DU से दाखिला वापस लेने वाले सिर्फ इन छात्रों को मिलेगा रिफंड, यहां देखें पूरी जानकारी
दिल्ली विश्वविद्यालय ने फीस वापसी नीति पर स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं। 10 अक्टूबर तक दाखिला रद्द कराने पर ही छात्रों को पूरी फीस वापस मिलेगी। यह नियम स्नातक स्नातकोत्तर बीटेक और इंटीग्रेटेड लॉ प्रोग्राम पर लागू है। सीएसएएस आवेदन शुल्क मध्य प्रवेश शुल्क और सीट वापसी शुल्क वापस नहीं किए जाएंगे। छात्रों को 10 अक्टूबर से पहले दाखिला रद्द कराने की सलाह दी गई है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने अपनी फीस वापसी नीति को लेकर स्पष्ट दिशानिर्देश जारी किए हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा है कि 10 अक्टूबर तक दाखिला रद्द कराने वाले छात्रों को ही पूरी फीस वापस मिलेगी।
यह नियम स्नातक, स्नातकोत्तर, बीटेक और इंटीग्रेटेड लॉ प्रोग्राम पर समान रूप से लागू होता है। डीयू के स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले की अंतिम तिथि 30 सितंबर थी। इसके बाद, शैक्षणिक सत्र शुरू होने के बाद कई छात्रों ने फीस वापसी और दाखिला रद्द कराने के संबंध में विश्वविद्यालय से स्पष्टीकरण मांगा था।
इसी संदर्भ में विश्वविद्यालय ने अपनी कॉमन सीट एलोकेशन सिस्टम (सीएसएएस) नीति के तहत फीस वापसी प्रक्रिया को स्पष्ट किया है। डीयू प्रशासन ने कहा है कि दाखिला रद्द कराने या सीट वापस लेने वाले छात्रों को केवल दाखिला फीस ही वापस मिलेगी।
हालांकि, सीएसएएस आवेदन शुल्क, मध्य प्रवेश शुल्क और सीट वापसी शुल्क किसी भी स्थिति में वापस नहीं किए जाएंगे। विश्वविद्यालय ने छात्रों को सलाह दी है कि अगर वे किसी भी कारण से अपना दाखिला रद्द कराना चाहते हैं तो 10 अक्टूबर से पहले यह प्रक्रिया पूरी कर लें ताकि उन्हें जमा की गई पूरी फीस मिल सके।
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