह प्रक्रिया छात्रों को भावनात्मक रूप से भी तैयार करती है कि उनकी वास्तविक स्थिति क्या है और किस कॉलेज व कोर्स की सीट तक पहुंच संभव है।
छात्र विवेकपूर्ण निर्णय ले सकेंगे
डीयू प्रशासन का कहना है कि यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता बढ़ाने और दाखिला प्रणाली को अधिक छात्रहितकारी बनाने के लिए की गई है। इससे दाखिले की दौड़ में अनिश्चितता कम होगी और छात्र विवेकपूर्ण निर्णय ले सकेंगे।
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