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    डूसू चुनाव की तैयारियां शुरू, चुनाव अधिकारी नियुक्त; स्वच्छता और अनुशासन पर दिया जा रहा विशेष ध्यान

    Updated: Fri, 01 Aug 2025 08:50 PM (IST)

    दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव 2025-26 की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इस बार चुनाव में स्वच्छता और अनुशासन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने हाई कोर्ट के सख्त रुख को देखते हुए नियमों का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना और अयोग्यता जैसी कड़ी सजा का प्रावधान किया है। दीवारों पर पोस्टर लगाने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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    डूसू चुनाव की तैयारियां शुरू, चुनाव अधिकारी नियुक्त। (प्रतीकात्मक फोटो)

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। शैक्षणिक सत्र 2025-26 की शुरुआत के साथ ही दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। लेकिन, इस बार छात्रों के मुद्दों से पहले चुनाव में स्वच्छता और अनुशासन चर्चा का केंद्र बना हुआ है। पिछले वर्ष हाई कोर्ट द्वारा चुनाव परिणाम पर लगाई गई रोक से सबक लेते हुए इस बार विश्वविद्यालय प्रशासन ने बेहद सख्त रुख अपनाने की तैयारी में है। डीयू की ओर से चुनाव अधिकारी की घोषणा भी कर दी गइ है।

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    2024 में हुए डूसू चुनाव के दौरान विश्वविद्यालय परिसर, दीवारों और सार्वजनिक संपत्तियों पर लगे पोस्टर-पर्चों के चलते न केवल परिसर की छवि धूमिल हुई, बल्कि चुनाव की निष्पक्षता पर भी सवाल खड़े हुए थे। परिणामस्वरूप, हाई कोर्ट ने मतणना पर रोक लगाते हुए साफ-सफाई को लेकर कड़ा संदेश दिया था।

    25 हजार जुर्माना और नामांकन रद करने तक की चेतावनी

    इस बार चुनाव में दीवारों को गंदा करने या सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर 25,000 का जुर्माना, निलंबन, निष्कासन या चुनाव से अयोग्य ठहराने जैसी कड़ी सजा का प्रविधान किया गया है। प्राक्टर कार्यालय ने इस संबंध में सभी कालेजों, विभागों और संस्थानों को विस्तृत एडवाइजरी जारी की है। डूसू चुनाव को छात्रों की लोकतांत्रिक समझ और नेतृत्व क्षमता का मंच माना जाता रहा है, लेकिन पिछले वर्षों में इसका चेहरा पोस्टर वार और प्रदूषण से जुड़ गया था। विश्वविद्यालय अब इसे बदलने को प्रतिबद्ध नजर आ रहा है।

    डीयू के केमिस्ट्री विभाग के प्रो. राज किशोर शर्मा को इस बार मुख्य चुनाव अधिकारी बनाया गया है, जबकि लाइब्रेरी के अध्यक्ष प्रो. राजेश सिंह चीफ रिटर्निंग आफिसर होंगे। विश्वविद्यालय के कुलपति ने सभी कालेज प्राचार्यों को अपने स्तर पर चुनाव अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं। डूसू चुनाव की संभावित तिथि सितंबर 2025 मानी जा रही है, लेकिन उससे पहले ही साफ संकेत मिल चुके हैं कि इस बार चुनाव सिर्फ विचारों और मर्यादित आचरण के आधार पर होंगे।

    नियम तोड़ने वालों के लिए सख्त शर्तें

    • पोस्टर पर नाम की गलत वर्तनी (जैसे अतिरिक्त अक्षर) भी उल्लंघन माना जाएगा।
    • ‘वाल आफ डेमोक्रेसी’ के अतिरिक्त कहीं प्रचार नहीं किया जा सकेगा।
    • पोस्टर मिलने पर छात्र को तीन दिन में हटाना होगा, अन्यथा कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
    • अगर कोई कहता है कि पोस्टर उसकी जानकारी के बिना लगाया गया है, तो उसे एफआइआर और उसका कापी विश्वविद्यालय को देनी होगी।
    • ढोल, लाउडस्पीकर, शक्ति प्रदर्शन और रैलियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।